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    दून अस्पताल ने आपदा प्रभावित बीमार बुजुर्ग महिला को 4.30 घंटे तक तड़पाया, डीएम ने कराया भर्ती

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 09:24 AM (IST)

    देहरादून के दून अस्पताल में आपदा प्रभावित एक वृद्धा को इलाज के लिए घंटों तड़पाया गया। अस्पताल प्रशासन ने आईसीयू बेड खाली न होने की बात कहकर भर्ती करने से मना कर दिया। डीएम के हस्तक्षेप के बाद वृद्धा को आईसीयू में भर्ती किया गया। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। आपदा प्रभावित की मदद के लिए जहां एक तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, अन्य मंत्री, नेता और सभी बड़े-छोटे अधिकारी तत्पर हैं, लेकिन वहीं दूसरी तरफ दून अस्पताल प्रशासन ने पहले से बीमार आपदा प्रभावित बुजुर्ग के जख्मों को हवा देने का काम किया।

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    शहर से करीब 40 किमी. दूर दुर्गम रास्तों से जैसे-तैसे दून अस्पताल पहुंची बुजुर्ग को अस्पताल प्रशासन ने साढ़े चार घंटे तक तड़पड़ाया और स्वजन को खड़ा रखा। इस दौरान अस्पताल प्रशासन स्वजन से ऋषिकेश एम्स ले जाने और आईसीयू बेड खाली न होने की बात करता रहा। बाद में रात करीब 8:30 बजे डीएम के निर्देश अस्पताल ने वृद्धा को आईसीयू में दाखिल कर उपचार शुरू किया।

    डीएम के आदेश पर हुई भर्ती

    आपदा के कारण मालदेवता से ऊपर स्थित सिल्ला (फुलेत) गांव पूरी तरह से देहरादून से संपर्क विहीन हो चुका है। गांवों को जाने वाले मार्ग आपदा की जद में आकर क्षतिग्रस्त हैं और लगभग सभी ग्रामीण प्रभावित हैं। सिल्ला निवासी बीरी ने बताया कि गुरुवार शाम को उनकी 62 वर्षीय मां क्योला देवी को अचानक चक्कर आ गया और शरीर का दाहिना हिस्सा सुन पड़ गया। लेकिन, गांव में कोई इंतजाम न होने और रास्ता खराब होने के कारण मां को सहला कर सिर्फ सांत्वाना देते रहे और सूरज निकलने का इंतजार किया। रात भर में घर कोई नहीं सोया।

    जवानों के साथ मां को लेकर आए

    शुक्रवार सुबह गांव में राहत-बचाव कार्यों के लिए पहले से तैनात एसडीआरएफ के जवानों के साथ मां को कंधे पर लादकर सिल्ला-मोलदार लाए। जहां से एक पिकअप किराए पर ली और उन्हें उसमें लेकर मसूरी उपजिला चिकित्सालय पहुंचे। चिकित्सालय के डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच के बाद उन्हें दून अस्पताल के लिए रेफर किया। शाम करीब चार बजे एंबुलेंस से मां को लेकर दून अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी में प्राथमिक जांच करने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया। कई बार इधर-उधर भटककर गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

    एम्स ले जाने और आईसीयू खाली न होने की बात करता रहा अस्पताल प्रशासन

    फिर गांव के प्रधान को फोन कर सूचना दी। इसके बाद प्रधान ने गांव का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम सविन बंसल और अन्य अधिकारियों को अवगत कराया। इसके बाद डीएम के निर्देश पर अस्पताल प्रशासन ने मां को आईसीयू में भर्ती कर उपचार शुरू किया।

    चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आरएस बिष्ट ने बताया कि शाम करीब सात बजे प्रशासन की ओर से मरीज के बारे में सूचना मिली। इसके बाद तत्काल भर्ती की कार्रवाई कर इलाज शुरू किया गया। इससे पहले मरीज का सीटी स्कैन भी हुआ। आरोपों की जांच कराई जाएगी।