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नशा मुक्ति केंद्र दुष्कर्म प्रकरण, डाक्टर न काउंसलर तो आखिर फिर कौन छुड़वा रहा था नशा, हर माह तीन हजार लेते थे फीस

क्लेमेनटाउन में वाक एंड विन सोवर लिविंग होम नशामुक्ति केंद्र नियमों को ताक पर रखकर चल रहा था। फरवरी में केंद्र के संचालक विद्यादत्त रतूड़ी व साझीदार विभा सिंह ने आनलाइन केंद्र चलाने के लिए अनुमति ली थी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 08 Aug 2021 09:03 AM (IST)Updated: Sun, 08 Aug 2021 09:03 AM (IST)
नशा मुक्ति केंद्र दुष्कर्म प्रकरण, डाक्टर न काउंसलर तो आखिर फिर कौन छुड़वा रहा था नशा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दून के क्लेमेनटाउन में वाक एंड विन सोवर लिविंग होम नशामुक्ति केंद्र नियमों को ताक पर रखकर चल रहा था। फरवरी में केंद्र के संचालक विद्यादत्त रतूड़ी व साझीदार विभा सिंह ने आनलाइन केंद्र चलाने के लिए अनुमति ली थी। नशा छोड़ने के लिए जो लोग आवेदन करते थे, उनके घर आरोपित खुद ही पहुंच जाते थे। दोनों ने दो मंजिला भवन किराये पर लिया और केंद्र शुरू कर दिया। केंद्र के निचले तल पर 17 युवक रखे थे, जबकि ऊपर पांच युवतियां रह रही थीं। वहीं बड़ा सवाल यह भी है कि जब यहां चिकित्सक नहीं, काउंसलर नहीं थे, तो नशा आखिर छुड़वा कौन रहा था।

आरोपित संचालक नशा छुड़ाने के नाम पर पीड़ितों के स्वजन से प्रति व्यक्ति तीन से छह हजार रुपये फीस लेता था, लेकिन केंद्र में मेडिकल की कोई सुविधा नहीं थी। सेंटर में रह रहे युवकों ने बताया कि वह खुद ही खाना बनाते थे। केंद्र संचालक बीड़ी और तंबाकू का पैकेट देकर उन्हें कमरे में बंद करके चला जाता था।

विद्यादत्त और विभा पहले खुद करते थे नशा

एसओ क्लेमेनटाउन धर्मेंद्र रौतेला ने बताया कि केंद्र के संचालक विद्यादत्त व विभा खुद ही नशे के आदी थे। नशा छोड़ने के लिए वह नेहरू कालोनी क्षेत्र में एक केंद्र में पहुंचे। दोनों ने कुछ महीने बाद उसी केंद्र में काम शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों ने अपना केंद्र खोलने की योजना बनाई।

केंद्र के बाहर दो दिनों से हंगामा

पांच अगस्त को केंद्र से चार युवतियां भाग गई थीं। इसके बाद से केंद्र के बाहर रोज हंगामा हो रहा था। यहां नशा छोडऩे के लिए पहुंचा एक युवक ही सभी युवकों के स्वजन से संपर्क कर रहा है। मौजूदा समय में केंद्र में रह रहे 17 युवकों में से दो अपने घर चले गए हैं, जबकि अन्य को घर भेजने की तैयारी की जा रही है।

जिले में पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

केस-एक

18 जुलाई को नवादा स्थित जगत जीवन ज्योति गुरुकुल में 12 साल की बच्ची के साथ संचालक ने ही दुष्कर्म किया। बच्ची एनजीओ में ही रहती थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपित संचालक व उसकी साझीदार महिला को गिरफ्तार किया था, जो वर्तमान में जेल में हैं।

केस-दो

14 अगस्त, 2018 को सहसपुर स्थित एक बोर्डिंग स्कूल में छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। मामले में पुलिस ने स्कूल की निदेशक, प्रिंसिपल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, उसकी पत्नी और आया को भी गिरफ्तार किया था।

केस-तीन

नवंबर 2015 में नारी निकेतन में रहने वाली मूक बधिर संवासिनी के साथ वहीं के स्टाफ ने दुष्कर्म किया और फिर संवासिनी का गर्भपात करा दिया। यह मामला भी काफी समय तक सुर्खियों में रहा था।

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