'जिले के थाना प्रभारियों का होगा ऑडिट, खंगाली जाएगी कुंडली', आईजी गढ़वाल ने क्यों दिए ये निर्देश?
देहरादून के राजपुर रोड पर थानाध्यक्ष शैंकी कुमार ने नशे में कई गाड़ियों को टक्कर मारी जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। इस घटना के बाद पुलिस के आचरण पर सवाल उठे हैं। आईजी गढ़वाल ने सभी थाना प्रभारियों के आचरण का ऑडिट कराने की बात कही है। पहले भी देहरादून पुलिस रिश्वत जैसे मामलों में विवादों में रही है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। राजपुर रोड पर बुधवार रात राजपुर थानाध्यक्ष शैंकी कुमार ने शराब के नशे की हालत में धुत होकर अपनी कार से कई वाहनों को टक्कर मार दी, जिसके बाद थानाध्यक्ष शैंकी कुमार को तत्काल निलंबित कर दिया।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने से पुलिस के आचरण को लेकर कई सवाल उठे। इसके बाद ही आइजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने जिले के सभी थाना प्रभारियों के आडिट कराए जाने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि आडिट में थानाध्यक्षों के आचरण, सार्वजनिक व्यवहार और जिम्मेदारी की भावना का मूल्यांकन किया जाएगा। आडिट में पास होने वालों का पदभार यथावत रखा जाएगा, जबकि खामियां मिलने की स्थिति में प्रभार हटाया जाएगा। आडिट तेज तर्रार अधिकारियों के पैनल द्वारा किया जाएगा।
दरअसल, देहरादून पुलिस अपने व्यवहार और कामकाज के चलते सुर्खियों में रहती है। 14 मई को विजिलेंस टीम ने तत्कालीन आइएसबीटी चौकी प्रभारी देवेश खुगशाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था।
एक आरोपित का नाम मुकदमे से हटाने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। लेकिन इस बार राजपुर थानाध्यक्ष शैंकी कुमार के शराब के नशे में धुत होकर अपनी कार से कई वाहनों को टक्कर मारने की घटना से दून पुलिस की कर छवि पर सवाल उठे हैं।
एसएसपी ने घटना को गंभीरता से लेते हुए उसे तत्काल निलंबित कर दिया। अब आइजी ने मामले में सख्त रूख अपनाया है। गुरुवार सुबह आइजी ने एसएसपी के साथ मिलकर जिले के सभी एसपी, सीओ, प्रभारी निरीक्षक और थानाध्यक्षों के साथ बैठक की। चेतावनी दी कि सभी पुलिसकर्मी अपने आचरण एवं व्यवहार में सुधार लाएं।
एसपी ट्रैफिक करेंगे शैंकी कुमार के मामले की जांच
एसएसपी ने आरोपित थानाध्यक्ष शैंकी को घटना के बाद निलंबित कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। साथ ही मामले की जांच एसपी ट्रैफिक लोकजीत सिंह को सौंपी है। आइजी ने बताया कि थानाध्यक्ष के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए उसका मेडिकल परीक्षण के सैंपल को एफएसएल लैब में भेजा जाएगा, ताकि पुख्ता साक्ष्य एकत्र हो सके।
फोन नहीं उठाने पर होगी कार्रवाई
आइजी ने बताया कि कई थाना प्रभारियों के फोन नहीं उठाने की शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई थानाध्यक्ष फोन नहीं उठाएगा तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। आइजी ने कंट्रोल रूम प्रभारी को निर्देशित किया है कि सभी थाना प्रभारियों को समय-समय पर काल करें और सुनिश्चित कराए कि वह फोन उठाएं।
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