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    देहरादून महिलाओं के लिए असुरक्षित शहर! राष्ट्रीय महिला आयोग की चौंकाने वाली रिपोर्ट आई सामने

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 08:46 AM (IST)

    राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देहरादून में 55% महिलाएं अश्लील टिप्पणियों और 50% सार्वजनिक परिवहन में उत्पीड़न का शिकार हैं। शहर महिला सुरक्षा के मामले में असुरक्षित है जहां 21% महिलाएं शारीरिक और 10% मानसिक उत्पीड़न झेलती हैं। सर्वेक्षण में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने और सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसे सुझाव दिए गए। रात में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं महिला-अनुकूल बुनियादी ढांचे की कमी महसूस की गई है।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। राजधानी में 55 प्रतिशत महिलाएं अश्लील टिप्पणी की शिकार हो रही हैं। वहीं 50 प्रतिशत महिलाओं का सार्वजनिक परिवहन में उत्पीड़न होता है। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की ओर से जारी किए गए नेशनल एनुअल रिपोर्ट इंडेक्स (नारी)-2025 के आंकड़ों में इस बात का जिक्र किया गया है।

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    रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड की राजधानी देहरादून महिला सुरक्षा के मामले में देश के 31 शहरों में से सबसे असुरक्षित शहरों की सूची में शामिल किया गया है। हालांकि यह सर्वे 31 शहरों में केवल 12700 महिलाओं पर सर्वे किया है।

    राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) नेशनल एनुअल रिपोर्ट इंडेक्स के आंकड़े

    सर्वे रिपोट्र के अनुसार शहर में 21 प्रतिशत महिलाओं का शारीरिक व 10 प्रतिशत मानसिक उत्पीड़न हो रहा है। वहीं 19 प्रतिशत महिलाओं को पड़ोसियों की ओर जबकि 13 प्रतिशत महिलाओं से कार्यस्थल पर उत्पीड़न हो रहा है।

    उत्पीड़न की शिकार 40 प्रतिशत महिलाओं ने शिकायत करने की बजाए उस क्षेत्र में ही जाना छोड़ दिया। जबकि 26 प्रतिशत महिलाओं ने घटना की सूचना अधिकारियों काे दी, वहीं केवल चार प्रतिशत उत्पीड़न की शिकार महिलाओं ने पुलिस विभाग की ओर से जारी एप का इस्तेमाल कर मदद की गुहार लगाई।

     सर्व में यह पाया गया

    •  देहरादून में, 50 प्रतिशत महिलाएं शहर को अत्यधिक सुरक्षित या सुरक्षित मानती हैं, जो अन्य भारतीय शहरों के राष्ट्रीय औसत 60 प्रतिशत से कम है। जबकि 10 प्रतिशत महिलाएं असुरक्षित या अत्यधिक असुरक्षित महसूस करती हैं।
    •  देहरादून में दिन और रात के बीच सुरक्षा संबंधी धारणाएं काफी अलग होती हैं। दिन के समय, 70 प्रतिशत महिलाएं बेहद सुरक्षित या सुरक्षित महसूस करती हैं, लेकिन रात में बेहद सुरक्षित या अरक्षित महसूस करने वालों का अनुपात घटकर 44 रह जाता है। रात में 33 प्रतिशत महिलाए सामान्य और 14 प्रतिशत महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं, जो अंधेरे के बाद सुरक्षा संबंधी बढ़ती चिंताओं का संकेत है।
    •  देहरादून में केवल 24 प्रतिशत महिलाएं महिला-अनुकूल बुनियादी ढांचे को अत्यधिक सुरक्षित मानती हैं, जबकि 59 प्रतिशत महिलाएं अत्यधिक आश्वस्त महसूस करती हैं। 28 प्रतिशत महिलाएं मानती हैं कि 2023 और 2024 में सुरक्षा में सुधार हुआ है, जबकि 23 प्रतिशत महिलाएं मानती हैं कि स्थिति और खराब हुई है।
    •  देहरादून में 6 प्रतिशत महिलाओं ने सार्वजनिक स्थानों पर उत्पीड़न की शिकायत की, जो राष्ट्रीय औसत 7 प्रतिशत से कम है। प्रभावित महिलाओं में से एक महत्वपूर्ण हिस्से ने कई बार उत्पीड़न का अनुभव किया, जबकि अन्य ने केवल एक बार ही इसका सामना किया।
    •  रिपोर्ट में तर्क दिया गया है कि देहरादून में सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक है। यहां के निवासी रात की तुलना में दिन में ज़्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। हालांकि इसमें सुधार की गुंजाइश है। सार्वजनिक स्थानों, परिवहन और कानून प्रवर्तन को बेहतर बनाने पर निरंतर ध्यान देने से, इन क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है और शहर में महिलाओं के लिए एक ज़्यादा सुरक्षित वातावरण बनाया जा सकता है।

    सर्वे के दौरान महिलाओं ने यह दिए सुझाव

    सर्व के दौरान 45 महिलाओं ने सुझाव दिया है कि पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जाए, वहीं 18 प्रतिशत महिलाओं ने हर जगह महिला पुलिस उपलब्ध रहने, 39 प्रतिशत महिलाओं ने महिला सुरक्षा आधारभूत संरचना, 28 प्रतिशत ने सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, 21 प्रतिशत ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण, 13 प्रतिशत ने सख्त कानून प्रवर्तन, 11 प्रतिशत ने पेनिक बटन व महिला सुरक्षा एप और नौ प्रतिशत महिलाओं ने सार्वजनिक स्थलों पर उचित प्रकाश व्यवस्था करने को कहा।

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