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    वजन कम करने की रामबाण ट्रिक! बस रात को सोने से तीन घंटे पहले करना होगा ये काम

    Updated: Thu, 22 May 2025 12:28 PM (IST)

    Dinner Timing रात का खाना सोने से तीन घंटे पहले खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है। दून मेडिकल कॉलेज के डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि देर रात खाने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और नींद खराब होती है। अच्छी नींद के लिए नियमित समय पर सोना आरामदायक वातावरण बनाना और तनाव कम करना जरूरी है।

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    Dinner Timing: वजन कम करने में मिलेगी मदद। जागरण ग्राफ‍िक्‍स

    जागरण संवाददाता, देहरादून । डिनर यानी रात के खाने का समय बहुत अधिक मायने रखता है। डिनर हमेशा सोने से करीब तीन घंटे पहले होना चाहिए। इससे शरीर को स्वस्थ रखने में काफी मदद मिलती है। दून मेडिकल कालेज के वरिष्ठ पल्मोनोलाजिस्ट एवं श्वास रोग के विभागाध्यक्ष डा. अनुराग अग्रवाल ने हेलो जागरण में पाठकों के सवालों के जवाब देते हुए यह बात कही।

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    मोटापे के प्रति जन जागरूकता को लेकर दैनिक जागरण के विशेष अभियान 'भारी पड़ेगा वजन' के तहत दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित हेलो जागरण कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जो लोग वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें अपने डिनर के समय पर भी ध्यान देना जरूरी है।

    अगर आप खाना खाते ही सो जाते हैं या सोने से कुछ ही देर पहले डिनर करते हैं तो इससे वजन पर असर पड़ता है। जब आप सोने से ठीक पहले खाना खाते हैं, तो आपका शरीर भोजन को पचाने में व्यस्त रहता है। यह आपके शरीर को आराम देने और नींद में जाने की क्षमता को कम कर सकता है।

    देर रात को खाने से आपका मेटाबालिज्म धीमा हो जाता है, इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है। तले हुए या मसालेदार भोजन को पचाने में अधिक समय लगता है, इसलिए सोने से पहले इनसे बचना चाहिए। कैफीन और शराब का सेवन भी आपकी नींद को प्रभावित कर सकता है, खासकर यदि आप सोने से पहले इनका सेवन करते हैं।

    खराब नींद ऐसे करती है वजन को प्रभावित

    • हार्मोन असंतुलन : नींद की कमी से लेप्टिन (भूख को कम करने वाला हार्मोन) कम हो जाता है और घ्रेलीन (भूख को बढ़ाने वाला हार्मोन) बढ़ जाता है, जिससे भूख बढ़ती है और अनहेल्दी फूड्स खाने की संभावना बढ़ जाती है।
    • मेटाबालिज्म में कमी : नींद की कमी से शरीर में ऊर्जा का उपयोग करने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे वसा जमा होने लगती है।
    • तनाव : नींद की कमी से तनाव बढ़ता है, जो कार्टिसोल (तनाव हार्मोन) के स्तर को बढ़ाता है, जिससे वजन बढ़ सकता है।
    • कम व्यायाम : नींद की कमी से थकान और सुस्ती होती है, जिससे व्यायाम करने की संभावना कम हो जाती है, जो वजन बढ़ने में योगदान कर सकता है।
    • स्लीप एपनिया : स्लीप एपनिया (सोते समय सांस लेने में रुकावट) जैसी नींद की समस्याएं भी वजन बढ़ने से जुड़ी होती हैं, क्योंकि वे मेटाबालिज्म को प्रभावित करती हैं और भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को बदल देती हैं।

    स्लीप हाइजीन का रखें ध्यान

    • नियमित नींद : हर दिन एक ही समय पर सोना और उठना, भले ही सप्ताहांत में, आपके शरीर की प्राकृतिक नींद-जागने की घड़ी (साइनस) को विनियमित करने में मदद करता है।
    • आरामदायक वातावरण : आपका बेडरूम अंधेरा, शांत और ठंडा होना चाहिए। आप एक आरामदायक बिस्तर और तकिये का इस्तेमाल कर सकते हैं।
    • कैफीन और शराब से रहें दूर : कैफीन और शराब आपकी नींद पर प्रतिकूल असर डाल सकते हैं।
    • सोने से पहले स्क्रीन के इस्तेमाल से दूर रहें : सोने से एक-दो घंटे पहले टीवी, फोन या कंप्यूटर जैसी स्क्रीन से दूर रहें, क्योंकि ये नीली रोशनी नींद को बाधित कर सकती हैं।
    • तनाव को कम करने के लिए गतिविधियां : सोने से पहले ध्यान, योग या गर्म पानी का सेवन तनाव को कम करने में मदद कर सकता हैं।
    • नियमित व्यायाम : नियमित व्यायाम आपके शरीर को आराम देने में मदद कर सकता है।
    • सकारात्मक सोच : सोने से पहले सकारात्मक विचारों पर ध्यान केंद्रित करना तनाव को कम करने और अच्छी नींद में मदद कर सकता है।

    सवाल-जवाब

    • रात में बार-बार नींद टूटना और एंजाइटी की दिक्कत है। एंजाइटी के लिए दवा भी ले रहा हूं। बेहतर नींद के लिए सुझाव दें। - विनोद, राजपुर रोड
    • नींद का नियम बनाएं। हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने की कोशिश करें। इसके बाडी क्लाक ठीक रहता है। सोने से पहले रिलेक्स करें। फोन, टीवी, लैपटाप आदि से दूर रहें। शाम के बाद चाय, काफी और भारी खाना न लें। कमरे को ठंडा, अंधेरा और शांत रखें। दिन में हल्की सैर या योग, नींद सुधारने में मदद करेगा।
    • मेरी बेटी 14 साल की है। वह रात में देर से सोती है और नींद बार-बार टूटती है। उसका वजन भी बढ़ गया है। अच्छी नींद के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। - मयंक, करनपुर
    • बच्चों में नींद खराब होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे पेट के कीड़े, टांसिल, एडेनोइड्स, नाक-गले की एलर्जी, पढ़ाई से जुड़ी एंजाइटी आदि। सोने से कम से कम तीन घंटे पहले खाना खाएं, ताकि पाचन ठीक रहे। चाय, काफी, कोला जैसी चीजें शाम को न लें, क्योंकि ये नींद को प्रभावित करती हैं। सोने से कम से कम एक घंटे पहले मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर बंद कर दें। बेटी से बात करें, उसकी परेशानियां समझें और जरूरत पड़े तो किसी काउंसलर से मदद लें।
    • मेरी मां को मधुमेह की समस्या है। वह सुबह-शाम दवा लेती हैं। शाम को दवा लेने के बाद रात में बार-बार यूरिन के लिए उठना पड़ता है। जिस कारण नींद खराब होती है। दवा नहीं लेती हैं, तो स्थिति ठीक रहती है। - संजय, चंद्रबनी
    • कई मधुमेह की दवाएं पेशाब के जरिये शुगर बाहर निकालती हैं, जिससे बार-बार यूरिन आ सकता है। खासकर अगर शाम को ली जाए। सोने से पहले अधिक पानी पीने से भी यह समस्या बढ़ सकती है। कुछ दवाएं सुबह लेना ज्यादा उपयुक्त होती हैं, ताकि रात में दिक्कत न हो। एक बार अपने डाक्टर से सलाह लें। दवा लेने के पैटर्न में बदलाव मददगार हो सकता है।
    • मैं सेल्स एवं मार्केटिंग के काम से जुड़ा हूं। दिनभर व्यस्त रहता हूं। खाना खाने का भी वक्त नियत नहीं है। रात में सोता भी देर से हूं। व्यायाम का समय नहीं लगता। जिस कारण वजन बढ़ रहा है। - राजीव गुप्ता, तिलक रोड
    • अपनी खाने की आदतों में सुधार लाएं। छोटे-छोटे पोर्शन में खाएं। रात का खाना हल्का रखें। कोशिश करें कि रात का खाना सोने से कम से कम 2-3 घंटे पहले हो। वर्किंग ब्रेक में एक्टिव रहें। हर 1-2 घंटे में पांच मिनट टहलें या सीढ़ियां चढ़ें। कार में बैठते समय या काल पर चलते समय स्ट्रेचिंग करें। नींद का समय तय करें, धीरे-धीरे अपनी सोने की समयावधि नियमित करें। पर्याप्त पानी पीएं। पानी मेटाबालिज्म को बढ़ाता है और भूख को नियंत्रित करता है।