Updated: Thu, 02 Oct 2025 07:16 AM (IST)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षा पर विपक्ष की आलोचना की और सीबीआई जांच को मंजूरी दी। उन्होंने विपक्ष पर युवाओं का इस्तेमाल कर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाया। धामी ने कहा कि सरकार ने नकल माफिया पर सख्त कार्रवाई की है और युवाओं के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने युवाओं को आश्वस्त किया कि उनकी सभी जायज मांगें पूरी की जाएंगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा को लेकर विपक्ष के रवैये पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि जो लोग अपने सीबीआइ और ईडी की जांच पर सवाल उठाते रहे हैं, वे भर्ती परीक्षा प्रकरण में युवाओं को आगे कर सीबीआइ की जांच की मांग के माध्यम से राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रहे थे। बच्चों की परेशानियों को देखकर और अराजक तत्वों के षडयंत्र को विफल करने के लिए उन्हें आगे आना पड़ा।
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उन्होंने स्वयं युवाओं से भेंट कर उन्हें आश्वस्त किया कि सीबीआइ जांच कराने के साथ ही उनकी सभी न्यायोचित मांगें पूरी की जाएंगी। उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी घोषणा के अनुरूप यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षा की सीबीआइ जांच कराने संबंधी पत्रावली को अनुमोदित कर दिया।
मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में बुधवार को शहरी विकास से जुड़ी कई महत्वाकांक्षी योजनाओं के लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री धामी भर्ती परीक्षा के नाम पर राजनीति को लेकर विपक्ष के रवैये से क्षुब्ध दिखे।
उन्होंने कहा कि हाल ही में एक नकल के मामले की जानकारी मिलते ही सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपितों को गिरफ्तार किया और पूरी परीक्षा की जांच के लिए एसआइटी गठित की। परंतु विपक्ष इस मामले की आड़ में हमारे युवाओं को ढाल बनाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश करने लगा। प्रदेश में अराजकता फैलाने के प्रयास किए जाने लगे।
कांग्रेस नेताओं का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि जो लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते सीबीआइ और ईडी की जांच पर सवाल उठाते रहे हैं, उन्होंने सीबीआई जांच की मांग कर इस प्रकरण का राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास किया। युवाओं के हितों के लिए सिर झुका और स्वयं को मिटा सकता हूं मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने और नकल माफिया पर अंकुश लगाने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया है।
इसी का परिणाम है कि पिछले चार वर्षों में राज्य के 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली हैं, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। इस कानून के लागू होने के पश्चात 100 से अधिक नकल माफिया को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया, जिन्होंने पूर्व की सरकारों के समय उत्तराखंड में नकल को एक उद्योग बना दिया था। ये सभी कदम हमारी सरकार ने युवाओं का भविष्य और हित सुनिश्चित करने के लिए ही उठाए हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कुछ लोग तो ये भी कह रहे हैं कि हम युवाओं के आगे या सीबीआइ जांच की मांग करने वालों के आगे झुक गए। ऐसे सभी व्यक्तियों को संदेश देते हुए उन्होंने दोहराया कि वह युवाओं के हितों की रक्षा के लिए सर झुका भी सकता हैं और स्वयं को मिटा भी सकते हैं।
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