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    हरिद्वार अर्धकुंभ 2027 के लिए 1,110 नई बसों की जरूरत, परिवहन निगम ने 665 करोड़ रुपये मांगे

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 09:56 PM (IST)

    रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हरिद्वार में 2027 में होने वाले अर्द्धकुंभ के लिए 665 करोड़ रुपये का बजट मांगा है। परिषद ने श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित परिवहन और नई बसों की खरीद की बात कही है। निगम ने निजी वाहनों से राजस्व पर असर पड़ने और पुरानी बसों के बदलने की आवश्यकता बताई। परिषद ने इलेक्ट्रिक और बीएस-6 बसों की खरीद पर जोर दिया है।

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    हरिद्वार अर्द्धकुंभ के लिए परिवहन निगम को दिए जाएं 665 करोड़ रुपये।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। वर्ष 2027 में हरिद्वार में होने वाले अर्द्धकुंभ के लिए रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर परिवहन निगम के लिए 665 करोड़ रुपये का बजट जारी करने की मांग की है। परिषद के अनुसार श्रद्धालुओं को सुरक्षित, आधुनिक व पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन सुनिश्चित करने के लिए त्वरित संसाधन एवं नई बसों की खरीद को स्वीकृति दी जाए।

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    परिषद के प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजे गए पत्र में निगम की वर्तमान चुनौतियों और प्रस्तावित योजनाओं का उल्लेख किया गया है। बताया गया कि प्रदेश में बिना परमिट निजी व अनुबंधित वाहनों के संचालन से निगम का राजस्व प्रभावित हो रहा है।

    इसके अलावा अनुबंधित बसों पर अधिक व्यय और गुणवत्ता में गिरावट हो रही है। बताया गया कि निगम में वर्ष 2016 व 2019 में खरीदी गई बसें वर्ष 2027 तक सेवा-सीमा पूरी कर लेंगी। परिवहन निगम को अनुमान है कि अर्द्धकुंभ में तीर्थयात्रियों की संख्या आठ से दस करोड़ तक पहुंच सकती है।

    ऐसे में भीड़ प्रबंधन, यात्री सुरक्षा और यातायात संतुलन हेतु अतिरिक्त बसों की तत्काल आवश्यकता है। परिषद ने उत्तर प्रदेश और हिमाचल की तर्ज पर अग्रिम तैयारी पर बल देने की मांग की है। अवैध संचालन पर रोक व संयुक्त अभियान चलाने की मांग की गई।

    परिवहन निगम के लिएस्वामित्व माडल में 10 इलेक्ट्रिक व 1000 नई बीएस-6 साधारण बसों की खरीद की मांग की गई है। परिषद ने मांग की है कि राज्य सरकार 350 करोड़ रुपये अर्द्धकुम्भ-2027 निधि से और शेष राशि स्ववित्तीय/बैंक ऋण से उपलब्ध कराए तथा उस पर ब्याज की सब्सिडी भी दी जाए।

    इसलिए मांगा 665 करोड़ रुपये का बजट

    • 10 इलेक्ट्रिक बसें, 25 करोड़ रुपये
    • 100 एसी/स्लीपर बसें, 60 करोड़ रुपये
    • 1000 बीएस-6 बसें, 500 करोड़ रुपये
    • कार्यशाला/मेंटेनेंस व चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, 50 करोड़ रुपये
    • प्रशिक्षण व नियुक्ति, 10 करोड़ रुपये
    • आकस्मिक व्यय व कर राहत, 15 करोड़ रुपये