Dehradun Dog Attack Case: तीन सर्जरी से गुजर चुकी घायल महिला, ''नींद में भी सुनाई दे रही कुत्तों की गुर्राहट''
देहरादून के जाखन में राटवीलर कुत्तों के हमले से एक बुजुर्ग महिला गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनके शरीर पर 200 से अधिक टांके लगे हैं और कई सर्जरी हुई हैं। घटना के बाद से वह दहशत में हैं और उनका परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान है। पीड़ित परिवार कुत्तों के मालिक पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। दून में खूंखार कुत्तों के हमले की शिकार हुई 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला तीन सर्जरी से गुजर चुकी हैं और अभी दो और सर्जरी बाकी हैं। घटना को एक सप्ताह हो चुका है और महिला की स्थिति में कुछ सुधार भी हुआ है, लेकिन उनके दिमाग ने न तो घटना का दृश्य ओझल हाे रहा है और न ही खूंखार कुत्तों की गुर्राहट कम हो रही है।
आज भी नींद में उन्हें कुत्तों की गुर्राने की आवाज सुनाई देती है और वह रातभर इसी दहशत में सो नहीं पा रही हैं। घटना ने बुजुर्ग महिला को शारीरिक रूप से तोड़ दिया, साथ ही उनके पूरे परिवार की जिंदगी भी उथल-पुथल कर दी है।
बीते रविवार को जाखन क्षेत्र में कौशल्या देवी सुबह मंदिर जा रही थीं, तभी दो पालतू राटवीलर कुत्तों ने उस वक्त हमला कर दिया। हमला इतना खौफनाक था कि उनके शरीर पर 200 से अधिक टांके लगाने पड़े। एक कान पूरी तरह नोच लिया गया, जबकि हाथ-पैरों में गहरे कट और जख्म बने।
उनके हाथ की हड्डी भी टूट गई। महिला का श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में इलाज चल रहा है। कान की सर्जरी हो चुकी है, हाथ की हड्डी में राड डाली गई है। लेकिन, अब भी शरीर के बड़े हिस्से की त्वचा की सर्जरी बाकी है। अब तक उनके उपचार पर करीब ढाई लाख रुपये खर्च हो चुके हैं और अभी दो सर्जरी व अन्य उपचार पर और भी खर्च आएगा।
उनका एकलौता बेटा भी अपना काम छोड़कर अस्पताल के चक्कर काट रहा है और बहू भी सास की सेवा में जुटी है। घर पर बच्चे को भी अकेला नहीं छोड़ सकते। घटना के बाद से ही उनका घर, कामकाज सबकुछ प्रभावित हो गया है। वह मानसिक और आर्थिक परेशानी झेल रहे हैं। जबकि, न तो कुत्तों के मालिक की कोई जिम्मेदारी तय हुई और न ही शासन-प्रशासन ने ही पीड़ित की व्यथा सुनी।
मां करवट भी नहीं बदल पातीं
घायल महिला के बेटे उमंग निर्वाल बताते हैं, उनकी मां बहुत दर्द में हैं। बीपी और शुगर की मरीज हैं, ऊपर से इतने गहरे घाव कि नींद में करवट तक नहीं बदल पातीं। खाना-पीना और शौच जाना तक मुश्किल हो गया है। पूरा परिवार अस्पताल में है, काम धंधा सब बंद पड़ा है।”
उमंग का कहना है कि जिस व्यक्ति ने ऐसे खतरनाक कुत्ते पाल रखे हैं, उस पर अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने पुलिस से कार्रवाई की मांग की, लेकिन वे सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। ऐसे जानलेवा शौक को रोकने के लिए क्या कोई व्यवस्था नहीं है?
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