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    Dehradun News : दून अस्पताल में एमडीआर टीबी वार्ड का बढ़ता जा रहा इंतजार, स्टाफ नहीं होने के कारण बढ़ी समस्या

    वहीं चुनाव एवं एसोसिएशन के कार्यों में प्रतिभाग करने को एएनएस या एमएस कार्यालय को जरूर सूचना देनी होगी। इस तरह के आयोजन अस्पताल परिसर में करने से भी बचना चाहिए। कहा कि प्राचार्य डा. गीता जैन को भी निक्कू में विवाद बाल रोग विभाग में भर्ती बच्चे की मौत के बारे में जानकारी दी। प्राचार्य ने जल्द विभागाध्यक्षों एवं फैकल्टी की बैठक लेंगी।

    By Sukant mamgain Edited By: Mohammed Ammar Updated: Mon, 05 Aug 2024 09:53 PM (IST)
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    Dehradun News : दून अस्पताल में एमडीआर टीबी वार्ड का बढ़ता जा रहा इंतजार

    जागरण संवाददाता, देहरादून: दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी का उपचार शुरू नहीं हो सका है। एमडीआर टीबी वार्ड तैयार है, पर स्टाफ की कमी के चलते इसका संचालन नहीं हो पा रहा है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार स्टाफ की डिमांड भेजी गई है। इसकी व्यवस्था होते ही वार्ड शुरू कर दिया जाएगा।

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    दरअसल, जिले में एमडीआर टीबी के मरीजों का उपचार अभी तक अनुबंध के तहत हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में होता है। नई गाइडलाइन के तहत सरकारी मेडिकल कालेज को एमडीआर टीबी के इलाज को जिले का नोडल सेंटर बनाना है। इसी के तहत यहां एमडीआर टीबी वार्ड तैयार किया गया है। पर अब तक स्टाफ की व्यवस्था नहीं हो पाई है।

    बताया गया कि एमडीआर टीबी वार्ड के संचालन के लिए नर्सिंग अधिकारी के साथ ही मेडिकल आफिसर, काउंसलर, टेक्नीशियन, विजिटर आदि की आवश्यकता है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एवं टीबी व चेस्ट के विभागाध्यक्ष डा. अनुराग अग्रवाल का कहना है कि स्टाफ की व्यवस्था की जा रही है। स्टाफ मिलते ही वार्ड का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। बता दें कि एमडीआर टीबी सामान्य टीबी का बिगड़ा हुआ रूप है। जिसमें टीबी की सामान्य दवा असर करना बंद कर देती है।

    आठ से घटकर छह हुए बेड

    एमडीआर टीबी वार्ड में बेड संख्या भी कम हो गई है। पूर्व में यहां आठ बेड की व्यवस्था की गई थी। पर हाल में एयरबोर्न इंफेक्शन प्रिवेंशन टीम ने अस्पताल का दौरा किया था। वार्ड में बेड के बीच मानकों के अनुसार उचित दूरी बनाने का सुझाव दिया था। जिस पर अमल करने के बाद यहां बेड संख्या छह रह गई है।

    इमरजेंसी में टूटी व्हीलचेयर से परेशानी

    दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की इमरजेंसी में टूटी व्हीलचेयर एवं स्ट्रेचर मरीजों को तकलीफ दे रहे हैं।। कई बार इमरजेंसी से इस संबंध में संबंधित अनुभाग को कहा जा चुका है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। सोमवार को भी मरीजों को टूटी व्हीलचेयर पर बैठाकर उनके पैर पकड़कर ले जाते वीडियो प्रसारित हुआ।

    जिससे अस्पताल प्रशासन की खासी किरकिरी हुई है। उप चिकित्सा अधीक्षक डा. धनंजय डोभाल ने कहा कि संबंधित को फिर से निर्देशित किया जा रहा है कि स्ट्रेचर एवं व्हीलचेयर टूटी हुई न रखें। लोगों से भी अपील है कि इन्हें जहां-तहां न छोड़ें और नुकसान न पहुचाएं।

    नर्सिंग विवाद में दोनों पक्षों को कड़ी चेतावनी

    दून मेडिकल कालेज अस्पताल के निक्कू वार्ड में नर्सेज एसोसिएशन के चुनाव को लेकर विवाद में दोनों पक्षों के जवाब मिल गया है। दोनों ने अपने-अपने तर्क अस्पताल प्रशासन के सामने रखे हैं। चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि दोनों पक्षों को कड़ी चेतावनी दी गई है। कहा गया है कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। अन्यथा उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।