दिवाली से पहले उत्तराखंड के 8 शहरों में परिवेशी वायु गुणवत्ता पर 15 दिन विशेष निगरानी, बोर्ड सतर्क
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली के नजदीक आने पर वायु प्रदूषण को लेकर चिंता जताई है। बोर्ड ने देहरादून समेत आठ शहरों में 13 अक्टूबर से 15 दिनों तक वायु गुणवत्ता की निगरानी करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त शहरों में ध्वनि प्रदूषण के स्तर को भी मापा जाएगा। दीपावली पर आतिशबाजी के कारण प्रदूषण बढ़ने की आशंका है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। मध्य हिमालयी राज्य उत्तराखंड के शहरों में भले ही वायु की गुणवत्ता बेहतर हो, लेकिन दीपावली पर्व के नजदीक आने के दृष्टिगत चिंता भी बढ़ गई है। इसे देखते हुए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सक्रिय हो गया है।
बोर्ड ने आठ शहरों में 13 अक्टूबर से अगले 15 दिन तक परिवेशी वायु गुणवत्ता पर विशेष निगरानी का निश्चय किया है। इसके अलावा एक सप्ताह तक सभी शहरों में तीन स्थलों पर ध्वनि का अनुश्रवण भी किया जाएगा।
दीपावली की जगमग के बीच राज्य में वायु एवं ध्वनि प्रदूषण में भी बढ़ोतरी हो जाती है। आतिशबाजी के चलते कई बार तो प्रमुख शहरों में स्थिति चिंताजनक हो जाती है। पिछले अनुभवों को देखें तो दीपावली की रात देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, ऋषिकेश समेत अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब से बेहद खराब श्रेणी में पहुंचता रहा है।
विशेषकर पीएम-2.5 और पीएम-10 कणों का स्तर सामान्य से कई गुना बढ़ जाता है। इसके साथ ही आतिशबाजी के शोर से रात के समय ध्वनि का स्तर 55 डेसिबल के तय मानक से कहीं आगे निकल जाता है।
इस सबको देखते हुए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निगरानी तंत्र को अभी से सक्रिय कर दिया है। इससे पता चल सकेगा कि दीपावली से पहले और दीपावली के बाद राज्य के प्रमुख शहरों में वायु और ध्वनि की गुणवत्ता क्या रही। इस कड़ी में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डा पराग मधुकर धकाते ने बोर्ड के देहरादून, रुड़की, काशीपुर व हल्द्वानी स्थित क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश जारी किए हैं।
इन शहरों में रहेगी निगरानी
देहरादून, ऋषिकेश, टिहरी, हरिद्वार, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी व नैनीताल में 13 से 27 अक्टूबर तक वायु गुणवत्ता के दृष्टिगत विशेष अनुश्रवण किया जाएगा। इसके अलावा सभी शहरों में 13 से 20 अक्टूबर तक तीन स्थानों पर ध्वनि का स्तर भी आंका जाएगा। बोर्ड के सदस्य सचिव के अनुसार वायु व ध्वनि अनुश्रवण से संबंधित आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी भेजे जाएंगे।
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