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    धामी सरकार ने आपदा राहत-शहरी विकास को खोली पोटली, सदन में 5 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश

    उत्तराखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ₹5013.05 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया। इस बजट में आपदा राहत शिक्षा स्वास्थ्य और अवसंरचना विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। बजट में गरीब युवा किसान और महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। सीमांत गांवों के विकास के लिए ₹130 करोड़ और बड़े निर्माण कार्यों के लिए ₹748.40 करोड़ की व्यवस्था की गई है।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Fri, 23 Aug 2024 01:49 AM (IST)
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    सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को सदन में अनुपूरक बजट पेश करने जाते वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल। साभार- सूवि

    राज्य ब्यूरो, गैरसैंण। ग्रीष्मकालीन राजधानी में विधानसभा सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को सदन में प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 5013.05 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। अनुपूरक में पुष्कर सिंह धामी सरकार ने बरसात के मौसम में आपदा से बेहाल क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्यों एवं पुनर्निर्माण कार्यों, शहरी विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए बजट पोटली खोल दी। 

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    वार्षिक बजट की भांति गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी यानी ज्ञान (जीवाइएएन) को अनुपूरक मांगों में भी प्राथमिकता मिली है। वाइब्रेंट विलेज यानी सीमांत गावों के विकास पर 130 करोड़ की बड़ी राशि खर्च की जाएगी। बड़े निर्माण कार्यों के लिए 748.40 करोड़ की राशि की व्यवस्था कर सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अवस्थापना विकास उसकी शीर्ष प्राथमिकता है।

    पूंजीगत पक्ष में 1256.16 करोड़ रुपये की व्यवस्था

    भराड़ीसैंण में विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भोजनावकाश के बाद सदन में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने चालू वित्तीय वर्ष की प्रथम अनुपूरक मांगें प्रस्तुत कीं। उन्होंने बताया कि अनुपूरक बजट में राजस्व पक्ष में 3756.89 करोड़ और पूंजीगत पक्ष में 1256.16 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। 

    केंद्रपोषित योजनाओं के लिए 1531.65 करोड़ और बाह्य सहायतित योजनाओं के लिए 273.17 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बजट में जन कल्याण को समर्पित योजनाओं को अधिक बल मिला है। 

    आपदा प्रबंधन के अंतर्गत एसडीआरएफ मद में 718.40 करोड़, एसडीएमएफ के अंतर्गत 218.60 करोड़, जिलाधिकारियों को आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण को 20 करोड़ की राशि दी गई है।

    शिक्षण संस्थाओं का अपने भवनों का सपना होगा पूरा

    अनुपूरक मांगों में समग्र शिक्षा के अंतर्गत 698 करोड़ की राशि खर्च होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि वृहद निर्माण कार्य सरकार की प्राथमिकता हैं। टिहरी झील के विकास को 50 करोड़, नाबार्ड पोषित लघु सिंचाई योजना के लिए 40 करोड़, गो सदनों के निर्माण को 32 करोड़, राज्य संपत्ति विभाग के आवासीय और अनावासीय भवन निर्माण को 25 करोड़ रुपये रखे गए हैं। 

    शिक्षण संस्थाओं के अपने भवनों का सपना पूरा करने को सरकार ने प्राथमिकता दी है। राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों के लिए 14 करोड़, पालीटेक्निकों के लिए भूमि की खरीद अथवा भवन निर्माण के लिए 10 करोड़ की राशि और नर्सिंग कालेजों की स्थापना को 25 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

    निकाय चुनाव से पहले शहरी विकास पर धनवर्षा

    नगर निकाय चुनाव से पहले अनुपूरक बजट में शहरी विकास पर धनवर्षा की गई है। आवास एवं शहरी विकास के अंतर्गत 528 करोड़ से अधिक धनराशि खर्च की जा सकेगी। नगरीय अवस्थापना के सुदृढ़ीकरण और बाह्य सहायतित योजनाओं के लिए 192 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। 

    आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए आवास निर्माण को 96.76 करोड़, यूनिटी माल अथवा प्लाजा निर्माण को 69 करोड़, और सीवरेज प्रबंधन कार्यों के लिए एनजीटी के निर्देश पर रिंग फेंसिंग को 120 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 

    स्थानीय निकायों के सशक्तीकरण को 45.92 करोड़, स्वच्छ भारत मिशन फेज-एक के लिए चार करोड़, उत्तराखंड शहरी स्थानीय निकाय सुधार प्रोत्साहन निधि को एक करोड़, नजूल भूमि फ्रीहोल्ड करने को जमा धनराशि की वापसी को 50 लाख की राशि अनुपूरक मांगों में सम्मिलित की गई।

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