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    Dehradun News: सहारा इंडिया 15 दिन में लौटाए निवेशकों की रकम, अपर जिलाधिकारी ने दिया आदेश

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Mon, 05 Sep 2022 07:24 PM (IST)

    Dehradun News अपर जिलाधिकारी ने सहारा इंडिया को निवेशकों की रकम 15 दिन में लौटाने का आदेश दिया है। साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न कंपनी के कार्यालयों को सील कर एफआइआर दर्ज करा दी जाए।

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    Dehradun News: अपर जिलाधिकारी ने सहारा इंडिया को निवेशकों की रकम 15 दिन में लौटाने का आदेश दिया है

    जागरण संवाददाता, देहरादूनः सहारा इंडिया समूह (Sahara India Group) की सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लि. में जिन व्यक्तियों ने निवेश किया है, उन्हें दावे के मुताबिक रकम नहीं लौटाई जा रही है।

    15 दिन के भीतर रकम लौटाने का आदेश

    इस मामले में विभिन्न शिकायतों का संज्ञान लेकर अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) डा. एसके बरनवाल ने कंपनी के क्षेत्रीय निदेशक जगदीश सिंह को 15 दिन के भीतर रकम लौटाने का आदेश दिया है। साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न कंपनी के कार्यालयों को सील कर एफआइआर दर्ज करा दी जाए।

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    जिलाधिकारी कार्यालय में दर्ज कराई थी शिकायत

    सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी (Sahara Credit Co Operative Society) पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए राजीव नगर निवासी ओमवती पाल, शास्त्रीनगर निवासी मनोज कुमार, आरसी पाल आदि ने जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी।

    जिलाधिकारी सोनिका के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी डा. बरनवाल ने सभी पक्षों को बुलाकर सुनवाई की। कंपनी के क्षेत्रीय निदेशक जगदीश सिंह की ओर से दाखिल किए गए जवाब में कहा गया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोसाइटी के सदस्यों को अग्रिम आदेश तक धनराशि प्राप्त करने पर रोक लगा रखी है।

    धनराशि का प्रवाह (लिक्विडिटी) बाधित होने के चलते किसी भी तरह का भुगतान करना संभव नहीं हो पा रहा। जब तक कोर्ट से प्रकरण का निस्तारण नहीं हो जाता, तब तक भुगतान नहीं किया जा सकता।

    वहीं, सोसाइटी में निवेश करने वाले व्यक्तियों ने बताया कि कंपनी नाम बदलकर अब भी जनता से धनराशि प्राप्त कर रही है। वहीं, कोर्ट की रोक के बाद भी कंपनी अपनी संपत्तियों को बेच रही है। ऐसे में परिपक्वता के बाद भी सदस्यों को भुगतान न किया जाना उचित नहीं।

    अपर जिलाधिकारी ने कहा कि इस तरह यह मामला धोखाधड़ी का बनता है। अगर निवेशकों को 15 दिन के भीतर पूरी रकम नहीं लौटाई जाती है तो विधिक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।