Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फर्जी डॉक्टर बनकर की 50 लाख की साइबर ठगी, आरोपी को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 06:17 AM (IST)

    देहरादून में एक व्यक्ति से 50 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में एसटीएफ ने हिमाचल प्रदेश से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने डॉक्टर बनकर दोस्ती की और कस्टम अधिकारी बनकर ठगी को अंजाम दिया। पुलिस ने पहले भी एक आरोपी को गिरफ्तार किया था और अन्य साथियों की तलाश जारी है।

    Hero Image
    डॉक्टर बनकर 50 लाख रुपये की साइबर ठगी करने वाला गिरफ्तार। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, देहरादून। दून के व्यक्ति से 50 लाख रुपये की साइबर ठगी करने के आरोपित को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया है। आरोपित ने डॉक्टर बनकर दोस्ती की और कस्टम अधिकारी बनकर ठगी की घटना को अंजाम दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस मुकदमे में एसटीएफ एक साइबर ठग को पूर्व में गिरफ्तार कर चुकी है। उसके अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

    एसएसपी, एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि देहरादून निवासी एक व्यक्ति ने दिसंबर 2024 में साइबर थाने में तहरीर दी कि उसे फेसबुक पर डा. लवोथ गिब्सन नामक प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। उन्होंने फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली।

    इसके बाद वाट्सएप चेट, काल और एसएमएस से बातचीत होने लगी। आरोपित ने भारत आने का झूठा बहाना बनाया और फिर जाली कस्टम अधिकारी सरवन खान तथा फर्जी बैंक अधिकारी डेविड जानसन ने कस्टम क्लियरेंस, बैगेज चार्ज, घरेलू उड़ान टिकट, आरबीआई नियम व विदेशी मुद्रा शुल्क का हवाला देकर धनराशि की मांग की।

    शिकायतकर्ता ने बताया कि ठगों ने उन्हें वाट्सएप पर क्यूआर कोड, फर्जी फ्लाइट टिकट, नकली पासपोर्ट तथा बैंक संदेश भेजे और दबाव बनाकर लगातार रकम स्थानांतरित करवाई।

    नवंबर से दिसंबर 2024 के बीच उनसे विभिन्न बैंक खातों में कुल लगभग 50 लाख रुपये जमा करवाए। संदेह होने पर धनराशि वापस लेने का प्रयास किया तो अंतरराष्ट्रीय नियमों और टैक्स का बहाना बनाकर रकम लौटाने से इंकार कर दिया।

    प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए विवेचना निरीक्षक विकास भारद्वाज के सिपुर्द की गई। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल बैंक खातों, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों, वाट्सएप की जानकारी जुटाई तो हिमांशु शिवहरे निवासी ग्राम जौरा, पोस्ट आफिस जौरा, जिला मुरैना, मध्य प्रदेश का नाम सामने आया।

    साइबर ठगों ने फर्जी प्रोफाइल व अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर करोड़ों की साइबर ठगी को अंजाम देने के लिए अलग-अलग नामों से प्रोफाइल व इंटरनेशनल नंबरों का इस्तेमाल किया जाता था। जांच के बाद आरोपित हिमांशु शिवहरे को कालाअंब, हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया।

    संगठित तरीके से गिरोह चला रहे थे आरोपित

    एसएसपी ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में में पता चला कि गिरोह संगठित रूप से कार्य कर रहा था, जिसमें साइबर ठग अलग-अलग भूमिकाएं निभाते थे।

    गिरफ्तार किया गया आरोपित हिमांशु शिवहरे भी इसी नेटवर्क का सक्रिय सदस्य है, जो फर्जी प्रोफाइल और अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों का प्रयोग कर करोड़ों रुपये की साइबर ठगी को अंजाम देता था। गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

    comedy show banner
    comedy show banner