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    Uttarakhand News: प्रमुख धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन को सर्वेक्षण करेंगे विशेषज्ञ, दोनों मंडलों में आयुक्त होंगे नोडल अधिकारी

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 08:10 AM (IST)

    हरिद्वार में भगदड़ के बाद मुख्य सचिव ने धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने भीड़ प्रबंधन के लिए विशेषज्ञों से सर्वेक्षण कराने और तकनीक का उपयोग करने की बात कही। प्रमुख मंदिरों में मनसा देवी चंडी देवी नीलकंठ कैंचीधाम और पूर्णागिरी शामिल हैं जहाँ भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष योजनाएँ बनाई जाएंगी। धार्मिक स्थलों के रास्तों से अतिक्रमण हटाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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    मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन व सुरक्षा को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। सूवि

    राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर मार्ग पर हुई भगदड़ की घटना के बाद प्रमुख मंदिरों, धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन व सुरक्षा के दृष्टिगत प्रभावी कदम उठाने के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में शासन भी सक्रिय हो गया है।

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    इसी कड़ी में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने मंगलवार को सचिवालय में हुई बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में ऐसे सभी धार्मिक स्थल चिह्नित किए जाएं, जिनमें महत्वपूर्ण दिवसों पर अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ जैसी घटनाओं की आशंका रहती है।

    उन्होंने भीड़ प्रबंधन के लिए प्रमुख मंदिरों का विशेषज्ञों की टीम से सर्वेक्षण कराने के निर्देश भी दिए। भीड़ प्रबंधन व सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदमों के दृष्टिगत दोनों मंडलों में आयुक्त नोडल अधिकारी होंगे।

    मुख्य सचिव ने कहा कि धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन के लिए तकनीकी का उपयोग भी किया जाना चाहिए। साथ ही अत्यधिक भीड़ होने पर मार्गों पर श्रद्धालुओं को रोकने को स्थल बनाए जाने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक धार्मिक स्थल के लिए रूट और सर्कुलेशन प्लान बनाया जाना चाहिए, ताकि अचानक भीड़ न बढ़े।

    यदि भीड़ बढ़ने की संभावना हो तो श्रद्धालुओं को पूर्व निर्धारित स्थलों पर रोका जा सके। भीड़ प्रबंधन व सुरक्षा के लिए सभी प्रकार की भौतिक एवं तकनीकी व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।

    उन्होंने इस कड़ी में अधिक महत्वपूर्ण मंदिरों को प्राथमिकता पर लेते हुए पहले चरण में मनसा देवी, चंडी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम व पूर्णागिरी मंदिरों का विशेषज्ञों की टीम से सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए। विशेषज्ञों की टीम मंदिर क्षेत्रों का विश्लेषण कर भीड़ प्रबंधन, निकासी योजना व बाटलनेक के लिए सिविल इंजीनियरिंग और तकनीकी पहलुओं का परीक्षण करेगी।

    साथ ही विभिन्न स्थानों पर रुकने के स्थान समेत अन्य व्यवस्था के लिए समग्र कार्ययोजना बनाएगी और एसओपी भी विशेषज्ञों की टीम तैयार करेगी। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम को स्थानीय प्रशासन व हितधारकों के स्तर से हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देशित किया।

    उन्होंने धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों पर सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमणमुक्त कर वहां मार्ग चौड़ा कराने और अतिक्रमण हटाने के लिए निरंतर अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। बैठक में पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, धीराज सिंह गर्ब्याल, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप उपस्थित थे, जबकि कुमाऊं के मंडलायुक्त दीपक रावत वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।