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    Panchayat Elections: उत्तराखंड पंचायत चुनाव में भी भाजपा ने दिखाई धमक, कांग्रेस कर रही यह दावा

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 10:58 AM (IST)

    उत्तराखंड पंचायत चुनाव में भाजपा का दबदबा देखने को मिला हालांकि कांग्रेस ने भी कुछ जिलों में अच्छा प्रदर्शन किया। भाजपा ने पौड़ी समेत कई जिलों में बढ़त का दावा किया है। त्रिस्तरीय पंचायतों में समर्थित प्रत्याशियों के माध्यम से चुनाव लड़ा गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विकास कार्यों को केंद्र में रखकर प्रचार किया। मतदान में महिलाओं की भागीदारी अधिक रही।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों में पंचायत चुनाव में सत्ताधारी दल भाजपा दबदबा कायम करने में सफल रही है। यद्यपि, त्रिस्तरीय पंचायतों में भाजपा हो या कांग्रेस, किसी भी दल ने सीधे तौर पर प्रत्याशी नहीं उतारे।

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    समर्थित प्रत्याशियों के बूते पंचायत के चुनावी दंगल में ग्राम प्रधानों से लेकर क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों में सत्ताधारी दल ने सधे अंदाज में जिस प्रकार अपनी रणनीतिक तैयारियों को अंजाम दिया, जनादेश में उसका प्रभाव देखने को मिला है।

    भाजपा पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा में बढ़त मिलने का दावा कर रही है। वहीं कांग्रेस ने देहरादून, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर समेत कुछ जिलों में अपना प्रभाव दिखाया है।

    यद्यपि, मतगणना का कार्य गुरुवार देर रात्रि जारी चलता रहा। शुक्रवार तक समस्त पदों पर चुनाव परिणाम की तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।

    प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों में कब्जे को लेकर चुनावी मुकाबला मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच रहा है। भाजपा ने कुछ महीने पहले हुए नगर निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 11 नगर निगमों में से 10 में महापौर के पद पर कब्जा जमाया।

    एक पद निर्दलीय के खाते में गया। कांग्रेस को नगर निगमों में सफलता को तरसना पड़ा। नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में भी भाजपा बढ़त बनाने में सफल रही, लेकिन कांग्रेस ने ग्रामीण अंचलों से सटे नगर निकायों में अपनी मजबूत पकड़ दिखाई।

    इसी के बूते मुख्य विपक्षी पार्टी उम्मीद बांधे रही कि पंचायत चुनाव में उसे ग्रामीण मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिलेगा। एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को उभारने में पार्टी ने पूरा ध्यान दिया और ताकत भी झोंकी।

    वहीं, भाजपा ने सांगठनिक शक्ति के साथ ही विकास कार्यों को केंद्र में रखकर चुनावी रणनीति को धरातल पर उतारा। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नेतृत्वकर्ता की भूमिका में रहे। दोनों मंडलों गढ़वाल और कुमाऊं में उन्होंने सक्रियता बनाए रखी है।

    नगर निकाय चुनाव की भांति पंचायत चुनाव में भी मुख्यमंत्री धामी ने विकास कार्यों और डबल इंजन को केंद्र में रखकर भाजपा के चुनाव प्रचार की कमान थामे रहे। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 10,915 पदों के लिए मतपेटियों में बंद 34,151 प्रत्याशियों के भाग्य का पिटारा गुरुवार सुबह से खुलना प्रारंभ हुआ।

    पंचायतों में 22,429 प्रतिनिधि पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। दो चरणों में कुल 68.19 प्रतिशत हुए मतदान में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने मतदान में अधिक भागीदारी की है। भाजपा मातृशक्ति की इस सक्रियता को अपने पक्ष में मान रही है। यद्यपि, कांग्रेस ने भी इस चुनाव में अच्छे प्रदर्शन का दावा किया है।