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    Dehradun News: दून अस्पताल में अल्ट्रासाउंड का इंतजार खत्म, अब मरीजों को मिलेगी यह सुविधा

    Updated: Wed, 23 Apr 2025 10:02 AM (IST)

    उत्तराखंड में दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल ( Doon Hospital) में अब मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। 1 मई से दूसरी अल्ट्रासाउंड मशीन शुरू होने जा रही है जिससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी। वर्तमान में सामान्य अल्ट्रासाउंड के लिए दो-तीन दिन का इंतजार करना पड़ता है। नई मशीन लगने से अल्ट्रासाउंड की वेटिंग कम होगी।

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    राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल की मेडिसिन ओपीडी में अपने नंबर का इंतजार करते मरीज व उनके तीमारदार। जागरण

    जागरण संवाददाता, देहरादून। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में मरीजों को अब अल्ट्रासाउंड के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अस्पताल में जल्द एक और अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित होने जा रही है। जिसका संचालन एक मई से शुरू कर दिया जाएगा। वर्तमान में सामान्य अल्ट्रासाउंड के लिए मरीजों को ओपीडी में दो से तीन दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। एक और अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित हो जाने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

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    बता दें कि राजकीय मेडिकल कालेजों में रेडियोलाजिस्ट की भारी कमी है। ऐसे में रेडियो डायग्नोस्टिक सेवाओं के सुचारू संचालन के लिए निदेशालय स्तर से एक निजी कंपनी से करार किया गया है। दून मेडिकल कालेज अस्पताल में अनुबंधित कंपनी ओपीडी में अल्ट्रासाउंड, ईसीजी व ईईजी जांच कर रही है।

    हाल ही में कंपनी ने कलर डाप्लर जांच भी शुरू की है। लेकिन मशीन एक ही होने के कारण सामान्य अल्ट्रासाउंड पर इसका असर पड़ रहा है। इस वजह से सामान्य अल्ट्रासाउंड कम हो रहे हैं और वेटिंग बढ़ने लगी है। चिकित्सा अधीक्षक डा. आरएस बिष्ट ने बताया कि कंपनी ने पीसी-पीएनडीटी एक्ट के तहत आवेदन किया था। यह अनुमति प्राप्त हो गई है। एक मई से नई मशीन का भी संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

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    बुजुर्गों की ओपीडी में डाॅक्टर गायब

    दून मेडिकल कालेज अस्पताल में बुजुर्गों की ओपीडी दोबारा शुरू की गई है। लेकिन ओपीडी शुरू होने के साथ ही डाॅक्टरों ने भी लापरवाही शुरू कर दी है। मंगलवार को हड्डी रोग विभाग के चिकित्सक को यहां बैठना था, लेकिन कोई डाॅक्टर ड्यूटी पर नहीं आया। इससे मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी।

    इससे पूर्व भी चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से ओपीडी बंद हो गई थी और कमरे पर ताला लगा दिया गया था। चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. आरएस बिष्ट ने बताया कि यदि कोई चिकित्सक बुजुर्गों की ओपीडी में नहीं जा रहा है तो विभागाध्यक्ष से इस संबंध में पूछा जाएगा।

    राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल की मेडिसिन ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए अपने नंबर का इंतजार करते मरीज व उनके तीमारदार। जागरण


    दरअसल, अस्पताल में मरीजों की अत्याधिक भीड़ रहती है। जिस वजह से यहां इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को दिक्कत झेलनी पड़ती है। बुजुर्गों की यह दिक्कत दूर करने के लिए अस्पताल में जेरिएट्रिक ओपीडी की शुरुआत की गई है। जहां हर दिन अलग-अलग विभाग के चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है। सोमवार को मेडिसिन, मंगलवार को अस्थि रोग, बुधवार को नेत्र रोग, गुरुवार को नाक, कान और गला रोग और शुक्रवार को चर्म रोग, कैंसर और मनोरोग से संबंधित विशेषज्ञ बुजुर्गों को देखेंगे।

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    डेंगू का एक और मामला आया

    डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को एक और व्यक्ति में डेंगू की पुष्टि हुई है। यह व्यक्ति उप्र का रहने वाला है और ग्राफिक एरा अस्पताल में भर्ती है। बता दें कि अभी तक 1208 लोगों की डेंगू की जांच की गई है, जिनमें 30 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है।

    इनमें 17 देहरादून और 13 मरीज अन्य जनपद या राज्य से हैं। फिलहाल 13 मरीजों का अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है। इनमें आठ मरीज श्री महंत इंदिरेश अस्पताल, 2-2 मरीज एम्स ऋषिकेश व ग्राफिक एरा और एक हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में भर्ती है। डेंगू पीड़ित दो मरीजों की मौत भी हुई है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दोनों मरीज अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे।