Dehradun Lockdown: दून में गैस का बैकलॉग लगभग खत्म, सिलेंडरों की डिलीवरी हुई समान्य
लॉकडाउन के बाद पैनिक बुकिंग के चलते दून में एजेंसियों का बैकलॉग 1500 से 3000 प्रति एजेंसी तक पहुंच गया था लेकिन लगातार सप्लाई और गैस एजेंसियों के मुस्तैदी से अब स्थिति सामान्य है।
देहरादून, जेएनएन। देहरादून में गैस एजेंसियों का बैकलॉग लगभग खत्म होने को है। लॉकडाउन के बाद पैनिक बुकिंग के चलते दून में एजेंसियों का बैकलॉग 1500 से 3000 प्रति एजेंसी तक पहुंच गया था, लेकिन लगातार सप्लाई और गैस एजेंसियों के मुस्तैदी से अब स्थिति सामान्य हो चुकी है।
दरअसल, लॉकडाउन से पूर्व ही तमाम अफवाहों के चलते देहरादून में घरेलू गैस की पैनिक बुकिंग शुरू हो गई। एजेंसियों पर 3000 से 3500 के बीच तक बैकलॉक पहुंच गया था। दून में लगभग 50 गैस एजेंसियां हैं, जिनका कुल बैकलॉग 70000 के पार पहुंच गया था। मगर अब लगातार आपूर्ति और गैस एजेंसियों की मुस्तैदी के चलते बैकलॉग लगभग समाप्त हो गया है।
एलपीजी एसोसिएशन के अध्यक्ष चमनलाल ने बताया कि 15 दिन पहले गैस एजेंसियों पर बैकलॉग 3000 के पार पहुंच गया था। जिसे कम कर पाना मुश्किल हो गया था। अब स्थिति सामान्य है। उधर आईओसी के उप महाप्रबंधक प्रभात वर्मा ने बताया कि डिमांड बढ़ने के साथ प्रोडक्शन भी बढ़ा दिया गया था। अब सभी एजेंसियों का बैकलॉग लगभग समाप्त हो गया है।
बुकिंग के बीच गैप से सुधरे हालात
पैनिक बुकिंग को काबू में करने के लिए आईओसी, एचपीसीएल, बीपीसीएल तीनों गैस कंपनियों ने दूसरी बुकिंग के लिए न्यूनतम दो हफ्ते का गैप लागू कर दिया। इसके अलावा जिला प्रशासन ने कैश एंड कैरी व्यवस्था खत्म कर केवल होम डिलीवरी की। चुघ गैस एजेंसी संचालक वीरेश मित्तल ने बताया कि बुकिंग के बीच गैप लागू करने और केवल होम डिलीवरी व्यवस्था लागू करने से एजेंसियों को काम करने में काफी सुविधा रही।
मां शीतला उद्योग को नियमों के तहत ही मिला लाइसेंस
भीमताल स्थित मां शीतला उद्योग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने विधिवत लाइसेंस लेने के बाद ही हैंड सेनिटाइजर बनाना शुरू किया है। औषधि नियंत्रक और आबकारी विभाग ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कंपनी को हैंड सेनिटाइजर बनाने की अनुमति दी है। राज्य सरकार ने तात्कालिक जरूरत को देखते हुए इच्छुक डिस्टिलरियों को यह अधिकार दिए हैं।
कुमाऊं मंडल के ड्रग लाइसेंसिंग ऑफिसर हेमंत नेगी ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बाजार में हैंड सेनिटाइजर की अचानक मांग बढ़ गई है। वर्तमान में उपलब्ध स्टाक से मांग पूरी करना संभव नहीं हो पा रहा था। बाजार में हैंड सेनिटाइजर की कमी को पूरा करने के लिए सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत इच्छुक डिस्टिलरियों को इसकी अनुमति दी जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि भीमताल स्थित शीतला उद्योग प्राइवेट लिमिटेड ने हैंड सेनिटाइजर बनाने की अनुमति के लिए आवेदन किया था। जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद कंपनी को इसकी अनुमति दे दी गई है। फिलहाल कंपनी को एक महीने की अवधि के लिए हैंड सेनिटाइजर बनाने का लाइसेंस दिया गया है, इसके बाद आगे जैसी जरूरत होगी, उसी आधार पर लाइसेंस की अवधि को लेकर निर्णय किया जाएगा।
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इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी राजीव चौहान ने बताया कि मां शीतला उद्योग प्राइवेट लिमिटेड को नियमों के तहत हैंड सेनिटाइजर बनाने की अनुमति दी गई है। इससे पहले कंपनी ने औषधि विभाग से लाइसेंस प्राप्त कर लिया था। इसकी पुष्टि के बाद ही आबकारी विभाग कंपनी को यह अनुमति दी। कंपनी को लाइसेंस एक महीने के लिए मिला हुआ है।
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