रोडवेज की हरिद्वार रोड स्थित कार्यशाला की जमीन का सुलझेगा विवाद
रोडवेज की हरिद्वार रोड स्थित कार्यशाला की जमीन को शहरी विकास विभाग को देने व जमीन की प्रतिपूर्ति का विवाद निबटाने को सरकार ने कसरत तेज कर दी है।
देहरादून, जेएनएन। रोडवेज की हरिद्वार रोड स्थित कार्यशाला की जमीन को शहरी विकास विभाग को देने व जमीन की प्रतिपूर्ति का विवाद निबटाने को सरकार ने कसरत तेज कर दी है। सरकार ने पिछले माह ही रोडवेज के खाते में जमीन के बदले 20 करोड़ रुपये की पहली किश्त डाल दी थी, लेकिन रोडवेज कर्मचारी इससे सहमत नहीं हैं। सरकार ने जमीन की प्रतिपूर्ति राशि तय करने को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। सोमवार को इस कमेटी की पहली बैठक होने जा रही। माना जा रहा कि इस उच्चस्तरीय बैठक में जमीन की राशि का विवाद सुलझ सकता है।
स्मार्ट सिटी के तहत कार्यशाला की करीब 25 एकड़ जमीन पर जिले के सभी सरकारी दफ्तरों की ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण कराया जाना है। इसके लिए सरकार ने रोडवेज को यह जमीन शहरी विकास को ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं। रोडवेज कर्मचारी संगठन कार्यशाला की जमीन ट्रांसफर करने से पूर्व देहरादून आइएसबीटी का स्वामित्व रोडवेज के नाम करने और नई कार्यशाला बनाने एवं शिफ्टिंग के खर्च की एवज में 100 करोड़ रुपये की मांग कर रहे। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार चौधरी ने कहा कि आइएसबीटी का स्वामित्व अगर मिलता है तो नई कार्यशाला के निर्माण के लिए 50 करोड़ की राशि दी जाए।
अगर आइएसबीटी का स्वामित्व नहीं मिलता तो मौजूदा बाजारी कीमत के हिसाब से कार्यशाला की जमीन की एवज में 300 करोड़ रुपये दिए जाएं। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आइएसबीटी के स्वामित्व के साथ ही 200 करोड़ रुपये की राशि देने की मांग की हुई है। कर्मचारी संगठन उक्त मामले को लेकर आंदोलनरत हैं व पिछले दिनों बसों का चक्का जाम भी कर चुके हैं। कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए सरकार ने मामले का जल्द हल निकालने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं।
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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी की बैठक शनिवार को होनी थी, लेकिन मुख्य सचिव के नैनीताल में होने से बैठक स्थगित करनी पड़ी। अब बैठक सोमवार को होगी। उच्चस्तरीय कमेटी में परिवहन और शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली, रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान व वित्त सचिव अमित नेगी भी सदस्य हैं।
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