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    कैसे होता है जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख का चुनाव? यहां पढ़ें एकल संक्रमणीय पद्धति की डीटेल

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 07:38 AM (IST)

    राज्य निर्वाचन आयोग जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव की तैयारी कर रहा है। चुनाव राष्ट्रपति चुनाव की तरह एकल संक्रमणीय पद्धति से होगा। सदस्यों को बैलेट पेपर पर प्रत्याशियों के नाम के आगे वरीयता अंकित करनी होगी। मतगणना में प्रथम वरीयता के मतों के आधार पर विजेता का निर्णय होगा और बहुमत न मिलने पर द्वितीय वरीयता के मतों को शामिल किया जाएगा।

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    राष्ट्रपति चुनाव की तरह एकल संक्रमणीय पद्धति से होता है चुनाव. Concept Photo

    राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखों के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग अब कसरत करने जा रहा है। इन पदों का चुनाव सामान्य निर्वाचन से अलग राष्ट्रपति चुनाव की तरह एकल संक्रमणीय पद्धति से होता है। जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत प्रमुख का चुनाव क्षेत्र पंचायत सदस्य करते हैं। आइये, जानते हैं कैसे होता है इन पदों का चुनाव।

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    जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख पदों के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग तिथियां तय कर इसकी अधिसूचना जारी करेगा। आयोग के संयुक्त सचिव कमलेश मेहता के अनुसार चुनाव का कार्यक्रम तय होने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख पदों के प्रत्याशी नामांकन दाखिल करेंगे। तय तिथि पर मतदान के दिन सभी सदस्यों को बैलेट पेपर मिलेगा, जिसमें संबंधित प्रत्याशियों के नाम होंगे। मतदान में इन नाम के आगे प्रथम, द्वितीय, तृतीय वरीयता अंकित करनी होती है।

    मतगणना में सबसे पहले वे मतपत्र अलग किए जाते हैं, जो विभिन्न कारणों से रद कर दिए गए हों। इसके पश्चात प्रथम वरीयता के मत गिने जाते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि किसी जिला पंचायत में कुल 40 पद हैं तो उनमें से प्रथम वरीयता में ही आधे से एक ज्यादा यानी 21 मत प्राप्त करने वाले प्रत्याशी को विजेता घोषित किया जाता है।

    यदि प्रथम वरीयता की मतगणना में किसी को इतने मत नहीं मिलते हैं तो अंतिम स्थान वाले प्रत्याशी को हटाकर उसके मतों को द्वितीय वरीयता वाले मतों में शामिल कर लिया जाता है। जब तक किसी को आधे से एक अधिक मत नहीं मिल जाते, तब तक यह प्रक्रिया चलती रहती है। यदि कहीं दो ही प्रत्याशी हैं तो जिसे प्रथम वरीयता के ज्यादा मिलते हैं, उसे विजयी घोषित किया जाता है। क्षेत्र पंचायत प्रमुख पद के चुनाव में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।