सिर्फ मनुष्य को है अच्छे और बुरे कर्म का विवेक
गोकथा मर्मज्ञ संत गोपालमणि महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन सत्कर्म और शुभकर्म करने के लिए मिला है। सभी प्राणियों में केवल मनुष्य ही विवेकशील प्राणी है।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
गोकथा मर्मज्ञ संत गोपालमणि महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन सत्कर्म और शुभकर्म करने के लिए मिला है। सभी प्राणियों में केवल मनुष्य ही विवेकशील प्राणी है। क्या करना है, क्या नहीं, यह विवेक सिर्फ मनुष्य के अंदर ही है। इसलिए मनुष्य को हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए।
गौ भक्त मंडल ऋषिकेश की ओर से गंगा तट त्रिवेणी घाट पर आयोजित धेनुमानस गोकथा में संत गोपालमणि महाराज गाय और मनुष्य के संबंध को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि गोमाता की कथा इस दुनिया की सबसे पुरानी कथा है, लेकिन दुनिया के लोग भूल गए हैं। उन्होंने कहा कि आज भी धरती गाय, बाह्मण, कन्या, धर्मात्माओं तथा पुण्यात्माओं पर टिकी है। सभी का आह्वान करते हुए उन्होंने गाय के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति गाय के पक्ष में खड़े होता है तो उसके जीवन की सभी के सारे संकट खत्म हो जाते हैं।
आचार्य सीताशरण महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि व्यस्तता हो अवश्य मगर, वह सृजनात्मक, जनात्मक कार्यों में हो, रचनात्मक कार्यों में हो तभी समय का सदुपयोग समझा जायेगा। उन्होंने कहा कि समय किसी के साथ नहीं चलता, हमें ही इसके साथ चलना पड़ेगा और एक बात समय किसी के लिए रूकता भी नही। अत:समय अमूल्य है हर क्षण घट रहा है, यह आज है कल नहीं, अभी है फिर नहीं। इसलिए इसका महत्व समझे। कथा श्रवण में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ,चंदना साधुका, उमेश सूद, कुसुम भट्ट, विकास पाटनी, दयाशंकर महाराज, आशीष शुक्ला, आरके सूरी, आचार्य राकेश सेमवाल आदि शामिल थे।
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