Uttarakhand Panchayat Election: आपदा से निपटने के लिए आयोग की हर स्तर पर तैयारी, कल होंगी पोलिंग पार्टियां रवाना
हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड के शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं। प्रथम चरण के मतदान के लिए पोलिंग पार्टियां 21 जुलाई से रवाना होंगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए हर स्तर पर तैयारी है। उन्होंने मतदाताओं से अधिक संख्या में मताधिकार का प्रयोग करने की अपील की है।

हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में दो चरणों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया अब मंजिल की ओर बढ़ रही है। 24 जुलाई को प्रथम चरण के मतदान के दृष्टिगत 21 जुलाई से पोलिंग पार्टियों की रवानगी शुरू हो जाएगी। चूंकि, चुनाव वर्षाकाल में हो रहे हैं और मानसून जिस तरह से बरस रहा है, उससे आपदा की चुनौती भी मुंहबाए खड़ी है।
ऐसे में आशंकाओं के बादल भी कम नहीं है। यद्यपि, राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार का कहना है कि किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की हर स्तर पर तैयारी पूरी है। इसमें मतदाताओं से लेकर पोलिंग पार्टियों की सुरक्षा के दृष्टिगत तमाम कदम उठाए गए हैं। पंचायत चुनाव से जुड़े विभिन्न विषयों को लेकर दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता केदार दत्त ने राज्य निर्वाचन आयुक्त से लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं इसके मुख्य अंश :-
प्रश्न: पंचायत चुनाव को लेकर आयोग की तैयारी क्या हैं।
-पंचायत चुनाव के लिए सभी 12 जिलों में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। मतदान सामग्री यथा बैलेट बाक्स, बैलेट पेपर आदि जिलों को पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है। 24 जुलाई को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए पोलिंग पार्टियों की चरणवार रवानगी 21 जुलाई से शुरू हो जाएगी। इसी तरह 28 जुलाई के मतदान के दृष्टिगत भी तीन दिन पहले से पोलिंग पार्टियां रवाना की जाएंगी। निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए आयोग के स्तर पर जिलों में सभी तैयारियां पूरी हैं।
प्रश्न:- वर्षाकाल में चुनाव हो रहे हैं और इस दौरान आपदा भी बड़ी चुनौती है।
-जहां तक आपदा का प्रश्न है तो इससे निबटने के लिए सभी जिलों में आकस्मिक योजना बनाई गई है। मुख्य मार्गों के साथ ही वैकल्पिक मार्गों को भी खुला रखने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। चुनाव ड्यूटी में लगे कार्मिकों की हर स्तर पर सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। मतदाताओं को दिक्कत न हो, इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। सभी जिलों में मशीनरी को अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम स्तर पर कार्यरत विभिन्न विभागों के कार्मिकों को मतदान संपन्न होने तक गांवों में ही रुकने को कहा गया है। अन्य कई कदम भी उठाए गए हैं।
प्रश्न: यदि कहीं आपदा के कारण मतदान में बाधा आई तो...।
-आपदा पर किसी का वश नहीं है, लेकिन हमने से इससे निबटने को हर स्तर पर तैयारी की हैं। फिर भी यदि कहीं किसी प्रकार की कोई बड़ी कठिनाई आती है तो पुनर्मतदान का विकल्प है। वैसे भी द्वितीय चरण का मतदान 28 जुलाई को होना है। यदि प्रथम चरण में कहीं दिक्कत आई तो तो द्वितीय चरण के साथ वहां मतदान कराया जा सकता है।
प्रश्न:- इस बार पंचायत चुनाव निरंतर ही विवादों में रहा है, क्या कहेंगे।
-देखिये, राज्य निर्वाचन आयोग संविधान और पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत कार्य करता है। वर्ष 2019 में भी इसी आधार पर पंचायत चुनाव हुए थे। आयोग नियम कानूनों से बंधा है। लिहाजा, चुनाव पंचायती राज अधिनियम के तहत ही कराए जा रहे हैं।
प्रश्न: दो जगह मतदाता सूचियों में नाम व ऐसे व्यक्तियों के नामांकन का विषय अधिक चर्चा में रहा।
-अधिकतर मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। इसलिए इन पर टिप्पणी नहीं की जा सकती। नामांकन को लेकर जो भी विषय आए हैं, उनमें से अधिकतर निस्तारित हो चुके हैं। न्यायालय के आदेश पर टिहरी, चंपावत जिलों में कुछ प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित भी किए गए हैं।
प्रश्न: मतदाताओं के लिए कोई संदेश।
-मैं सभी मतदाताओं से यही अपील करूंगा कि वे अधिक संख्या में मताधिकार का प्रयोग करें। सभी मतदान में भाग लें और सही प्रतिनिधि का चुनाव करें। दिव्यांग व अशक्त मतदाताओं को सहायक देने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो ऐसे मतदाताओं को सहायक उपलब्ध कराएंगे।
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