Updated: Sat, 28 Jun 2025 09:07 PM (IST)
केंद्र सरकार द्वारा जनगणना के साथ जातीय गणना कराने के निर्णय के बाद देश की राजनीति में गरमाहट है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इसका समर्थन कर रहे हैं परन्तु एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। भाजपा का कहना है कि उन्होंने हमेशा वंचितों के लिए संघर्ष किया है जबकि कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा जातीय गणना पर राजनीति कर रही है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। Dehradun Samvadi 2025: केंद्र की मोदी सरकार के जनगणना के साथ जातीय गणना कराने के निर्णय के बाद देश की राजनीति में एक नया उबाल देखने को मिल रहा है। भाजपा और कांग्रेस जातीय गणना कराने के पक्ष में पूरी ताकत से खम तो ठोक रहे हैं, साथ में एक दूसरे को शह और मात देने का मौका हाथ से जाने नहीं दे रहे हैं।
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शनिवार को जागरण संवादी के मंच पर जाति गणना और राजनीति के विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान और कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी पासवान एक दूसरे पर जमकर बरसे। दोनों दलों के प्रवक्ताओं ने अपने-अपने अंदाज में यह सहमति भी जताई कि जातीय गणना से सामाजिक विकास को गति मिलेगी और वंचित वर्गों को मुख्यधारा में आगे बढ़ने के लिए समान अवसर मिल सकेंगे।
शनिवार को जागरण संवादी के पहले दिन दूसरे सत्र में ‘जाति गणना और राजनीति’ विषय पर संवाद में भाजपा की ओर से गुरु प्रकाश पासवान और कांग्रेस की ओर से रागिनी पासवान ने दैनिक जागरण के उत्तराखंड के संपादक मनोज कुमार झा के प्रश्नों का सामना किया।
देश में जनगणना कराने के साथ जातीय गणना कराने के केंद्र सरकार के निर्णय को लेकर कांग्रेस बिरादरी के आरोपों के जवाब में गुरु प्रकाश पासवान ने सामाजिक न्याय को लेकर भाजपा के दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने कहा कि संसद में भाजपा की सदस्य संख्या दो रहीं या 303, पार्टी ने वंचितों, शोषितों के लिए हमेशा संघर्ष जारी रखा। मंडल कमीशन की रिपोर्ट पर केंद्र की तत्कालीन सरकार के निर्णय में भाजपा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गुरु प्रकाश बोले कि वाणी, व्यवहार और विचार में सामाजिक समरसता पहले से ही भाजपा की रीति-नीति का हिस्सा है।
एक आदिवासी बेटी को सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठने का मौका इसी कारण मिला। संविधान के 75वें वर्ष में यह सभी के लिए आत्म मंथन व विवेचना का विषय होना चाहिए कि शोषितों, वंचितों, अनुसूचित जाति, पिछड़ों समेत समाज के हर वर्ग की देश की मुख्य धारा में समुचित भागीदारी हो। अब भी बड़ा वर्ग ऐसा है, जो अव्यक्त ही है और जिसे वाणी के अधिकार से वंचित रखा गया है। भाजपा इन सबके हित सुनिश्चित करेगी।
जातीय गणना राहुल का ट्रंप कार्ड है, इस सवाल के जवाब में रागिनी पासवान ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जातीय गणना को लेकर पूरे देश में अलख जगाई। अनुसूचित जाति समेत समाज के समस्त वंचित वर्गों की, उनकी संख्याबल के आधार पर हिस्सेदारी को लेकर चेतना जगाने का काम भी उन्होंने किया। इसी का परिणाम है कि केंद्र सरकार को घुटने टेकने पड़ गए। अब भाजपा जातीय गणना पर राजनीति कर रही है, लेकिन दल की हालत हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और, जैसी है। कमजोर वर्गों को उनके अधिकार से वंचित कर सामाजिक न्याय के दावे नहीं किए जाने चाहिए।
कांग्रेस कार्यकाल के आंकड़ों का मोदी सरकार ने किया उपयोग
रागिनी पासवान ने कहा कि वर्ष 2011 में केंद्र की तत्कालीन कांग्रेसनीत सरकार ने जातीय गणना कराने की दिशा में कदम बढ़ाए थे। बाद में इसी जातीय गणना के आंकड़ों का केंद्र की मोदी सरकार ने अपनी योजनाओं के लिए उपयोग किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 10 वर्षों के अपने शासनकाल में जातीय गणना पर बात तक नहीं की। राहुल और कांग्रेस की ओर से बनाए गए दबाव में यह कदम उठाना पड़ा है।
कांग्रेस की चाल, चेहरा और चरित्र देख चुकी जनता: भाजपा
सामाजिक न्याय और कमजोर वर्गों के व्यक्तियों को आगे बढ़ाने को लेकर छिड़ी बहस-मुबाहिस में ऐसे भी मौके आए, जब भाजपा और कांग्रेस के नेता आपस में उलझ गए। भाजपा नेता गुरुप्रकाश बोले कि कांग्रेस की चाल, चेहरा और चरित्र जनता देख चुकी है। सीताराम केसरी, बाबू जगजीवन राम और बाबा साहब डा भीमराव आंबेडकर की कांग्रेस ने उपेक्षा की। अब कुमारी सैलजा के साथ भी यही हो रहा है। वहीं भाजपा ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के व्यक्तियों को मुख्यमंत्री बनाया, अन्य प्रदेशों में पिछड़े वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया गया।
संविधान की मूल भावना से हो रहा खिलवाड़: कांग्रेस
कांग्रेस नेता रागिनी पासवान ने समाज के पिछड़े व कमजोर वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और उनके बाद कांग्रेस की सरकारों में उठाए गए कदमों को गिना दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बाबा साहब के संविधान की मूल भावना से भाजपा खिलवाड़ कर रही है। संवाद के दौरान उपस्थित व्यक्तियों में से हरिराज, प्रदीप कुकरेती ने दोनों दलों के प्रवक्ताओं से सवाल किए। --
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