Dehradun Cloudburst Photos: कार्लीगाड़ में आसमान से टूटा कहर, मकान-पुल-रिजॉर्ट बने मलबे का ढेर
देहरादून के सहस्रधारा कार्लीगाड़ और मंझाड़ा में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। चार लोग लापता हैं और कई घर व दुकानें ध्वस्त हो गई हैं। रात को बादल फटने से पहाड़ों से मलबा गांव की ओर बढ़ा। पंचायत घर ढहने से भी नुकसान हुआ। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। इस आपदा से क्षेत्र में दहशत है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। सोमवार की रात कार्लीगाड़ और सहस्रधारा क्षेत्र के लोगों के लिए कभी न भूलने वाली भयावह रात बन गई। शाम से रिमझिम बरसात हो रही थी और लोग इसे मानसून का सामान्य दौर मानकर निश्चिंत थे। लेकिन, रात 12 बजे के करीब आसमान अचानक दहाड़ उठा।
जोरदार गड़गड़ाहट और धमाके जैसी आवाजों के बीच देखते ही देखते बादल फटा और पहाड़ों से मलबे व बारिश का सैलाब गांव की ओर टूट पड़ा। गांव में चीख-पुकार मच गई और सभी घरों से निकलकर सुरक्षित स्थलों की ओर दौड़े। आपदा में क्षेत्र के चार लोग लापता हैं। जबकि, एक दर्जन से अधिक घरों व दुकानों को नुकसान पहुंचा है। फसल बर्बाद हो गई और बड़ी संख्या में मवेशी जिंदा दफन हो गए।
ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार रात धमाकों की आवाज से नींद खुली तो देखा चारों तरफ पानी और मलबा तेजी से बढ़ रहा है। आनन-फानन में लोग घरों से बाहर भागे। बच्चों और बुजुर्गों को संभालते हुए ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की ओर भागे और चिल्लाकर दूसरों को भी सतर्क करते रहे। रातभर अफरातफरी और दहशत का माहौल रहा।
पहले दौर की बरसात से क्षेत्र में तबाही मची ही थी कि सुबह करीब चार बजे फिर से मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। आठ बजे एक बार फिर बादल फटा और मंझाड़ा गांव का पंचायत घर इसकी चपेट में आ गया। यहां ग्रामीण अपना सामान सुरक्षित रखने पहुंचे थे। लेकिन, भारी मलबे से पंचायत घर ढह गया और चार लोग बह गए। इनमें से एक को बचा लिया गया, जबकि तीन अब भी लापता हैं।
मकान, पुल और रिजॉर्ट बने मलबे का ढेर
कार्लीगाड़ गांव में करीब छह से सात मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए और चार मकान आंशिक क्षतिग्रस्त हैं। जल संस्थान का वाटर फिल्टरेशन टैंक तबाह हो गया। गांवों को जोड़ने वाले दो पुल बह गए। सहस्रधारा क्षेत्र में 25 से 30 दुकानें और कई रिजॉर्ट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। एक रिजॉर्ट की दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। क्षेत्र की सड़कें और मुख्य पुल भी क्षतिग्रस्त होने से संपर्क मार्ग पूरी तरह टूट गया।
फसल और मवेशियों का भी नुकसान
ग्रामीणों की खेती की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। कई मवेशी मलबे में जिंदा दब गए। जो लोग सुरक्षित बच निकले हैं, वे अब भी खौफ में हैं। कार्लीगाड़ में करीब 45 परिवार रहते हैं और अधिकांश को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है।
प्रशासन ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर किया शिफ्ट
जिलाधिकारी सविन बंसल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने सहस्रधारा क्षेत्र में हुए नुकसान का पैदल भ्रमण कर जायजा लिया। मंझाड़ा में तीन लोगों के मलबे में दबे होने और एक के लापता होने की सूचना मिली। यहां कई आवासीय भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, सामुदायिक केंद्र, 13 दुकानें, आठ होटल और तीन रेस्टोरेंट क्षतिग्रस्त हुए हैं।
वहीं, सहस्रधारा-कार्लीगाड़ मोटर मार्ग नौ से अधिक स्थानों पर भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ है। प्रभावित लोगों को अस्थायी रूप से राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय चामासारी में बनाए गए राहत शिविर में ठहराया गया है।
जिलाधिकारी ने शिविर में मौजूद परिवारों से मुलाकात कर भरोसा दिलाया कि यदि वे सुरक्षित स्थानों पर किराए में शिफ्ट होना चाहें तो उन्हें प्रति परिवार तीन माह तक चार-चार हजार रुपये किराया सहायता दी जाएगी। प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर तैनात हैं। कार्लीगाड़ क्षेत्र में फंसे 70 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है।
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