भारत-पाक तनाव के बीच देहरादून से रक्षा विज्ञानी मोर्चों पर रवाना, IRDE और डील में शीर्ष अधिकारियों की छुट्टी रद
भारत-पाक तनाव के बीच देहरादून के रक्षा अनुसंधान संस्थानों को अलर्ट पर रखा गया है। IRDE और DEAL के रक्षा वैज्ञानिक मोर्चों पर भेजे गए हैं। सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों और रक्षा उपकरणों को उन्नत करने के लिए यह कदम उठाया गया है। अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और सभी को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

सुमन सेमवाल, देहरादून। India-PAK Tension: पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बीच देहरादून के रक्षा अनुसंधान और रक्षा उत्पादन से जुड़े संस्थान भी अलर्ट मोड पर आ गए हैं। साथ ही दून में तैनात रक्षा विज्ञानियों को विभिन्न मोर्चों के लिए रवाना कर दिया गया है।
सेनाओं के हथियारों और रक्षा उपकरणों को धार देने के लिए जिन भी उत्पादों को तैयार करने में दून के रक्षा प्रतिष्ठानों की भूमिका है, उनके विज्ञानियों को संबंधित प्रयोगकर्ता स्थलों के भेजा गया है।
माना जा रहा है कि पाकिस्तान से तनाव के बीच न सिर्फ प्रत्यक्ष मोर्चे, बल्कि युद्धक तैयारियों के तेज होने के क्रम में रक्षा विज्ञानियों की हर समय जरूरत को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
सेना कर रही है मिसाइलों के अधिक प्रयोग
देहरादून में डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (आइआरडीई) और डिफेंस इलेक्ट्रानिक्स एंड एप्लिकेशन लैबोरेटरी (डील) जैसे संस्थानों के साथ ही आर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड की आर्डनेंस फैक्ट्री देहरादून और आप्टो इलैक्ट्रानिक्स फैक्ट्री (आप्टेल इंडिया लि.) जैसे प्रतिष्ठान हैं।
रक्षा सूत्रों के अनुसार आइआरडीई और डील के तमाम रक्षा उत्पादों का प्रयोग मिसाइलों और अन्य रक्षा उत्पादों में किया जा रहा है। इन उत्पादों का प्रयोग सेनाएं कर रही हैं और इन्हें विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है। लिहाजा, संबंधित विज्ञानियों को रक्षा उत्पादों के तैनाती स्थलों के लिए रवाना किया गया है।
वर्तमान में सेना मिसाइल का अधिक प्रयोग कर रही हैं। आइआरडीई ने लेजर गाइडेड मिसाइलों के लिए प्राक्सिमेटिक फ्यूज तैयार किए हैं। लेजर आधारित इस तकनीक से तरंगें, लांच हो चुकी मिसाइल के आगे-आगे चलकर राह दिखाने का काम करती है। ये तरंगें मिसाइल से 17 मीटर आगे रहती हैं और दुश्मन के फाइटर जेट के अचानक मूवमेंट बदलने पर भी मिसाइल रास्ता नहीं भटकती हैं।
इसके अलावा दुश्मनों पर अचूक निगाह रखने और अटैक करने के लिए वाइड एरिया सीसीडी, थर्मल इमेजर, जासूसी प्रणाली, सेंसर नेटवर्क, फायर कंट्रोल कंप्यूटर, लाइट वेट लेजर टारगेट डिजिगनेटर, जिंबल्ड सीकर जैसे तमाम उत्पादों का प्रयोग सेना कर रही हैं। डील ने भी सेटेलाइट कम्युनिकेशन से लेकर रक्षा संचार के तमाम उत्पाद विकसित किए हैं।
हर परिस्थिति में तैयार रहने के निर्देश
आयुध निर्माण से जुड़ी देश की विभिन्न आर्डनेंस फैक्ट्री में सभी कार्मिकों की छुट्टियां रद्द की गई हैं। हालांकि, आर्डनेंस फैक्ट्री देहरादून और आप्टो इलैक्ट्रानिक्स फैक्ट्री (आप्टेल इंडिया लि.) में अभी छुट्टियां बहाल हैं, लेकिन सभी को इसके लिए भी तैयार रहने को कहा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर दिन-रात उत्पादन किया जा सके। ये दोनों फैक्ट्रियां रक्षा उत्पादों के डे-नाइट विजन आदि उत्पादों से जुड़ी हैं।

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