Uttarakhand News: आपदा से निपटने के तौर-तरीकों का अध्ययन करने हिमाचल जाएगा उत्तराखंड का दल, तैयारी तेज
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने आपदा प्रबंधन सचिव को हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान से निपटने के तरीकों का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ दल भेजने का निर्देश दिया है। उन्होंने सचेत ऐप डाउनलोड करने और तहसील स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के लिए कहा है ताकि मौसम की जानकारी तुरंत लोगों तक पहुंचाई जा सके।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। हिमाचल प्रदेश में अतिवृष्टि के चलते उत्पन्न स्थिति से निबटने के लिए वहां किए जा रहे कार्यों का अध्ययन करने के लिए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का विशेषज्ञ दल हिमाचल भेजा जाएगा। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिव आपदा प्रबंधन को इसके निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने मंगलवार को एसईओसी (स्टेट इमरजेंसी आपरेटिंग सेंटर) पहुंचकर राज्य में वर्षा के चलते उत्पन्न स्थिति की जानकारी ली। इस अवसर पर हुई बैठक में उन्होंने यह निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश न केवल पड़ोसी राज्य हैं, बल्कि दोनों की भौगोलिक स्थिति एक जैसी है। इस वर्ष हिमाचल में अतिवृष्टि के चलते काफी क्षति हुई है। इससे निबटने के लिए वहां किस प्रकार से आपदा प्रबंधन के कार्य हो रहे हैं, इसे जानने और समझने की आवश्यकता है। ताकि, उत्तराखंड में भी ऐसी स्थिति आती है तो हिमाचल के अनुभव के आधार पर प्रभावी रणनीति बनाई जा सके।
मुख्य सचिव ने वर्तमान में प्रदेश में मानसून की स्थिति, आने वाले दिनों में मौसम का पूर्वानुमान, अब तक हुई वर्षा और राज्य में भूस्खलन के चलते बंद सड़कों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोलने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक संसाधन और उपकरणों की उपलब्धता की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि 15 मिनट के भीतर सभी जरूरी उपकरण मौके पर पहुंच जाएं। उन्होंने ग्रामीण सड़कों को भी तत्परता से खोलने के निर्देश दिए।
सभी के फोन में हो सचेत एप
मुख्य सचिव ने कहा कि सचेत एप आपदाओं से बचाव की दिशा में मददगार साबित हो सकता है। यह एक ऐसा एप है, जिसमें न सिर्फ मौसम व वर्षा के अलर्ट प्राप्त होते हैं, बल्कि आपदा से बचाव की भी जानकारी मिलती है।
उन्होंने राज्य के सभी नागरिकों से यह एप डाउनलोड करने की अपील की। साथ ही आपदा प्रबंधन सचिव को ईआरएसस 112, 1070, 1077 का व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये तीन नंबर भी सभी लोगों के फोन में होने चाहिए।
तहसील स्तर पर वाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश
मुख्य सचिव ने कहा कि आमजन तक मौसम संबंधी चेतावनी व पूर्वानुमान की जानकारियों को कम से कम समय में पहुंचाया जाए, ताकि लोग समय रहते सुरक्षात्मक कदम उठा सकें। उन्होंने कहा कि अलर्ट जारी करने वाली एजेंसियों से जो भी अलर्ट मिलते हैं, वह एसईओसी व डीईओसी के माध्यम से 15 मिनट के भीतर लोगों तक पहुंच जाएं, यह व्यवस्था की जाए। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति तक अलर्ट और अन्य सूचनाएं पहुंचाने को तहसील स्तर पर वाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए।
एसईओसी की अपनी एसओपी बनेगी
मुख्य सचिव ने राज्य और जनपद आपातकालीन परिचालन केंद्रों की अपनी स्वयं की एसओपी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम में किस अधिकारी, कर्मचारी की क्या भूमिका तथा दायित्व हैं, इसमें किसी भी प्रकार भ्रम की स्थिति नहीं रहनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कंट्रोल रूम की भी मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दिए।
72 घंटे में दी जाए अहेतुक सहायता
मुख्य सचिव ने आपदा प्रभावितों को अहेतुक सहायता वितरित करने में विलंब न करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को हर हाल में 72 घंटे के भीतर अहेतुक सहायता उपलब्ध करा दी जाए। साथ ही उन्होंने आपदा में क्षतिग्रस्त संपत्ति के नुकसान का सर्वे भी शीघ्रता से करने के निर्देश दिए, ताकि प्रभावितों को जल्द सहायता मिल सके।
2853 परिवारों का पुनर्वास
आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा कि राज्य में वर्ष 2012 से वर्तमान तक आपदा प्रभावित 258 गांवों के 2853 परिवारों का पुनर्वास किया जा चुका है। चालू वित्तीय वर्ष में 24 गांवों के 337 आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को 12.16 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। राज्य आपदा मोचन निधि तथा राज्य सेक्टर से कुल 175.50 करोड़ रुपये की धनराशि सभी जिलों को आवंटित की जा चुकी है।
उन्होंने मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी दी। साथ ही बताया कि राज्य में जून में सामान्य से कम वर्षा हुई, जबकि जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान है। पूरे मानसून सीजन में सामान्य से 108 फीसदी अधिक वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।
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