उत्तराखंड में बड़ा खुलासा: टैक्स चोरी कर दौड़ रहीं यूपी समेत पांच राज्यों की रोडवेज बसें
उत्तराखंड में दूसरे राज्यों की बसों द्वारा टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। देहरादून आईएसबीटी पर हुई जांच में उत्तर प्रदेश समेत छह राज्यों पर 1.17 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया निकला है। परिवहन विभाग ने इन सभी राज्यों को नोटिस जारी कर बकाया टैक्स भरने के लिए कहा है। सबसे ज्यादा टैक्स अंतर उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश का है।

अंकुर अग्रवाल, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर दूसरे राज्यों की रोडवेज बसों की टैक्स चोरी का मामला पकड़ में आया है। हालांकि, अभी केवल देहरादून आईएसबीटी की पड़ताल की गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश व राजस्थान समेत छह राज्यों की रोडवेज बसों से उत्तराखंड परिवहन विभाग को मिलने वाले टैक्स में 1.17 करोड़ रुपये की चोरी का राजफाश हुआ है।
परिवहन अधिकारियों के अनुसार जितना टैक्स उत्तराखंड को मिलना चाहिए था, उतना भुगतान नहीं किया गया, जबकि बसें निर्धारित संख्या के अनुसार यहां प्रवेश कर रही हैं। इसमें सर्वाधिक टैक्स अंतर उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश का है।
आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी ने बताया कि उत्तर प्रदेश समेत छह राज्यों को नोटिस भेजकर बकाया टैक्स जमा कराने को कहा गया है।
आईएसबीटी आने-जाने वाली बसों के टैक्स का मामला, 1.17 करोड़ रुपये बकाया
आरटीओ के अनुसार पिछले दिनों दूसरे राज्यों की बसों की टैक्स समीक्षा के दौरान बसों के फेरों की संख्या व संबंधित राज्य सरकारों की ओर से उत्तराखंड को दिए टैक्स में काफी अंतर सामने आया था। इसके बाद जांच कराई गई और दून आईएसबीटी के रिकॉर्ड खंगाले गए। इसमें पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व हिमाचल समेत पंजाब की बसों के टैक्स में काफी अंतर पाया गया।
उत्तर प्रदेश और हिमाचल की बसों के टैक्स में कुल 73 लाख रुपये का अंतर आया है। पंजाब से दो तरह की बसों की संचालन होता है, एक पंजाब परिवहन निगम और दूसरी पंजाब प्राइवेट ऑपरेटराें की। इन दोनों के टैक्स में भी अंतर मिला है। इन सभी को परिवहन विभाग की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं।
राजस्थान ने जमा किया एडवांस टैक्स
उत्तराखंड आने वाली बसों में अकेला राजस्थान पथ परिवहन निगम ऐसा है, जिसने न केवल पूरा टैक्स चुकाया है, बल्कि एडवांस टैक्स जमा किया हुआ। दून आईएसबीटी पर राजस्थान की 17 बसों पर कुल टैक्स 347000 रुपये है, जबकि राजस्थान ने 497250 रुपये टैक्स चुकाया हुआ। इस तरह राजस्थान ने एडवांस में 140250 रुपये दिए हुए हैं।
प्रदेश, बसें, कुल टैक्स, चुकाया टैक्स, बकाया
उत्तर प्रदेश, 711, 14931000 रुपये, 11296100 रुपये, 3634900 रुपयेहिमाचल, 209, 4389000 रुपये, 716240 रुपये, 3672760 रुपये
- हरियाणा, 165, 3465000 रुपये, 92400 रुपये, 3372600 रुपये
- चंडीगढ़, 86, 1806000 रुपये, 1105600 रुपये, 700400 रुपये
- पंजाब (प्राइवेट), 18, 378000 रुपये, शून्य, 378000 रुपये
- पंजाब, 39, 819000 रुपये, 689166 रुपये, 129834 रुपये
(नोट: बसों की संख्या फेरों के हिसाब से है।)
उत्तराखंड की बसों पर भी 30 लाख बकाया
दून आइएसबीटी पर आने-जाने वाली उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों पर भी करीब 30 लाख रुपये का बकाया बताया जा रहा है। उत्तराखंड परिवहन निगम की 35 बसों का टैक्स जमा नहीं किया गया है। परिवहन विभाग ने परिवहन निगम से इन बसों का ब्योरा मांगा है।
वर्ष 2021 में खुला था टैक्स चोरी प्रकरण
वर्ष-2021 से पहले दूसरे राज्यों से आने वाली बसों के टैक्स को लेकर परिवहन विभाग के पास कोई सटीक जानकारी नहीं रहती थी। जो टैक्स मिल जाता था, उसी से संतोष कर लिया जाता था। इस दौरान 22 जुलाई-21 को जब तत्कालीन परिवहन सचिव डॉक्टर रणजीत सिन्हा ने देहरादून के आरटीओ कार्यालय में छापा मारा तो यह प्रकरण खुला और करोड़ों की टैक्स चोरी सामने आई। उस समय परिवहन अधिकारियों को यह तक नहीं पता था कि उत्तराखंड में रोजाना दूसरे राज्याें की कितनी बसें आ रहीं। इसके बाद से बसों का पूरा रिकार्ड परिवहन विभाग ने रखना शुरू किया।
दून में यह हाल तो पूरे प्रदेश में क्या होगा
दून में दूसरे राज्यों की बसों के टैक्स चोरी के राजफाश के बाद सवाल यह उठ रहा कि अगर दून में यह हाल है तो प्रदेश के बाकी बस अड्डों पर क्या स्थिति होगी। हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की, कोटद्वार, हल्द्वानी, टनकपुर एवं काशीपुर आदि ऐसे बस अड्डे हैं, जहां दूसरे राज्यों की बसें नियमित आवागमन करती हैं।
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