Kanwar Yatra: कांवड़ यात्रियों से पैक तीर्थनगरी ऋषिकेश, जाम से बचने को नदी में उतारे वाहन
Kanwar Yatra ऋषिकेश में डाक कांवड़ यात्रा शुरू होने से चंद्रभागा पुल पर भयंकर जाम लग गया। यात्रियों को अपने वाहन फुटपाथ पर चढ़ाने पड़े। नीलकंठ महादेव मंदिर में चार लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। पुलिस को वाहनों को रोकना पड़ा और पुलों पर यातायात नियंत्रित करना पड़ा। अगले कुछ दिनों में भीड़ और बढ़ने की संभावना है।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। डाक कांवड़ शुरू होते ही ऋषिकेश से लेकर तपोवन और नीलकंठ पूरी तरह भगवा रंग में रंग गया है। ऋषिकेश से लेकर मुनिकीरेती तक जाम की स्थिति बनी रही।
चंद्रभागा पुल पर दिन भर जाम की स्थिति रही। जाम नहीं खुलने पर कई कांवड़ यात्रियों ने अपने दोपहिया वाहन पुल के फुटपाथ पर चढ़ा दिए। कई ने वाहन बरसाती नदी चंद्रभागा में उतार दिए। कोयल घाटी, नटराज चौक पर भी वाहनों का दबाव रहा। अभी आने वाले दो-तीन दिनों में डाक कांवड़ियों की संख्या और तेजी से बढ़ने का अनुमान है।
कांवड़ यात्रा के शुरूआती चरण में पैदल डाक कांवड़ यात्री अधिक पहुंचते हैं। श्रावण शिवरात्रि से पहले डाक कांवड़ यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है। हरियाणा, पश्चिम यूपी से बड़ी संख्या में दोपहिया वाहनों पर सवार होकर डाक कांवड़ यात्री पहुंचने लगे हैं। शुक्रवार से ही डाक कांवड़ यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी थी। शनिवार को सुबह और अधिक डाक कांवड़ यात्री पहुंचना शुरू हो गए।
नीलकंठ महादेव मंदिर में जलाभिषेक कर लौटने वाले कांवड़ यात्रियों की तादात भी हजारों में है। शनिवार को चंद्रभागा पुल से लेकर कैलाशगेट तक पूरी तरह जाम की स्थिति बनी रही। चंद्रभागा पुल पर वाहन इंच-इंच कर आगे खिसक रहे थे।
आधे घंटे से भी अधिक समय तक पुल पर जब कई कांवड़ यात्री आगे नहीं बढ़ पाए तो उन्होंने अपने दोपहिया पुल के फुटपाथ पर चढ़ा दिए। उसके बाद वह वापस ऋषिकेश की ओर आए और यहां से आइएसबीटी होते हुए नटराज चौक से भद्रकाली होते हुए तपोवन की ओर निकले। कुछ कांवड़ यात्री बस अड्डे के पास बने नए पुल से चौदह बीघा की ओर गए। लेकिन पुल के मुनिकीरेती छोर से उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया।
वहां से कई दोपहिया सवार चंद्रभागा नदी के किनारे होते हुए भैरव मंदिर के पास पहुंचे। वहां भी जबदरस्त जाम लगा हुआ था। कई कांवड़ यात्रियों ने अपने दोपहिया वाहन बरसाती नदी चंद्रभागा में उतार दिए। चंद्रभागा नदी में इन दिनों जल कम है। नदी को पार कर वह मुख्य सड़क पर पहुंचे। 23 जुलाई को शिवरात्रि है। उससे पहले अगले दो-तीन दिन डाक कांवड़ यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ने का अनुमान है।
नीलकंठ में बढ़ी भीड़
नीलकंठ महादेव मंदिर में शाम चार बजे तक चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर दिया था। नीलकंठ की पार्किंग कांवड़ यात्रियों के वाहनों से पैक हो गई। इसके बाद पुलिस ने गरुडचट्टी पुल के पास चौपहिया और दोपहिया वाहनों को होल्ड करना शुरू कर दिया। चौपहिया वाहनों को सुबह सवा ग्यारह बजे से सवा बारह बजे तक के लिए होल्ड किया गया।
दोपहिया वाहनों को भी आधे घंटे तक रोका गया। चार बार पुलिस को वाहन होल्ड करने पड़े। इसके साथ ही पुलिस ने खैरखाल पार्किंग का भी उपयोग किया। पहली बार दो हजार दोपहिया वाहनों के लिए यहां पार्किंग की व्यवस्था की गई है। नीलकंठ क्षेत्र के मेलाधिकारी और सीओ श्रीनगर अनुज कुमार ने बताया कि डाक कांवड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वाहनों को जरूरत के अनुसार होल्ड किया गया। वापसी में वाहन बैराज मार्ग से भेजे गए।
पुलों पर बढ़ा दबाव
कांवड़ यात्रा में रामझूला पुल और जानकी पुल पर दबाव बढ़ गया है। पुलिस ने अभी दोनों पुलों को पूरी तरह वन-वे नहीं किया है। जरूरत के अनुसार लोगों को अवागमन की अनुमति दी जा रही है। भीड़ बढ़ने पर केवल एक ओर से लोगों को भेजा जा रहा है। खासतौर से पुराने हो चुके रामझूला पुल पर अधिक सतर्कता बरती जा रही है।
जानकी सेतु पर पैदल यात्रियों के साथ ही दोपहिया वाहन भी चल सकते हैं। लेकिन कांवड़ के दौरान केवल पास वाले वाहनों को जाने दिया जा रहा है। बाकी दोपहिया वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई गई है। थानाध्यक्ष लक्ष्मणझूला संतोष पैथवाल ने बताया कि जानकी सेतु से स्थानीय लोगों को 300 पास जारी किए गए हैं। उनका कहना है कि भीड़ लगातार बढ़ रही है। जिन लोगों को पास जारी किए गए हैं उनसे अपील की कि बहुत जरूरी होने पर ही दोपहिया लेकर पुल से आवागमन करें।
बसों की छतों में बैठकर भी पहुंच रहे यात्री
डाक कांवड़ वाहनों को नटराज चौक से शहर में आने से रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाई है। शनिवार को श्यामपुर से तो सीधे दोपहिया डाक कांवड़ वाहन शहर में आए। लेकिन नटराज चौक से उन्हें शहर में नहीं आने दिया। पुलिस ने उन्हें ढालवाला से आगे भेजा। कई कांवड़ यात्री शहर से जाने की जिद करते रहे। वहीं, हरिद्वार से बड़ी संख्या में डाक कांवड़ यात्री आ रहे हैं। कई बसों की छतों में बैठक कर भी यात्री पहुंच रहे हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।