आपदा में Doon-Mussoorie Ropeway की शटरिंग और पाइप बहे, भरा मलबा
देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना को भारी बारिश के कारण नुकसान हुआ है। पुरकुल स्थित लोअर टर्मिनल स्टेशन साइट में मलबा भरने से 15 लाख का नुकसान हुआ। निर्माण सामग्री बह गई और मजदूरों को काम करने में परेशानी हो रही है। वैज्ञानिकों ने निर्माण में खुदाई और जंगलों के कटाव पर चिंता जताई है। रोपवे से देहरादून से मसूरी का सफर 15 मिनट में तय होगा।

तुहिन शर्मा, जागरण देहरादून। जिले में सोमवार-मंगलवार मध्य रात को बादल फटने से हुई तबाही के जख्म दून-मसूरी रोपवे परियोजना को भी चुभे हैं। पुरकुल स्थित परियोजना की लोअर टर्मिनल स्टेशन साइट में भारी मलबा भर गया। साइट में डक्ट निर्माण के लिए लगी शटरिंग और पिलर (जैक) मलबे के साथ बह गये, जिससे निर्माणाधीन संस्था को करीब 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
इसके साथ ही अन्य निर्माण सामग्री भी मलबे के साथ बही है। वहीं, मलबे और बारिश के कारण वहां लगे मजदूरों को कार्य में समस्या हो रही है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी इस समय कार्य करना उनके लिए उचित नहीं है। इससे परियोजना निर्माण की रफ्तार भी प्रभावित हो गई है।
देहरादून में सटे पुरकुल गांव में रोपवे के लोअर टर्मिनल स्टेशन का निर्माण चल रहा है। जबकि गांधी चौक मसूरी में अपर टर्मिनल स्टेशन का निर्माण होना है। आपदा के साथ आए मलबे के कारण रोपवे साइट से ऊपर के लिए जाने वाला मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।
उसके आसपास पहाड़ों से आया पत्थरों का भारी मलबा जमा हो चुका है, जिससे मजदूरों को कार्य करने में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है और यह उनके लिए असुरक्षित है। निर्माणाधीन संस्था ने मजदूरों को लगाकर मलबा साफ कराने का कार्य शुरू करा दिया है। संस्था का दावा है कि जल्द ही निर्माण कार्य रफ्तार पकड़ेगा और तय अवधि में निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
वैज्ञानिकों ने रोपवे निर्माण पर जताई चिंता
दून-मसूरी रोपवे निर्माण में हो रही खुदाई और ड्रिलिंग और जंगलाें के कटाव को लेकर वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है। उन्हें आशंका है कि इससे आपदा को और भी अधिक निमंत्रण मिल सकता है। हालांकि निर्माणाधीन संस्था ने रोपवे साइट की मिट्टी की 30 फीट तक जांच कराई है। इसके अलावा अन्य जरूरी परीक्षणों को भी शामिल किया है।
लोअर टर्मिनल स्टेशन के दो मंजिल का कार्य पूरा
रोपवे के लोअर टर्मिनल स्टेशन के पास बनी पार्किंग में तीन मंजिल तक निर्माण कार्य पूरा हो गया है। पूरी परियोजना में बनने वाले 26 टावर में से 13 की नींव का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसमें तीन में नट-बोल्ट लग चुके हैं। लोअर टर्मिनल स्टेशन भवन की दोमंजिला इमारत का कार्य पूरा हो चुका है और तीसरी मंजिल का कार्य गतिमान है।
साल 2026 तक पूर्ण करने का दावा
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने साल 2024 की शुरूआत में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड के अंतर्गत मसूरी स्काइवार कंपनी के माध्यम से 300 करोड़ रुपये की लागत से देहरादून-मसूरी रोपवे का निर्माण शुरू कराया था। पर्यटन विभाग का दावा है कि साल 2026 के अंत तक इसे पूर्ण कर लिया जाएगा और 2027 में संचालन शुरू हो जाएगा।
15 मिनट का रह जाएगा सफर
पर्यटन सीजन में पर्यटकों को देहरादून से मसूरी पहुंचने में 1.5 से तीन घंटे का समय लगता है। लेकिन रोप-वे के माध्यम से पर्यटक मात्र 15 मिनट में पहुंच सकेंगे। सड़क मार्ग से देहरादून से मसूरी की दूरी 33 किमी है। जबकि रोप-वे से यह दूरी सिर्फ 5.5 किमी में सिमट गई है। एक घंटे में एक ओर से करीब 1300 यात्री पहुंच सकेंगे।
दून-मसूरी रोपवे का निर्माण संचालित है। मलबे को साफ कराकर और तेजी से कार्य शुरू होगा। बारिश थमने के बाद लेबरों की संख्या बढ़ाकर इसे निर्धारित समय अवधि में पूर्ण कर लिया जाएगा। - दीपक खंडूड़ी, निदेशक अवसंरचना, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड
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