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    Dehradun News: तीन किमी की सड़क पर 117 गड्ढे व 100 मीटर तक रोड गायब, हो रही दुर्घटनाएं; व्यापारी भी परेशान

    By Jagran NewsEdited By: riya.pandey
    Updated: Sun, 20 Aug 2023 08:11 AM (IST)

    देहरादून पटेलनगर क्षेत्र में लालपुल से कारगी चौक के बीच तीन किलोमीटर लंबी सड़क यातायात के लिहाज से जितनी अहम है इसकी दशा उतनी ही खराब है। सड़क के नाम पर यहां सिर्फ गड्ढे नजर आ रहे हैं। 100 मीटर का पैच ऐसा है जहां सड़क की ऊपरी सतह पूरी तरह उखड़ चुकी है। लालपुल से कारगी चौक के बीच 117 गड्ढे हैं।...

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    लालपुल से कारगी चौक के बीच की सड़क जगह-जगह से उधड़ी

    जागरण संवाददाता, देहरादून : पटेलनगर क्षेत्र में लालपुल से कारगी चौक के बीच तीन किलोमीटर लंबी सड़क यातायात के लिहाज से जितनी अहम है, इसकी दशा उतनी ही खराब है। सड़क के नाम पर यहां सिर्फ गड्ढे नजर आ रहे हैं। 100 मीटर का पैच ऐसा है, जहां सड़क की ऊपरी सतह पूरी तरह उखड़ चुकी है।

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    कारगी रोड की बदहाली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लालपुल से कारगी चौक के बीच 117 गड्ढे हैं। पथरीबाग चौक का 100 मीटर भाग ऐसा नजर आ रहा है, जैसे यह कोई कच्चा मार्ग हो। इस भाग पर वर्षा के पानी से सड़क की ऊपरी सतह पूरी तरह उखड़ चुकी है। सड़क की यह दशा करीब ढाई माह से ऐसे ही है। इन दिनों हो रही भारी वर्षा ने गड्ढों का आकार बढ़ा दिया है।

    सड़क की बेहतर ढंग से हो मरम्मत

    सड़क की मरम्मत की बात करें तो लोनिवि निर्माण खंड यहां सिर्फ टल्ले लगाने (पैच वर्क) और कुछ जगह टाइल्स बिछाने जैसे अस्थायी प्रकृति के काम करते ही नजर आ रहा है। बेहतर होता कि इस सड़क की बेहतर ढंग से मरम्मत की जाती है और वर्षा जल निकासी के पुख्ता इंतजाम किए जाते। यही कारण है कि यातायात के लिहाज से बेहद अहम कारगी रोड की दशा हमेशा खराब ही नजर आती है।

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    400 मीटर भाग पर लगाई टाइल्स उखड़ी लोनिवि निर्माण खंड ने विद्या विहार क्षेत्र में करीब 400 मीटर भाग पर कुछ समय पहले टाइल्स लगाई थी, लेकिन वर्षा जल निकासी के अभाव में पानी के वेग से इनके उखड़ने का क्रम शुरू हो गया है। इसके चलते उखड़ी टाइल्स पर आए दिन दोपहिया वाहनों के रपटने की शिकायतें भी मिल रही हैं।

    गढ्डों के चलते सड़क किनारे बसे दुकान को नुकसान

    गड्ढों में वाहन का टायर पड़ते ही दुकानों तक आते हैं छींटे सड़क पर गड्ढों की भरमार होने के चलते इनमें पानी भरा रहता है। जिससे वाहन चालक भी गड्ढों का अनुमान नहीं लगा पाते। जैसे ही किसी चौपहिया वाहन का टायर गड्ढे में पड़ता है तो पानी छींटे आसपास की दुकानों के भीतर तक पहुंचते हैं। इससे खासकर रेस्तरां संचालकों को भारी खामियाजा उठाना पड़ता है।

    रेस्तरां बंद करने की नौबत

    रेस्तरां संचालक जसवीर ने बताया कि छींटे पड़ने के डर से काउंटर को पीछे खिसकाना पड़ता है और कई बार रेस्तरां बंद करने की नौबत भी आ जाती है। वहीं, रेस्तरां संचालक प्रियांक के मुताबिक वर्षा के पानी के दुकानों के भीतर घुसने की नौबत आ जाती है। ऐसे में ग्राहक भी आने से कतराते हैं।

    सड़क की स्थिति से परेशान स्थानीय व्यापारी राहुल थपलियाल का कहना है कि जब सड़क पर टाइल्स टिक नहीं पा रही हैं तो फिर क्यों लोनिवि अधिकारी स्थायी समाधान की जगह सिर्फ जुगाड़ के काम करने पर तुले हुए हैं। राइडिंग क्वालिटी में निचले पायदान पर सड़क इंडियन रोड कांग्रेस (आइआरसी) ने सड़कों पर सुगम सफर के लिए रफनेस इंडेक्स (खुरदुरेपन का सूचकांक) तय किया है।

    कारगी रोड की गुणवत्ता का आकलन

    इस इंडेक्स के मुताबिक शहर और ग्रामीण सड़कों की सतह में असामान्यता प्रति एक किलोमीटर पर 2000 से 2200 मिलीमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। यानी अधिकतम 86.61 इंच। इस मानक पर कारगी रोड की गुणवत्ता का आकलन किया जाए तो यह कहीं भी नहीं ठहरती।

    एक अनुमान के मुताबिक, प्रति एक किलोमीटर में रफनेस इंडेक्स पर सड़क की असामान्यता 866 इंच को भी पार कर जाएगी। स्पष्ट है कि ऐसी सड़क किसी भी दशा में वाहनों के संचालन के लिए सुरक्षित नहीं मानी जा सकती।