Dehradun Crime : झगड़े के बाद बिन खाना खाए सो गया था पति, पत्नी ने जगाया तो दबा दिया गला, मिला आजीवन कारावास
Dehradun Crime पत्नी की गला घोंटकर हत्या करने के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मूल रूप से सहारनपुर के साफर कस्बे का रहने वाला अभिषेक शर्मा निजी कंपनी में काम करता था। इस मामले में मृतक के 11 वर्षीय बेटे की गवाही महत्वपूर्ण रही।
जागरण संवाददाता, देहरादून: Dehradun Crime : अतिरिक्त जिला एवं सेशन जज चंद्रमणि राय की अदालत ने पत्नी की गला घोंटकर हत्या करने के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में मृतक के 11 वर्षीय बेटे की गवाही महत्वपूर्ण रही।
शासकीय अधिवक्ता जेके जोशी ने बताया कि 16 अप्रैल 2017 की रात को बंजारावाला निवासी अभिषेक ने पटेलनगर कोतवाली में फोन किया कि उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी है। घटना के बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष पटेलनगर रितेश शाह, उस समय के एसपी सिटी अजय सिंह व एएसपी लोकेश्वर सिंह मौके पर पहुंचे।
अभिषेक शर्मा निजी कंपनी में काम करता था
मूल रूप से सहारनपुर के साफर कस्बे का रहने वाला अभिषेक शर्मा निजी कंपनी में काम करता था। वह बंजारावाला में मां तरनेश, पत्नी नीति शर्मा व बेटे तुषार व गर्व के साथ किराये के मकान में रहता था।
16 अप्रैल की शाम अभिषेक ड्यूटी से घर पहुंचा तो उसकी पत्नी के साथ किसी बात को लेकर नोकझोंक हो गई। रात करीब 10 बजे अभिषेक खाना खाए बिना सो गया। थोड़ी देर बाद नीति भी कमरे में पहुंची तो दोनों में फिर झगड़ा हो गया।
इसके बाद अभिषेक ने कमरा अंदर से बंद कर लिया और थोड़ी देर में बदहवास हालत में बाहर आया। अभिषेक को परेशान देख उसकी मां कमरे में गईं तो देखा कि नीति बिस्तर में अचेत पड़ी थी। इसके बाद आरोपित ने खुद ही पटेलनगर कोतवाली में फोन कर बताया कि उसने अपनी पत्नी को मार दिया है।
शराब पीने के लिए मांगता था रुपये
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि अभिषेक शराब पीने का आदी था। उसकी पत्नी नीति शर्मा भी नौकरी करती थी और अभिषेक उससे रुपये मांगता था। घटना वाली रात को आरोपित ने अपनी पत्नी से रुपये मांगे, मगर नीति ने रुपये न होने की बात कही। इसी बात से गुस्साए अभिषेक ने गला घोंटकर उसे मौत के घाट उतार दिया।
बेटे की गवाही रही महत्वपूर्ण
दोषी को सजा दिलवाने में उसके 11 वर्षीय बेटे तुषार की गवाही महत्वपूर्ण रही। तुषार ने न्यायालय में बताया कि घटना के समय मम्मी व पापा कमरे में थे। उनके बीच झगडा हो रहा था। फिर दोनों शांत हो गए।
जब दरवाजा खुला तो मम्मी बेहोश पड़ी थीं। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह गला घोंटना आई। इन्हीं गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से 10 गवाह पेश किए गए।