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    Dehradun ISBT: अनुबंधित बसों के लिए नए नियम लागू, महिला सुरक्षा को लेकर परिवहन निगम हुआ सख्त

    Updated: Thu, 22 Aug 2024 09:30 PM (IST)

    उत्तराखंड परिवहन निगम ने हाल ही में आईएसबीटी परिसर में एक किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद अपनी छवि सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें से एक कदम अनुबंधित बसों के निर्धारित संचालन समय से पहले आईएसबीटी में प्रवेश और पार्किंग पर प्रतिबंध लगाना है। इसके अलावा अवकाश के दिनों में आईएसबीटी में बेवजह घूमने आने वाले कर्मचारियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

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    देहरादून आइएसबीटी परिसर में खड़ी बसें - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। आइएसबीटी परिसर में अनुबंधित बस में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद उत्तराखंड परिवहन निगम अपनी छवि पर लगा दाग धोने और आमजन के बीच फिर विश्वास कायम करने के प्रयास में जुट गया है।

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    निगम प्रबंधन ने इसके अंतर्गत अनुबंधित बसों के निर्धारित संचालन समय से पूर्व आइएसबीटी में प्रवेश व पार्किंग पर प्रतिबंध लगा दिया है। अवकाश के दिन आइएसबीटी में बेवजह घूमने आने वाले कर्मचारियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

    देहरादून आइएसबीटी परिसर में मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश निवासी 16 वर्षीय किशोरी के साथ उत्तराखंड परिवहन निगम की देहरादून-दिल्ली मार्ग की अनुबंधित सीएनजी बस में सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था। घटना 12 अगस्त की रात्रि करीब ढाई बजे की है, जबकि पुलिस के पास इस घटना की शिकायत 17 अगस्त को पहुंची थी।

    दरअसल, दुष्कर्म की शिकार हुई पीड़िता जब आइएसबीटी परिसर में बेसहारा बैठी थी तो बाल कल्याण समिति उसे अपने साथ ले गई थी। काउंसलिंग के दौरान किशोरी ने उससे दुष्कर्म की बात बताई तो बाल कल्याण समिति उसे 17 अगस्त को पुलिस के पास लेकर पहुंची।

    पुलिस ने 12 घंटे के भीतर ही परिवहन निगम की अनुबंधित बसों के दो चालक, दो विशेष श्रेणी परिचालक और एक नियमित परिचालक को गिरफ्तार कर लिया था। घटना के बाद न केवल परिवहन निगम की छवि धूमिल हुई, बल्कि अकेली महिला यात्री के बस में यात्रा करने पर उसकी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे थे।

    ऐसे में अब परिवहन निगम के अधिकारियों ने देहरादून आइएसबीटी की व्यवस्था में बदलाव करते हुए नई व्यवस्था बनाई है। देहरादून डिपो प्रबंधक अमिता सैनी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अब अनुबंधित बस आइएसबीटी परिसर में अपने संचालन से आधा घंटे पहले प्रवेश करेगी। बस अड्डा परिसर में शराब पीने या शराब पीकर आने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध सीधे पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं।

    बस चालक-परिचालक का रखना होगा पूरा रिकार्ड

    निगम प्रबंधन ने सभी डिपो के सहायक महाप्रबंधक, केंद्र प्रभारी व समयपाल को आदेश दिया है कि मार्ग पर बस भेजने से पूर्व उसके चालक-परिचालक का पूरा रिकार्ड भौतिक रूप से जांचा जाए। बस पर जिस चालक और परिचालक की ड्यूटी लगी है।

    वही बस संचालन पर जा रहे या नहीं, इसका रिकार्ड नियमित रूप से डिपो अधिकारियों को रखना होगा। अनुबंधित बस चालकों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त अनुबंधित बस चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड की प्रति भी डिपो अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रखनी होगी।

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