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    देहरादून में कुत्तों का आतंक: वफादारी छोड़ मालिक की जान के दुश्मन भी बन सकते हैं, शिकार लोगों में ज्‍यादा बच्‍चे

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 02:18 PM (IST)

    देहरादून में कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है। रॉटवीलर और पिटबुल जैसे कुत्ते न केवल दूसरों बल्कि अपने मालिक के लिए भी खतरनाक हो सकते हैं। पशु चिकित्सकों के अनुसार कुत्ते खतरा महसूस होने पर आक्रामक हो जाते हैं। बच्चों पर कुत्तों के हमले अधिक होते हैं इसलिए कुत्तों को प्रशिक्षित करना बहुत ज़रूरी है। काटने से पहले कुत्ते कुछ संकेत देते हैं जिन्हें समझना चाहिए।

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    खतरा महसूस होने पर आक्रामक हो जाते हैं कुत्ते, किसी पर भी कर देते हमला। प्रतीकात्‍मक

    अंकुर अग्रवाल, जागरण देहरादून। खूंखार प्रजाति के रोटवीलर या पिटबुल जैसे कुत्ते दूसरे लोगों ही नहीं, बल्कि अपने मालिक की जान के दुश्मन भी बन सकते हैं। पशु चिकित्सक डा. डीसी तिवारी के अनुसार, अगर कुत्ते खुद के लिए खतरा महसूस करते हैं तो आक्रामक हो जाते हैं। कुत्ते के काटने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें एक कारण डर भी है। अपनी पसंदीदा चीज, आराम करने की जगह, खाना व बिस्तर बचाने के प्रयास में भी वह काट सकते हैं।

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    पशु चिकित्सक डा. तिवारी बताते हैं कि मिलनसार और खुशमिजाज कुत्ता भी अगर परेशान हो तो उसके हमला करने की आशंका अधिक हो जाती है। अगर आप अपने पालतू कुत्ते को दरवाजे के पास से खींचकर हटा रहे हैं और ऐसा करते समय अनजाने में उसे चोट लग गई तो वह आक्रामक हो सकता है। लिवर की बीमारी या ब्रेन ट्यूमर के कारण भी कुत्ते अजीब बर्ताव कर सकते हैं, क्योंकि लिवर खराब होने का सीधा असर कुत्ते के दिमाग पर पड़ता है।

    कुत्तों के व्यवहार को लेकर चर्म रोग विशेषज्ञ डा. अनिल आर्य का कहना है, यह बहुत मुश्किल है कि हम अपने पालतू जानवर के सभी इशारों को ठीक से समझ सकें। अगर आपके पास दो या अधिक कुत्ते हैं तो मौसम से इतर यह देखना चाहिए कि कुत्ते आपस में कैसा बर्ताव कर रहे हैं। यदि दोनों एक-दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि दोनों में गुस्सा बढ़ रहा है और ध्यान नहीं देने पर यह मालिक के विरुद्ध भी जा सकता है।

    कुत्तों के शिकार लोगों में बच्चों की संख्या अधिक

    विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए डा. डीसी तिवारी ने बताया कि कुत्तों के शिकार लोगों में बच्चों की संख्या अधिक रहती है। रिपोर्ट के अनुसार बच्चों का कद छोटा होता है, इस कारण कुत्ते उनके होंठ, नाक और गाल पर अधिक हमला करते हैं। चिकित्सकों के अनुसार कुत्ता यदि गले पर काटे तो बेहद घातक हो सकता है, क्योंकि अगर कैरोटिड आर्टरी कट जाए तो ज्यादा खून बहने से मौत भी हो सकती है।

    कुत्तों को प्रशिक्षित करना जरूरी

    डा. डीसी तिवारी के अनुसार, अगर आप सोचते हैं कि अपने कुत्तों को अनजान बच्चों और लोगों के बीच छोड़ना सही है तो यह गलत है। यह सोचना भी गलत है कि आपकी अनुपस्थिति में कुत्ता दूसरों के साथ अच्छा बर्ताव करेगा। यदि आप उसे कहीं बाहर से खरीदकर घर ले आते हैं तो माहौल एकदम अलग होता है। ऐसे में कुत्ता घबरा सकता है और वह किसी पर भी हमला कर सकता है। जरूरी है कि कम उम्र में ही उन्हें प्रशिक्षित किया जाए।

    होंठ के ऊपर जीभ फिराए तो हो जाएं सावधान

    • चिकित्सकों के अनुसार, काटने से पहले कुत्ते आमतौर पर परेशान होने के संकेत देते हैं।
    • वह अपने होंठ के ऊपरी हिस्से पर जीभ फिराते हैं, झुकाव की मुद्रा ले लेते हैं।
    • अपने कान पीछे कर लेते हैं या अपनी दुम को पैरों के बीच में दबा लेते हैं।
    • बच्चे हर बार इन संकेतों को समझ नहीं पाते और कभी-कभी उन्हें लगता है कि अगर कुत्ता अपने दांत दिखा रहा है तो वो खुश है और हंस रहा है।
    • वहीं, जब कोई कुत्ता अपने मालिक पर हमला करता है तो लोग समझते हैं कि उसने कोई चेतावनी नहीं दी और हमला किया, लेकिन ऐसा नहीं है। कुत्ता महीनों से कुछ कहने की कोशिश कर रहा होता है।