Move to Jagran APP

सल्ट के जरिये प्रदेश की सियासत गरमाने को ताकत झोंक रही कांग्रेस

कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता इन दिनों सल्ट विधानसभा क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं। प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल इस चुनाव में भाजपा और मुख्यमंत्री को उकसाकर प्रदेश की सियासत को गरमाने का खास प्रयास कर रहा है। चुनाव प्रचार में सरकार की नीतियां कांग्रेस के निशाने पर हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 05:34 PM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 05:34 PM (IST)
सल्ट के जरिये प्रदेश की सियासत गरमाने को ताकत झोंक रही कांग्रेस
सल्ट के जरिये प्रदेश की सियासत गरमाने को ताकत झोंक रही कांग्रेस।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। सल्ट उपचुनाव के माध्यम से कांग्रेस प्रदेश का सियासी माहौल गरमाने को ताकत झोंक रही है। इसीलिए पार्टी ने एक बार फिर उपचुनाव के बहाने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को निशाने पर लिया है। क्षेत्र में चुनाव प्रचार में डटे कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री इस सीट से चुनाव लड़ते तो राज्यहित में एक और चुनाव से बचा जा सकता था।

loksabha election banner

कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता इन दिनों सल्ट विधानसभा क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं। प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल इस चुनाव में भाजपा और मुख्यमंत्री को उकसाकर प्रदेश की सियासत को गरमाने का खास प्रयास कर रहा है। चुनाव प्रचार में सरकार की नीतियां कांग्रेस के निशाने पर हैं ही, साथ में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को घेरने का प्रयास भी किया जा रहा है। इस उपचुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी के चयन में हो रही देरी की वजह से कांग्रेस को अंदेशा था कि इस सीट से मुख्यमंत्री को चुनाव लड़ाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री वर्तमान में पौड़ी सीट से सांसद हैं। उन्हें पद पर बने रहने के लिए छह माह के भीतर विधानसभा चुनाव लड़ना होगा। कांग्रेस के इस अंदेशे को दरकिनार करते हुए भाजपा ने सल्ट सीट से दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के भाई को प्रत्याशी बनाया है। सत्तारूढ़ इस चुनाव में सहानुभूति लहर पर सवार रहना चाहती है। चुनाव को लेकर जहां भाजपा शांत और माहौल में ज्यादा गरमी आने देने के पक्ष में नहीं है, वहीं कांग्रेस इसके माध्यम से 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी को धार देने में जुटी है।

यही वजह है कि कांग्रेस ने इस चुनाव के बहाने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है। पार्टी को उम्मीद है कि उसका निशाना सत्तारूढ़ दल में शांत दिखने की रणनीति में खलल डालेगा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पर हमले के बाद भाजपा के लिए चुप बैठना शायद ही मुमकिन हो। दूसरी ओर ताव दिलाने के कांग्रेस के तमाम तौर-तरीकों के बावजूद भाजपा का ध्यान बयानबाजी से ज्यादा जमीन पर चुनौती का जवाब देने पर है।

यह भी पढ़ें-सल्ट विधानसभा उपचुनाव : कांग्रेस प्रत्याशी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने की अपील

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.