डीआइजी का पेड़ पर लगे सेबों को सुरक्षा प्रदान करने का फर्जी आदेश हुआ वायरल, एसएसपी पौड़ी को सौंपी जांच
डीआइजी गढ़वाल रेंज नीरू गर्ग के पौड़ी स्थित आवास में पेड़ पर लगे सेबों को सुरक्षा प्रदान करने संबंधी एक पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून। डीआइजी गढ़वाल रेंज नीरू गर्ग के पौड़ी स्थित आवास में पेड़ पर लगे सेबों को सुरक्षा प्रदान करने संबंधी एक पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल पत्र में आदेश का अनुपालन न होने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। इस मामले से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि शनिवार को डीआइजी गढ़वाल रेंज ने पत्र जारी कर कहा है कि उनके कार्यालय से इस तरह का कोई पत्र जारी नहीं हुआ है। उन्होंने मामले की जांच एसएसपी पौड़ी को सौंप दी है।
इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र के अनुसार यह पत्र बीती 14 जून को पौड़ी के पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय से प्रतिसार अधिकारी को जारी किया गया। पत्र में कहा गया है कि उप महानिरीक्षक आवास में एक सेब का पेड़ है। पत्र में प्रतिसार अधिकारी से अपेक्षा की गई कि वे आवास में तैनात कर्मियों को आदेशित करें कि उक्त सेब के पेड़ की सुरक्षा में लापरवाही न बरती जाए। साथ ही फलों को बंदरों से बचाने का प्रयास किया जाए।
पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि आदेश के अनुपालन में लापरवाही होने पर कर्मियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगा। उधर, इस संबंध में पुलिस उपाधीक्षक पीएल टम्टा का कहना है कि सरकारी संपत्ति की सुरक्षा में तैनात गार्ड की जिम्मेदारी परिसर में मौजूद प्रत्येक वस्तु की सुरक्षा की होती है। बताया कि पिछले दिनों उन्होंने बंगले का औचक निरीक्षण किया व देखा कि सेब के पेड़ पर बंदरों का आतंक मचा हुआ था। उन्होंने मौके पर ही गार्ड को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। साथ ही पत्र जारी कर गार्ड को सतर्क रहने को कहा।
डीआइजी ने एसएसपी पौड़ी को सौंपी जांच
डीआइजी गढ़वाल रेंज नीरू गर्ग ने शनिवार को एसएसपी पौड़ी पी रेणुका देवी को इस मामले की जांच सौंप दी है। एसएसपी को लिखे पत्र में डीआइजी ने कहा है कि पेड़ व फलों की सुरक्षा को लेकर कोई भी पत्र उनके कार्यालय से जारी नहीं किया गया है। उन्होंने एसएसपी को निर्देशित किया है कि पत्र किसकी ओर से तैयार किया गया है एवं किसके माध्यम से इसे प्रसारित किया जा रहा है, इस संबंध में जांच कर आरोपितों को चिह्नित किया जाए। साथ ही उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए आख्या तत्काल उपलब्ध कराई जाए।

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