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    सड़क पर तेज भगाई गाड़ी तो तुरंत थाने में पहुंचेगी शिकायत, मोबाइल पर आए मैसेज को पढ़कर उड़ जाएंगे होश

    Updated: Sat, 22 Feb 2025 01:09 PM (IST)

    Speed ​​Violation Detection System उत्तराखंड के देहरादून में सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए यातायात निदेशालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब स्पीड वाइलेशन डिटेक्शन सिस्टम (एसवीडीएस) कैमरों में ऐसा साफ्टवेयर लगाया जाएगा जिससे तेज गति से निकल रहे वाहन के संबंध में मैसेज तत्काल नजदीकी पुलिस चौकी थाने और कंट्रोल रूम में पहुंच जाएगा। इससे वाहन चालकों पर लगाम लगेगी और हादसों में कमी आएगी।

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    Speed ​​Violation Detection System: वाहन चालक के मोबाइल पर भेजा जाएगा चालान। Jagran File

    सोबन सिंह, गुसांई, जागरण  देहरादून। Speed ​​Violation Detection System: सड़कों पर फर्राटा भरने के शौकीन वाहन चालकों को सावधान होने की जरूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि बढ़ रहे सड़क हादसों को देखते हुए यातायात निदेशालय देहरादून में लगाए स्पीड वाइलेशन डिटेक्शन सिस्टम (एसवीडीएस) कैमरों पर ऐसा साफ्टवेयर इंस्टाल करने जा रहा है, जिससे तेज गति से निकल रहे वाहन के संबंध में मैसेज तत्काल नजदीकी पुलिस चौकी, थाने और कंट्रोल रूम में पहुंच जाएगा। यहां से वाहन चालक के मोबाइल पर चालान भेजा जाएगा।

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    पुलिस तत्काल वाहन चालक को पकड़कर जुर्माना या फिर वाहन को सीज भी कर सकेगी। इस दिशा में यातायात निदेशालय ने पहल शुरू कर दी है। साफ्टवेयर एजेंसियों को बुलाकर उनकी तकनीकी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। राजधानी में तेजी से बढ़ रहे सड़क हादसों को देखते हुए उच्च न्यायालय ने दुर्घटनाओं में कमी लाने के यातायात निदेशालय को आदेश जारी किए गए हैं।

    11 जगहों पर हो रहे सबसे ज्‍यादा हादसे

    दरअसल, देहरादून, विकासनगर और ऋषिकेश में 11 ऐसे स्थल हैं, जहां सर्वाधिक हादसे हो रहे हैं। जिले के 21 थाना क्षेत्रों में वर्ष 2023 में 481 हादसे हुए जिसमें 201 लोगों की जान गई, जबकि 397 लोग घायल हुए।

    वर्ष 2024 में हादसों का आंकड़ा बढ़कर 511 हो गया, जिसमें 209 लोगों की जान गई और 431 घायल हुए। निदेशालय की ओर से देहरादून में मोहकमपुर, डीआइटी और प्रेमनगर में तीन स्थानों पर चार स्पीड वाइलेशन डिटेक्शन सिस्टम सेंसरयुक्त कैमरे लगाए गए हैं।

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    सिस्टम में स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे लगे हैं, जो हर वाहन की नंबर प्लेट की पहचान कर आइटीडीए को भेजती है। इसके अलावा सिस्टम में सेंसर लगे हैं जो वाहन की रफ्तार का पता लगाते हैं। अब इन कैमरों में ऐसा साफ्टवेयर स्टाल किया जा रहा है।

    पांच नए एसवीडीएस कैमरे भी लगेंगे

    यातायात पुलिस चार जगहों पर पांच और नए स्पीड वाइलेशन डिटेक्शन सिस्टम (एसवीडीएस) कैमरे लगाने जा रही है। इन कैमरों के जरिए सड़कों पर वाहन के रफ्तार पकड़ते ही तत्काल मोबाइल पर चालान आ जाएगा। पहले चरण में यह कैमरे लालतप्पड़, सहस्त्रधारा रोड ऊषा कालोनी के निकट, मसूरी डायवर्जन और दो कैमरे आइएसबीटी के निकट लगाए जा रहे हैं।

    दैनिक जागरण फाइल फोटो।

    यह कैमरे उन स्थानों पर लगाए जा रहे हैं जहां सर्वाधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं। एक बार चालान होने पर वाहन चालक दोबारा उस मार्ग पर सावधानी के साथ वाहन चलाएगा और इससे तेज रफ्तार पर भी लगाम लगेगी।

    छिद्दरवाला-रायवाला जानलेवा सड़क

    यातायात पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक जनपद में सबसे जानलेवा सड़क छिद्दरवाला-रायवाला की है। यहां पिछले तीन वर्षों में 28 हादसे हुए और 15 लोगों की जान गई। दूसरा नंबर कुआंवाला वन बीट चौकी के पास का है। यहां 11 हादसों में 12 लोगों की जान गई। औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई में पिछले तीन सालों में 24 हादसे हुए जिसमें 12 लोगों को जान गईं।

    यातायात निदेशक ने उच्च न्यायालय में दी जानकारी

    गुरुवार को यातायात निदेशक अरुण मोहन जोशी ने कोर्ट को ओवरस्पीड पर लगाम लगाने के लिए निदेशालय की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यातायात पुलिस की ओर से बंगलुरू की तर्ज पर एआइ साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है।

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    इसके लिए बंगलुरू की कंपनी अस्त्रम से संपर्क किया गया है। साफ्टवेयर में यातायात से संबंधित मौजूद हार्डवेयर और साल्यूशन के साथ एआइ का प्रयोग किया जाएगा। इससे शहर में जहां यातायात का दबाव होगा वहां की जानकारी मिल जाएगी।

    इसी वर्ष शुरू किया जाएगा एसआइ सिस्टम

    यातायात पुलिस की ओर से एआइ सिस्टम वर्ष 2026 शुरू किया जाना था, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद इसी वर्ष एसआइ सिस्टम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा तेज रफ्तार वाहनों पर लगाम लगाने के लिए स्पीड वाइलेशन डिटेक्शन सिस्टम कैमरों में ऐसा साफ्टवेयर लगाया जाएगा, जिससे ओवर स्पीड वाहनों की सूचना पुलिस को मिल जाएगी।

    स्पीड वाइलेशन डिटेक्शन सिस्टम कैमरे की खासियत यह है कि यदि वाहन चालक ने रफ्तार पकड़ी तो तत्काल चालान वाहन चालक के मोबाइल पर आ जाएगा। इन कैमरों की मानिटरिंग आइटीडीए से होगा, जहां पुलिस टीम लगातार कैमरों से निगरानी रखेगी। साफ्टवेयर को लेकर लगातार कंपनियों से बातचीत चल रही है। अब तक छह कंपनियों के साथ बैठक हो चुकी है। कुछ कंपनियों को सोमवार को भी बुलाया गया है। इसके बाद साफ्टवेयर तैयार करवाया जाएगा।  - अरुण मोहन जोशी, पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात, उत्तराखंड