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    Uttarakhand News: दून-हरिद्वार रेल ट्रैक पर वन्यजीवों की सुरक्षा को बनाएंगे ‘लक्ष्मण रेखा’, आईडीएस सिस्टम का सफल परीक्षण

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 03:25 PM (IST)

    देहरादून-हरिद्वार रेल मार्ग पर वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए इंट्रूशन डिटेक्शन सिस्टम (आईडीएस) का सफल परीक्षण किया गया। ओएफसी केबल पर हाथी का पैर पड़ते ही रेलवे स्टेशन पर अलार्म बजा। यह सिस्टम हाथियों को रेल दुर्घटनाओं से बचाने में सहायक होगा। रेलवे बोर्ड से स्वीकृति के बाद इसे जल्द ही स्थापित किया जाएगा जिससे वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

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    दून-हरिद्वार रेल ट्रैक पर वन्यजीवों की सुरक्षा को बनाएंगे ‘लक्ष्मण रेखा’

    जागरण संवाददाता, देहरादून। हरिद्वार और देहरादून के बीच राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व क्षेत्र के हाथी और अन्य वन्यजीवों को ट्रेन हादसों से बचाने के लिए इंट्रूशन डिटेक्शन सिस्टम (आईडीएस) का सफल परीक्षण हुआ। 

    मोतीचूर रेलवे स्टेशन के समीप ट्रैक के किनारे ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाकर उस पर हाथी को चढ़वाया गया। केबल पर हाथी का पैर पड़ते ही संबंधित रेलवे स्टेशन में चेतावनी अलार्म बजने लगा। 

    विशेषज्ञों के अनुसार, यह तंत्र पूरी तरह से लगने के बाद अलार्म की चेतावनी हाथी के नजदीक आ रही ट्रेन के लोको पायलट को भी मिलेगी। रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही यह सिस्टम देहरादून से हरिद्वार के बीच रेल ट्रैक के दोनों किनारों पर लगाया जाएगा और हाथियों को रेल हादसों से बचाने के लिए लक्ष्मण रेखा का कार्य करेगा।

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    राजाजी टाइगर रिजर्व के बीच से गुजर रहे दून-हरिद्वार रेल मार्ग पर अक्सर वन्यजीवों और हाथियों के रेल से टकराकर मौत होने की घटनाएं सामने आती हैं। वन विभाग और रेलवे ने हाथियों को टक्कर से बचाने के लिए रेल ट्रैक पर ट्रेनों की गति कम कर अन्य सुरक्षात्मक कदम उठाए, लेकिन इनसे पूरी तरह से घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा। 

    अब इन हादसों को और भी कम करने के लिए रेलवे ने ट्रैक पर आईडीएस लगाने का फैसला लिया, जिसका परीक्षण करा लिया गया है। इसे लगाने के लिए रेलवे प्रस्ताव तैयार कर रेल बोर्ड में भेजेगा। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही कार्य शुरू होगा।

    लेजर किरणों से बजता है अलार्म

    आईडीएस को लगाने वाली कंपनी के अभियंता राजीव शर्मा ने बताया कि आईडीएस वितरित ध्वनि संवाहक (डिस्ट्रीब्यूटेड एस्कास्टिक सेंसिंग) आधुनिक फाइबर तकनीक पर काम करता है। 

    इस सिस्टम में हाथी के वजन और चलने के तरीके की सूचना रहती है। इसमें बाघ, गुलदार और हिरण समेत अन्य वन्यजीवों की सूचना भी फीड की जा सकती है। ओएफसी फाइबर में लगातार लेजर किरणों का संचालन होता है। 

    जैसे ही हाथी या कोई अन्य वन्यजीव केबल पर पैर रखता है तो उसके दबाव और कंपन्न की ध्वनि से लेजर किरणों का संचार होता है, जो वन्यजीव के साथ दूरी का आकलन कर तत्काल निकट रेलवे स्टेशन पर चेतावनी अलार्म पहुंचाती हैं।

    मोतीचूर रेलवे स्टेशन के समीप रेल ट्रैक पर हाथियों व वन्यजीवों को रेल हादसों से बचाने के लिए आईडीएस का परीक्षण सफल हो गया है। इसे देहरादून से हरिद्वार के बीच लगाने की योजना है। रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद इसे लगाने के लिए टेंडर किए जाएंगे।

    -पुनीत प्रकाश, एसएसई टेलीकॉम, देहरादून।

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