Dehradun Coronavirus Update: ग्राफिक एरा की एचओडी डॉ. धर का कोरोना से हुआ निधन
महामारी बन चुके कोरोना ने ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के एक और विभागाध्यक्ष की जान ले ली। ग्राफिक एरा की ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साईंसेज की विभागाध्यक्ष डॉ. राज के धर भी इस घातक वायरस के हमले के बाद रविवार को इस दुनिया को अलविदा कह गईं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। महामारी बन चुके कोरोना ने ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के एक और विभागाध्यक्ष की जान ले ली। ग्राफिक एरा की ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साईंसेज की विभागाध्यक्ष डॉ. राज के धर भी इस घातक वायरस के हमले के बाद रविवार को इस दुनिया को अलविदा कह गईं। उनके निधन की खबर मिलते ही ग्राफिक एरा में शोक छा गया।
डॉ. धर ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सटी में विभागाध्यक्ष व प्रोफेसर के पद पर सेवा करने के साथ ही डिस्टेंस लर्निंग के भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थीं। कुछ दिन पहले कोरोना की जद में आने पर उन्हें मैक्स अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनके पुत्र मुंबई में डॉक्टर हैं। डॉ. धर की बीमारी के दौरान उनके पुत्र डॉ. रक्षक कौशल लगातार उनके साथ रहे। स्वास्थ्य में सुधार न होने पर कुछ दिन से डॉ. धर वेंटिलेटर पर थीं। तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। रविवार शाम उन्होंने अंतिम सांस ली।
सेंट थॉमस से स्कूल टीचर के रूप में अपने करियर की शुरूआत करने के बाद डॉ. धर ने समाजसेवा के क्षेत्र में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई। इसी पहचान ने उन्हें देहरादून की नगर निगम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचाया। इस शिक्षक के रूप में उनका सफर रूका नहीं। यूनिवर्सिटी की एक लोकप्रिय शिक्षिक बनने के बाद वह मैनेजमेंट में शामिल हो गईं थीं। कठोर परिश्रम और मृदुभाषी ने उन्हें हमेशा लोकप्रियता के शिखर पर रखा। उनके छात्र-छात्राओं की संख्या हजारों में है। इनमें से काफी देश विदेश में प्रमुख पदों पर हैं।
डॉ. धर के निधन से ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में शोक की लहर दौड़ गई। यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों और शिक्षकों ने शोक सभा करके उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। ग्राफिक एरा एजुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. कमल घनशाला ने डॉ. राज धर के निधन को समूचे शिक्षा क्षेत्र की अपूरणीय क्षति बताते हुए गहन दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि डॉ.धर ऐसी शिक्षिका थीं, जो छात्र-छात्राओं के पूरे व्यक्तित्व को निखारने का हुनर जानती थीं। कोरोना से पीड़ित होने के बाद उन्होंने काफी दिनों तक संघर्ष किया।इससे पहले ग्राफिक एरा के आइटी के एचओडी. प्रो. मनीष महाजन व सबसे पहले कर्मचारी चैत सिंह भंडारी व एक गार्ड का कोरोना के कारण निधन हो चुका है।
बीस साल जीने का भरोसा जताया था
डॉ. राज के. धर ने हाल ही में एक वेबिनार में अपने 20 साल जीवित रहने का विश्वास जाहिर किया था, लेकिन एक महीना भी नहीं गुजरा कि क्रूर काल ने उनके इस विश्वास को तोड़ दिया। बीती 20 अप्रैल को भारत-चीन संबंधों पर आधारित वेबिनार में डॉ. राज धर ने देश के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन से पूछा था कि हमारी पीढ़ी चीन के साथ सीमा विवाद को खत्म होते देख पाएगी। इसके जवाब में मेनन ने सवाल किया कि आप कब जाने का प्लान कर रही हैं। डॉ.धर ने हंसते हुए कहा था बीस साल, लेकिन कोरोना ने उनके इस भरोसे को एक माह से पहले ही तोड़ दिया।
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