Dehradun: अब बैंकों को सालाना छह से सात करोड़ का होगा लाभ, आरबीआइ ने कोआपरेटिव बैंक को जारी किया आरटीजीएस नंबर
RBI Issued RTGS Number भारतीय रिजर्व बैंक ने कोआपरेटिव बैंक को आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट) नंबर जारी कर दिया है। कोआपरेटिव बैंक पिछले छह वर्षों से इसकी मांग कर रहा था। आरटीजीएस नंबर मिलने से कोआपरेटिव बैंक को करोड़ों का फायदा होगा। राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक नीरज बेलवाल ने बताया कि आरबीआइ ने कोआपरेटिव बैंक को आरटीजीएस नंबर अलाट कर दिया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : RBI Issued RTGS Number: भारतीय रिजर्व बैंक ने कोआपरेटिव बैंक को आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट) नंबर जारी कर दिया है। कोआपरेटिव बैंक पिछले छह वर्षों से इसकी मांग कर रहा था। आरटीजीएस नंबर मिलने से कोआपरेटिव बैंक को करोड़ों का फायदा होगा।
राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक नीरज बेलवाल ने बताया कि आरबीआइ ने कोआपरेटिव बैंक को आरटीजीएस नंबर अलाट कर दिया है। इससे न सिर्फ बैंकिंग आसान होगी, बल्कि बैंक को सालाना छह से सात करोड़ का मुनाफा भी होगा।
देशभर में चुनिंदा बैंकों में उपलब्ध है आरटीजीएस सेवाएं
आरटीजीएस सेवाएं देशभर में चुनिंदा बैंकों में उपलब्ध है। आरटीजीएस सुरक्षित बैंकिंग चैनलों के माध्यम से सबसे तेज अंतर बैंक पैसा ट्रांसफर करने की सुविधा है। रिटेल इंटरनेट बैंकिंग के तहत आरटीजीएस से न्यूनतम दो लाख और अधिकतम 10 लाख रुपये की लेनदेन कर सकते हैं। जबकि कारपोरेट इंटरनेट बैंकिंग के तहत आरटीजीएस से व्यापार के लिए न्यूनतम दो लाख से 50 लाख रुपये और विस्तार के लिए दो हजार करोड़ का लेनदेन कर सकते हैं।
आरटीजीएस नंबर मिलने पर डा. धन सिंह ने किया तारीफ
आरटीजीएस नंबर मिलने पर सहकारिता मंत्री डा. धन सिंह रावत ने भी विभाग की पीठ थपथपाई है। उन्होंने कहा कि बैंक के लिए सहकारिता विभाग की छह साल की यह बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने सीबीएस और आनलाइन बैंकिंग के विस्तार के लिए नियमित रूप से नाबार्ड और आरबीआइ से बैठक कर समन्वय बनाने के निर्देश दिए हैं।
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