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    Dehradun News: पुष्पांजलि के ठेकेदार शरद की गैंगस्टर में खुलेगी 'कुंडली', SIT ने खोली फाइल

    Updated: Sat, 19 Jul 2025 12:02 PM (IST)

    देहरादून में आवासीय परियोजना के नाम पर निवेशकों से ठगी करने वाले पुष्पांजलि इंफ्राटेक के मालिक दीपक मित्तल की पत्नी के खाते में पैसे जमा कराने के मामले में ठेकेदार शरद अग्रवाल गैंगस्टर के दायरे में आ गए हैं। एसआईटी ने अग्रवाल के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि अग्रवाल ने राखी मित्तल के खाते में साढ़े तीन करोड़ रुपये जमा कराए थे।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    अंकुर अग्रवाल, जागरण देहरादून। आवासीय परियोजना के नाम पर दून के फ्लैट निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी कर दुबई फरार हुए पुष्पांजलि इंफ्राटेक कंपनी के मालिक बिल्डर दीपक मित्तल की पत्नी राखी के खाते में साढ़े तीन करोड़ की धनराशि जमा कराने के मामले में ठेकेदार शरद कुमार अग्रवाल अब गैंगस्टर के दायरे में भी आ गया है।

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    अग्रवाल के विरुद्ध देहरादून की विशेष न्यायालय (पीएमएलए) में मनी लाड्रिंग के मामले में कार्रवाई की तैयारी चल ही रही थी कि इस बीच शुक्रवार को आइजी गढ़वाल राजीव स्वरूप की ओर से गठित एसआइटी ने भी अग्रवाल का रिकार्ड खंगालना शुरू कर दिया है।

    आइजी ने बताया कि शरद कुमार अग्रवाल से जुड़ी जांच मित्तल दंपती पर दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे के अंतर्गत शुरू की गई है। अगर, अग्रवाल की भूमिका संदिग्ध मिली तो उनके विरुद्ध भी गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

    पुष्पांजलि इंफ्राटेक की देहरादून स्थित आर्किड पार्क परियोजना में 90 फ्लैट खरीदारों के 45 करोड़ रुपये हड़पकर फरार 50 हजार रुपये के इनामी बिल्डर दीपक मित्तल के देहरादून घूमकर जाने की सूचना के बाद आइजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने मई में मित्तल के विरुद्ध एसआइटी जांच बैठा दी थी।

    हालांकि, दून पुलिस इस बात से मुकरती रही है कि मित्तल देहरादून आया था, लेकिन आइजी गढ़वाल को ऐसा पता चला है कि मित्तल नेपाल के रास्ते उत्तराखंड में घुसा और दून पहुंचा था। करोड़ों के इस घोटाले में पुलिस ही नहीं बल्कि ईडी और रेरा भी जांच कर रहे हैं।

    आइजी राजीव स्वरूप ने दीपक मित्तल के प्रोजेक्ट से लेकर निवेशकों से ठगी करने, उसके विदेश फरार होने और गैंगस्टर लगने से पहले पूरी संपत्ति बेचे जाने के मामले की हर पहलू से जांच का आदेश एसआइटी को दिया है। इसी बीच एसआइटी को पता चला कि सहस्रधारा रोड पर पुष्पांजलि की आर्किड पार्क (फेज 1 और 2) परियोजना का निर्माण राजपाल वालिया की भूमि पर किया जा रहा था। वालिया पुष्पांजलि कंपनी में दीपक का पार्टनर है। दीपक मित्तल के पत्नी राखी के साथ फरार हो जाने के बाद वालिया को पुलिस और ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था, जो वर्तमान में जेल में है।

    राजपाल वालिया ने विशेष न्यायालय (पीएमएलए) में अपील कर मनी लांड्रिंग के तहत पुष्पांजलि के ठेकेदार शरद कुमार अग्रवाल को भी आरोपी बनाने की मांग की है। आरोप है कि शरद अग्रवाल ने राखी मित्तल के बैंक खाते में साढ़े तीन करोड़ रुपये जमा कराए थे। ऐसे में अब एसआइटी भी शरद अग्रवाल के विरुद्ध पड़ताल में जुट गई है।

    बता दें कि, पुष्पांजलि इंफ्राटेक की परियोजनाओं में फ्लैट बुक कराने वाले लोगों की रकम लेकर फरार बिल्डर दीपक मित्तल पूरे सिस्टम के लिए चुनौती बना हुआ है। पुलिस की ओर से पुष्पांजलि के निदेशक दीपक मित्तल और उसकी पत्नी राखी मित्तल के विरुद्ध नौ मुकदमे फ्लैट बुक कराने वालों की शिकायत पर दर्ज किए जा चुके हैं।

    बिल्डर दंपती की फरारी पर गैंगस्टर एक्ट तक लगाया गया और अदालत ने गैर-जमानती वारंट भी जारी किए हुए हैं। बिल्डर दंपती पर 50-50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित है और ईडी ने विरुद्ध खिलाफ ब्लू कार्नर नोटिस भी जारी किया हुआ है।

    पुलिस की भूमिका भी रही है संदिग्ध

    करीब डेढ़ साल पहले दीपक मित्तल ने उच्च न्यायालय नैनीताल में पेश होकर याचिका दायर की थी। उस दौरान आरोपित के अधिवक्ता ने न सिर्फ फरार होने की बात को खारिज किया, बल्कि यह भी कह डाला कि पुलिस के जांच अधिकारी ने याचिकाकर्ता के आवास पर मित्तल से मुलाकात की।

    इस दौरान जांच अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठे और जांच भी हुई। दूसरी ओर करोड़ों रुपये की ठगी कर फरार हुए दीपक मित्तल पर गैंगस्टर तब लगाई गई जब वह पूरी संपत्ति बेच चुका था। ऐसे में सवाल यह है कि समय रहते क्यों नहीं उस पर गैंगस्टर लगाई गई, ताकि उसकी करोड़ों की संपत्ति अटैच की जा सकती।

    निवेशकों के करोड़ों रुपये लेकर फरार हुए दीपक मित्तल की पत्नी राखी के खाते में साढ़े तीन करोड़ रुपये जमा कराने की सूचना मिली है। पता चला है कि कंपनी के ठेकेदार शरद कुमार अग्रवाल ने यह धनराशि जमा कराई थी। मामले में पूर्व में दर्ज गैंगस्टर के मामले के तहत एसआइटी अब अग्रवाल पर लगे आरोपों की जांच कर रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

    -राजीव स्वरूप, आइजी गढ़वाल परिक्षेत्र

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