Dehradun Flood: कार्लीगाड़ में 14 साल पहले भी कुदरत ने मचाई थी तबाही, पांच लोगों ने गंवाई जान
देहरादून के कार्लीगाड़ में 2011 में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी जिसमें पांच लोगों की जान गई थी। इस आपदा में घरों दुकानों और सड़कों को भारी नुकसान हुआ था। वर्तमान में शहर में कई विद्युत पोल और लाइनें भी बह गई हैं जिससे लगभग 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और 571 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है।

जासं, देहरादून। कार्लीगाड़ में 14 वर्ष पूर्व भी आसमानी आफत बरसी थी। वर्ष 2011 में मानसून सीजन में कार्लीगाड़ और आसपास के क्षेत्रवासियों ने प्रकृति का खौफनाक रूप देखा था। तब यहां बादल फटने से भारी तबाही मची थी।
आपदा में पांच की मौत हो गई थी और एक दर्जन लाेग घायल हुए थे। तब घरों, दुकानों, सड़कों और पुल आदि को भारी नुकसान हुआ था, लेकिन तक क्षेत्र में निर्माण सीमित था। अब भले ही गांव में 45 ही मकान हों, लेकिन आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में दुकानें, रिजार्ट, रेस्टोरेंट, होम स्टे बन चुके हैं। साथ ही आवाजाही भी पहले से अधिक है।
बिजली के खंभे और लाइनें टूटीं
देहरादून: देहरादून में चारों ओर आई आपदा में विद्युत व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा गई। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विद्युत पोल, लाइन व उपकरण बह गए। देहरादून जिले में विद्युत वितरण खंड देहरादून उत्तर, देहरादून केंद्रीय, देहरादून दक्षिण, डोईवाला, ऋषिकेश, मोहनपुर, विकासनगर और रायपुर में करीब 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
आपदा के कारण जिलेभर में 33 केवी की करीब 136 किमी लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं, 11 केवी की 315 किमी और एलटी की 502 किमी लाइन बह गई।
कुल 953 पोल आंशिक व पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए। जबकि 93 ट्रांसफार्मर को नुकसान पहुंचा। जिससे जिले के 571 गांव में विद्युत आपूर्ति बाधित रही। ऊर्जा निगम का दावा है कि 33 केवी की सभी लाइन रिस्टोर कर ली गई हैं और ज्यादातर गांव में बिजली आपूर्ति सुचारू हो गई है।
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