Uttarakhand Tourism: अब गोवा की तरह किराए पर मिलेंगे फ्लैट और बंगले, बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना होगी शुरू
Uttarakhand Tourism उत्तराखंड में पर्यटन विभाग बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना शुरू करने जा रहा है जिससे पर्यटक गोवा की तरह किराए पर फ्लैट कोठी ले सकेंगे। भवन स्वामी पर्यटन विभाग में पंजीकरण करा सकेंगे और पर्यटकों को सुविधा मिलेगी। होमस्टे योजना में भी बदलाव होगा और यह योजना व्यवसायिक श्रेणी में आएगी।

तुहिन शर्मा, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में अब गोवा की तर्ज पर पर्यटकों को किराए पर रहने के लिए फ्लैट, आधुनिक भवन, अपार्टमेंट, कोठी, काटेज और बंगले मिले सकेंगे। पर्यटन विभाग, उत्तराखंड पर्यटन यात्रा व्यवसाय एवं पंजीकरण नियमावली में संशोधन कर बेड एवं ब्रेकफास्ट योजना लागू करने की तैयारी में है।
योजना के अंतर्गत भवन स्वामी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों में मौजूद अपने आधुनिक भवन आदि को पर्यटन विभाग में पंजीकूत करा सकेंगे। जिसके बाद पर्यटक इन्हें किराये पर लेकर इस्तेमाल कर सकते हैं। आगामी बैठकों के बाद जल्द ही यह योजना लागू होगी।
पर्यटन विभाग, उत्तराखंड पर्यटन यात्रा व्यवसाय एवं पंजीकरण नियमावली में कर रहा संशोधन
उत्तराखंड में वर्तमान में पर्यटकों को वाजिब मूल्य पर घर जैसा ठहराव व खान-पान देने के लिए होमस्टे योजना संचालित है। योजना के अंतर्गत राज्य में चार हजार से अधिक होमस्टे मौजूद हैं। लेकिन, होमस्टे खोलने के लिए कई अनिवार्य नियम हैं, जिससे कि हर भवन स्वामी इसके लिए पात्र नहीं होता।
नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्र में संचालित होगी बेड एवं ब्रेकफास्ट योजना
जैसे कि होमस्टे संचालित करने वाले स्वामी को उसी संपत्ति पर रहना जरूरी है। साथ ही होमस्टे योजना में सिर्फ वही पंजीकरण करा सकता है, जो उत्तराखंड का स्थायी निवासी है। इन बाध्यताओं के कारण कई भवन स्वामी इसका लाभ नहीं उठा पा रहे। हालांकि, अब ऐसे भवन स्वामियों के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडबी) जल्द ही बेड एवं ब्रेकफास्ट योजना लागू करने की तैयारी में है।
भवन स्वामी के रहने की नहीं होगी बाध्यता
बेड एवं ब्रेकफास्ट योजना के अंतर्गत भवन स्वामी को वहां रहने की बाध्यता नहीं होगी। बाहरी क्षेत्रों में निवासरत भवन स्वामी भी उत्तराखंड में मौजूद अपनी संपत्ति का योजना में पंजीकरण करा सकेंगे। इसके लिए तीन हजार रुपये पंजीकरण शुल्क लगेगा। भवन के अधिकतम 10 कमरों को पर्यटकों को किराये पर देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। पंजीकरण होने के बाद हर पांच साल में इसका नवीनीकरण भी होगा।
पर्यटकों को मिलेंगी घर जैसी सुविधाएं
बेड एवं ब्रेकफास्ट योजना के अंतर्गत पंजीकरण आवासों में पर्यटकों को घर जैसी सभी सुविधाएं मिलेंगी। खाना बनाने के लिए बर्तन, फ्रीज, माइक्रोवव आदि से लैस किचन मिलेगा। बेड, बिस्तर, एसी और आवश्यक सुविधाओं से लैस कमरे व वाशिंग मशीन, बाथ टब, और शावर आदि से सुसज्जित बाथरूम मिलेंगे। वाहन खड़े करने के लिए आवासों में पर्याप्त पार्किंग का स्थान होगा।
पूरी तरह से व्यवसायिक होगी योजना
बेड एवं ब्रेकफास्ट योजना पूरी तरह से व्यवसायिक श्रेणी में शामिल होगी। मतलब, आधुनिक भवन के बिजली, पानी, आवास आदि का शुल्क भवन स्वामी को व्यवसायिक श्रेणी में देना होगा। जबकि यूटीडीबी ने होमस्टे को अव्यवसायिक श्रेणी में रखा है। होमस्टे के भवन स्वामी सभी शुल्कों का भुगतान आवासीय तौर पर करते हैं।
होमस्टे योजना में हो सकता है फेरबदल
होमस्टे योजना में भी फेरबदल की तैयारी चल रही है। होमस्टे का संचालन अब पूरी तरह से आवासीय, उत्तराखंडी वास्तु व पारंपरिक शैली में होगा। मुख्य रूप से इनका निर्माण सिर्फ ज्ञात, अल्पज्ञात पर्यटक स्थलों, ट्रेक मार्गाें एवं ग्रामीण परिवेश में हो सकेगा। होमस्टे में उत्तराखंड की संस्कृति का खान-पान और वहां भवन स्वामी का रहना जरूरी होगा। वर्तमान में संचालित ऐसे होमस्टे, जिनके मालिक आवास से बाहर रहते हैं, वह बेड एवं ब्रेकफास्ट योजना में तब्दील होंगे।
उत्तराखंड पर्यटन यात्रा, व्यवसाय एवं पंजीकरण नियमावली में संशोधन चल रहा है। इसमें बेड एवं ब्रेकफास्ट योजना लागू करने की तैयारी चल रही है। स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक होने के बाद इसे शासन में भेजा जाएगा। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद यह लागू होगी। - धीराज सिंह गर्ब्याल, सचिव पर्यटन।
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