दिव्यांगों ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर जमकर काटा बवाल, पुलिस ने किया गिरफ्तार
देहरादून में अपनी मांगों को लेकर नाराज दिव्यांगों ने मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन किया। पुलिस के समझाने पर भी वे नहीं माने और मुख्यमंत्री से मिलने की जिद पर अड़े रहे जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दिव्यांग सरकारी नौकरी और पेंशन बढ़ाने जैसी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने पहले प्रशासन को ज्ञापन भी दिया था लेकिन कार्रवाई न होने पर मुख्यमंत्री आवास कूच किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। लंबित मांगों पर कार्रवाई न होने से नाराज दिव्यांगों ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। दिव्यांगों ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर जमकर बवाल काटा। पुलिस के समझाने के बाद भी दिव्यांग नहीं माने और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता की जिद्द पर अड़े।
जिसके बाद पुलिस ने दिव्यांगों की गिरफ्तारी करनी शुरू की। गिरफ्तार किए गए दिव्यांगों को हर्रवाला पुलिस चौकी लेजाकर छोड़ा गया। जिसके बाद दिव्यांग अपने-अपने घर को निकले।
सोमवार को दिव्यांग शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से निजी एवं कामर्शियल वाहनों से सीधे मुख्यमंत्री आवास कूच के लिए निकले। कूच के दौरान दिव्यांगों की संख्या तकरीबन 350 रही। जब पुलिस को दिव्यांगों के मुख्यमंत्री आवास कूच की भनक लगी। तो पुलिस के आला अधिकारियों के हाथपैर फूल गए।
पुलिस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री आवास की ओर वाहन दौड़ाने शुरू किए। कुछ पुलिस कर्मियों ने बैनर लेकर जा रहे दिव्यांगों को विजय कालोनी में रोकने का प्रयास किया। लेकिन दिव्यांग अपनी जिद्द पर अड़ गए। जिसके बाद संगठन का बैनर लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए।
आवास के बाहर दिव्यांगों ने जमकर बवाल काटा। पुलिस और दिव्यांगों के बीच जमकर धक्का -मुक्की हुई। पुलिस के समझने के बाद भी दिव्यांग नहीं माने। जिसके बाद दिव्यांगों को गिरफ्तार किया गया। लेकिन अधिकारियों ने सुरक्षा के पुख्ते के पुख्ते इंतजाम के साथ दिव्यांगों को हर्रवाला पुलिस चौकी छोड़ा।
संगठन के प्रतिनिधि विपिन चौहान ने बताया मौके पर कोई भी अधिकारी वार्ता के लिए नहीं पहुंचा। दिव्यांगों का सरकार उत्पीड़न करने का काम कर रही है।
प्रमुख मांग सरकारी विभाग में बैकलाग पदों पर भर्ती, दिव्यांगों की 1500 से 5000 पेंशन दिए जाने, दिव्यांग आयोग का गठन करने, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित दिव्यांग सलाहकार बोर्ड की बैठक करने समेत 15 सूत्रीय मांग है। लेकिन सरकार मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है।
इस मौके पर भूमिका यादव, अरविंद चौहान, अरुण कुमार चौधरी, अनीता शास्त्री, निर्मला मेहता, प्रेमा विश्वास, नवीन कुमार, सरिता जोशी, सत्य प्रकाश आदि मौजूद रहे।
तीन सितंबर को प्रशासन को दिया था ज्ञापन
लंबित मांगों पर कार्रवाई को लेकर दिव्यांगों ने तीन सितंबर को प्रशासन को ज्ञान दिया था। जिसमें चार दिन के भीतर सकारात्मक कार्रवाई का आग्रह किया गया था। लेकिन उत्तराखंड दिव्यांग क्रांति महाआंदोलन का आरोप है कि मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया। जिसके बाद मुख्यमंत्री आवास कूच करने का फैसला लिया।
मुख्यमंत्री कूच आवास की नहीं ली थी अनुमति
उत्तराखंड दिव्यांग क्रांति महाआंदोलन संगठन ने मुख्यमंत्री आवास कूच की अनुमति नहीं ली गई थी। लेकिन पुलिस के इंटेलिजेंस को भनक नहीं लगी कि दिव्यांग किस समय मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे। लेकिन दिव्यांग अलग-अलग क्षेत्र से निजी वाहनों से सीधे सीएम आवास पहुंच गई। जिसकी पुलिस को भी भनक नहीं लग पायी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।