Move to Jagran APP

अब घातक होती जा रही डेंगू की बीमारी, घर-घर मच्छर ढूंढ रहा स्वास्थ्य महकमा Dehradun News

डेंगू की बीमारी घातक होती जा रही है। देहरादून में 10 और लोगों में डेगू की पुष्टि हुई है। इनमें पांच महिलाएं व पांच पुरुष शामिल हैं। यह सभी लोग अलग-अलग क्षेत्रों के रहने वाले हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 09:27 AM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 09:27 AM (IST)
अब घातक होती जा रही डेंगू की बीमारी, घर-घर मच्छर ढूंढ रहा स्वास्थ्य महकमा Dehradun News
अब घातक होती जा रही डेंगू की बीमारी, घर-घर मच्छर ढूंढ रहा स्वास्थ्य महकमा Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। डेंगू की बीमारी घातक होती जा रही है। शहर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती युवती को इस कारण लिवर व किडनी समेत श्वास संबंधी दिक्कत हो गई है। डॉक्टर इसे शॉक सिंड्रोम बता रहे हैं। 

loksabha election banner

 वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार के अनुसार, अगर डेंगू का सही समय पर इलाज न किया जाए, तो बीमारी गंभीर और खतरनाक हो जाती है। तीसरी स्टेज में पहुंचने पर व्यक्ति को डेंगू शॉक सिंड्रोम का खतरा होता है। आमतौर पर इस स्टेज में पहुंचने पर डेंगू खतरनाक हो जाता है। इस बीमारी के सामान्य लक्षण के साथ ही मरीज को बेचैनी और तेज बुखार के बावजूद  स्किन ठंडी महसूस होती है। मरीज धीरे-धीरे होश खोने लगता है। मरीज की नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलने लगती है। उसका ब्लड प्रेशर एकदम लो हो जाता है। इसमें कई बार मल्टी ऑर्गन फेल्योर भी हो जाता है। इसमें सेल्स के अंदर मौजूद फ्लूड बाहर निकल जाता है। पेट के अंदर पानी जमा हो जाता है। फेफड़ों और लिवर पर बुरा असर पड़ता है और ये काम करना बंद कर देते हैं।

नोडल अधिकारी को डेंगू 

डेंगू का डंक लगातार गहरा होता जा रहा है। आम और खास, हर कोई इसकी जद में हैं। बल्कि अब डेंगू का उपचार करने वाले डॉक्टर व स्टाफ भी इससे अछूते नहीं हैं। यह बीमारी अब उन्हें भी अपनी गिरफ्त में लेने लगी है। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में इस बीमारी के नोडल अधिकारी को भी डेंगू हो गया है। वह पिछले कई दिन से बुखार से पीडि़त हैं।

अब घर-घर मच्छर ढूंढ रहा स्वास्थ्य महकमा

डेंगू का कहर थम नहीं रहा है। इसके बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा भी हलकान है। क्योंकि बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए किये जा रहे तमाम उपायों के बाद भी डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता कम नहीं हो रही है। स्थिति यह कि शुरुआती चरण में देहरादून के रायपुर व आसपास के क्षेत्र में अपना असर दिखाने वाले मच्छर की दस्तक अब घर-घर तक होने लगी है। आम व खास इसकी जद में हैं। बुधवार को भी जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी सुभाष जोशी की अगुवाई में विभागीय टीम नेहरुग्राम स्थित आदर्श कालोनी पहुंची। टीम ने यहां पर 50 घरों में मच्छर के लार्वा का सर्वे किया। निरीक्षण के दौरान देखा गया कि अधिकांश घरों में कूलर, पानी खुली टंकियां, बिखरे हुए प्लास्टिक के डिस्पोजल आदि में रुके हुए पानी में डेगू मच्छर का लार्वा पनप रहा है। टीम ने ऐसे सभी कूलरों व टंकियों से पानी खाली कराकर लार्वा नष्ट किया। साथ ही क्षेत्र के डेंगू की बीमारी के कारण व बचाव के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि खाली बर्तनों में रुके हुए पानी में मच्छर पनपने की सर्वाधिक संभावना रहती है। लिहाजा खाली बर्तनों में पानी जमा न होने दें। फिलहाल बिना पानी डाले ही कूलर प्रयोग करें। कहा कि अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें। नगर निगम को प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग कराने के लिए कहा गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्षेत्र में स्वास्थ्य जांच शिविर भी आयोजित किया गया। शिविर में वायरल बुखार के मरीजों को भी दवा दी गई। वहीं 19 डेगू संदिग्ध मरीजों के ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए दून अस्पताल की लैब भेजे गए। इससे पहले क्षेत्र के पार्षद नरेश रावत ने शिविर का उद्घाटन किया।

दस और मरीजों में हुई डेंगू की पुष्टि 

डेंगू की बीमारी फैलाने वाला मच्छर हर दिन किसी न किसी पर डंक मार रहा है। बुधवार को देहरादून में 10 और लोगों में डेगू की पुष्टि हुई है। इनमें पांच महिलाएं व पांच पुरुष शामिल हैं। यह सभी लोग अलग-अलग क्षेत्रों के रहने वाले हैं। इस तरह दून में अब डेगू पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 481 हो गई है। जबकि राज्य में यह आंकड़ा 493 तक पहुंच गया है। महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को डेंगू का ज्यादा डंक लग रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि अब तक जिन लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है, उनमें 319 पुरुष व 174 महिलाएं शामिल हैं। 

डेगू प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दौरा किया। नगर निगम की मदद से क्षेत्रों में फॉगिंग कराई गई है। सरकारी व निजी अस्पतालों में भी भर्ती होने वाले डेंगू पीड़ित मरीजों की सं या लगातार बढ़ती जा रही है। सरकारी अस्पतालों की बात की जाए तो दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के अलावा कोरोनेशन अस्पताल व गांधी शताब्दी चिकित्सालय में डेगू के मरीजों के इलाज के लिए अलग आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। यह सभी वार्ड मरीजों से फुल हैं। वहीं कई मरीज निजी अस्पतालों में जाकर उपचार करा रहे हैं।

अस्पताल में अव्यवस्थाएं देख भड़के पूर्व विधायक 

पूर्व विधायक राजकुमार ने बुधवार को दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय पहुंचकर यहां आइसोलेशन वार्ड में भर्ती डेंगू पीड़ित मरीजों का हाल जाना। इस दौरान अस्पताल में अव्यवस्थाएं देख वह दंग रह गए। कई मरीज बरामदे में फर्श पर लेटे हुए हैं। 

वार्डो में सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं है। उन्होंने इसकी शिकायत अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा से की। शिकायत मिलने पर डॉ. टम्टा भी मौके पर पहुंचे और पूर्व विधायक को बताया कि डेंगू पीड़ित मरीजों को उपचार की समुचित सुविधा अस्पताल में मिल रही है। आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के बेड को मच्छरदानी से कवर किया गया है। कहा कि व्यवस्थाएं सुधारने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।

पूर्व विधायक ने कहा कि शहर में डेगू पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि मरीजों के उपचार के लिए सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं कि मरीजों के उपचार में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। लेकिन हालात उलट हैं। अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड तक उपलब्ध नहीं हैं। कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का यह आलम तब है जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास ये महकमा है।

डेंगू अप,प्लेटलेट्स 'डाउन

डेंगू के डंक से बीमारों की संख्या में इजाफा होने के साथ प्लेटलेट्स की कमी होने लगी है। सरकारी व निजी ब्लड बैंक प्लेटलेट्स की मांग पूरी करने में अक्षम साबित हो रहे हैं। अधिकतर को दिनभर इधर-उधर दौड़ लगाने के बाद भी निराश होना पड़ रहा है। 

दरअसल, दून में रुड़की-हरिद्वार सहित सहारनपुर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई अन्य हिस्सों से मरीज पहुंच रहे हैं। मरीजों की इस बढ़ती तादाद के कारण व्यवस्थाएं धड़ाम होने लगी हैं। प्लेटलेट्स की कमी भी इन्हीं में एक है। जिन्हें प्लेटलेट्स  मिल भी रहे हैं, उन्हें यह तय समय बीतने पर चढ़ाया जा रहा है। जो कारगर नहीं है।

किसी भी ग्रुप के चढ़ सकते हैं प्लेटलेट्स

मेडिकल साइंस के अनुसार प्लेटलेट्स किसी भी ब्लड ग्रुप के किसी को भी चढ़ाए जा सकते हैं। दून अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार ने बताया कि जानकारी के अभाव में डॉक्टर ग्रुप की डिमांड करते हैं। जबकि प्लेटलेट्स को लेकर यह जरूरी नहीं कि उसे ग्रुप के हिसाब से ही चढ़ाया जाए। लेकिन अगर ब्लड का सेपरेशन अधूरा रहा, उसमें रक्त की मात्रा मिली रह गयी तो फिर वो रिएक्शन कर सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि प्लेटलेट्स की पूरी जांच के बाद उसे दिया जाना चाहिए।

ये हैं तकनीक

होल ब्लड या रैंडम डोनर

इसमें कई मरीजों का होल ब्लड लिया जाता है, जिसमें बाद में खून से प्लेटलेट्स अलग करके स्टोर कर लिए जाते हैं। इस तरह से लिए गए एक यूनिट खून से 5000 प्लेटलेट्स मिलते हैं।

सिंगल डोनर प्लेटलेट्स

इसे जंबो पैक भी कहा जाता है। इसमें रक्तदाता से पूरा ब्लड न लेकर केवल खून से प्लेटलेट्स लिए जाते हैं, जबकि बाकी खून शरीर में दोबारा चला जाता है। एफेरेसिस मशीन के जरिए प्लेटलेट्स लेने का काम किया जाता है।

इनका रखें ध्यान

  •  24 से 48 घटे के बीच रक्त में प्लेटलेट्स दोबारा बन जाते हैं।
  • प्लेटलेट्स के लिए ब्लड मिलाने की जरूरत नहीं होती, हालाकि ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के लोग प्लेटलेट्स दान नहीं कर सकते।
  • विटामिन और कैल्शियम शरीर में प्लेटलेट्स का तेजी से निर्माण करने में मदद करते हैं।
  • रक्त में प्लेटलेट्स की कमी रक्तस्राव का कारण बनती है तो प्लेटलेट्स की अधिकता से थ्रोम्बोसाइटोसिस हो सकता है, जो रक्त को गाढ़ा बना देता है।
  • डॉ. डीडी चौधरी (सचिव आइएमए ब्लड बैंक) का कहना है कि हम प्रतिदिन तकरीबन 130 यूनिट प्लेटलेट्स दे रहे हैं। इसके अलावा तकरीबन 10-12 जंबो पैक भी बनते हैं। लेकिन जितनी मांग है प्लेटलेट्स की उपलब्धता उस अनुपात में नहीं है। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को अधिकाधिक रक्तदान के लिए आगे आना चाहिये। 
  • अमित चंद्रा (समन्वयक ब्लड बैंक श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल) का कहना है कि प्लेटलेट्स की फिलक्त बहुत ज्यादा मारामारी है। तकरीबन 70-80 यूनिट प्लेटलेट्स बहुत कम समय में निपट जा रहे हैं। ऐसे वक्त पर लोगों को अधिकाधिक रक्तदान को आगे आना होगा।
  • डॉ. केके टम्टा (चिकित्सा अधीक्षक दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय) का कहना है कि रक्तदान पर्याप्त मात्रा में हो नहीं रहा। ऐसे में लोगों को रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए, अगर ऐसा न हुआ तो प्लेटलेट्स की मांग पूरी कर पाना मुश्किल हो जाएगा। 

यह भी पढ़ें: सरकारी भवनों में मिल रहे डेंगू के लार्वा, 51 नए मरीजों में पुष्टि Dehradun News

यह भी पढ़ें: डेंगू का डंकः सरकारी महकमों में चिराग तले अंधेरा Dehradun News


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.