Uttarakhand Disaster: इंटरनेट मीडिया पर छलका दर्द, 'ऊपर वाला रहम करे...दून में ऐसा तो पहली बार देखा'
देहरादून में भारी बारिश से आई आपदा के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने दुख जताया और ईश्वर से प्रार्थना की। कुछ लोगों ने नदी और नालों पर अतिक्रमण को जिम्मेदार ठहराया। टोंस नदी में ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से कई लोग बह गए। टपकेश्वर मंदिर में मलबा भर गया। लोगों ने कहा कि उन्होंने देहरादून में ऐसा मंजर पहली बार देखा है। पुलिस भ्रामक वीडियो प्रसारित करने वालों पर कार्रवाई करेगी।

अंकुर अग्रवाल, जागरण देहरादून। सोमवार देर रात से मंगलवार सुबह तक दून में हुई भारी वर्षा के कारण आई भीषण आपदा के बाद अब पीड़ित परिवारों को लेकर आमजन का दर्द इंटरनेट मीडिया पर छलक पड़ा है। इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर दूनवासियों से लेकर दूसरे राज्यों एवं शहरों के लोग भी प्रभावित परिवारों की रक्षा के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते नजर आए।
हर कोई यही कहता दिखा कि ईश्वर अब रहम करो। बहुत हो गया। वहीं, कुछ लोगों ने इसके लिए नदी व नालों पर हो रहे अतिक्रमण को भी जिम्मेदार ठहराते हुए सरकार और प्रशासन से इस दिशा में कड़े कदम उठाने की मांग की, ताकि भविष्य में इस तरह की आपदा से बचा जा सके।
इंस्टाग्राम पर एक यूजर अवंतिका गोयल ने टोंस नदी में ट्रैक्टर-ट्राली में फंसे लोगों और कुछ सेंकड में ट्राली के पलटने के कारण बहे लोगों का वीडियो पोस्ट कर मृतकों के प्रति संवेदना जताई। साथ ही लिखा कि सुबह यह लोग काम पर जाने के लिए निकले थे, लेकिन किसे पता था कि यह अनहोनी हो जाएगी।
बता दें कि, मंगलवार को प्रेमनगर के पास टोंस नदी में खनन कार्य में लगी एक ट्रैक्टर-ट्राली में सवार 14 लोग पानी के तेज बहाव में फंस गए थे। कुछ देर फंसे रहने के बाद ट्राली पलट गई और सभी बह गए। इनमें आठ के शव बरामद हो गए थे, जबकि चार लापता हो गए। शेष दो किसी तरह तैरकर बाहर आ गए।
वहीं, डीबीआइटी कालेज परिसर में घुसे पानी और बाढ़ के मलबे में फंसी दो छात्राओं का वीडियो दीपाली खुराना ने पोस्ट करते हुए लिखा कि शुक्र है ईश्वर ने बेबस छात्राओं की जान बचा ली। इस वीडियो में एक छात्रा का पैर फिसल गया था और साथी छात्रा ने उसे किसी तरह बचाकर सीढ़ी पर चढ़ाया। अरुण मारवाह ने श्रीटपकेश्वर महादेव मंदिर का वीडियो पोस्ट कर लिखा कि भोले बाबा अपने भक्तों पर कृपा करें और कुदरत के इस कहर को रोकें।
आपदा में टपकेश्वर मंदिर के भीतर भी मलबा भर गया था और भक्तों ने पूरा दिन संघर्ष कर मलबा हटाकर देर रात पूजा-अर्चना की थी। टपकेश्वर मंदिर में शिवलिंग के मलबे से घिरे होने और बाद में श्रृंगार की फोटो भी इंटरनेट मीडिया पर खूब प्रसारित होती रही। इसके अलावा सहस्रधारा व मालदेवता से लेकर कार्लीगाड़, गजियावाला, मोहिनी रोड आदि के वीडियो भी प्रसारित होते रहे।
दून में ऐसा तो पहली बार देखा
इंटरनेट मीडिया पर बड़ी संख्या में ऐसी पोस्ट भी दिखीं, जिसमें लोगों ने लिखा था कि दून में ऐसी जल-प्रलय व आपदा उन्होंने अपने जीवन में पहली बार देखी। पुल टूट गए, हाईवे बंद हो गए, नदी किनारे मकान ढह गए व वाहन बह गए। मसूरी और विकासनगर का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया। लोगों ने लिखा कि बारिश तेज तो अक्सर देखी है, लेकिन इतना भयावह मंजर की कल्पना नहीं की थी।
भ्रामक वीडियो हो रहे पोस्ट, होगी कार्रवाई
इंटरनेट मीडिया का कुछ लोग गलत इस्तेमाल कर पूर्व में आई आपदा या अन्य राज्यों की आपदा से जुड़े कुछ वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। इन वीडियो में बड़े-बड़े मकान पानी के तेज बहाव में ढहते दिख रहे हैं।
इनमें से कुछ वीडियो हिमाचल के मनानी व मंडी क्षेत्र के हैं, लेकिन इन्हें देहरादून की आपदा से जुड़ा बताकर प्रसारित किया जा रहा है। एक वीडियो को सहस्रधारा का बताया जा रहा, जिसमें कई मंजिला भवन नदी के तेज बहाव में ढह गया था, पुलिस के अनुसार यह वीडियो हिमाचल प्रदेश का है। एसएसपी अजय सिंह ने भ्रामक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
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