ऑनलाइन गेम के चक्कर में डी फार्मा डिग्री धारक छात्र बन गया चोर, बाइक चोरी करते गिरफ्तार
विकासनगर में सहसपुर पुलिस ने एक डी फार्मा छात्र को चोरी की मोटरसाइकिल के साथ गिरफ्तार किया। ऑनलाइन गेमिंग की लत के चलते कर्ज में डूबे छात्र ने करोड़पति बनने के लिए चोरी का रास्ता अपनाया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से उसे धर दबोचा। पूछताछ में पता चला कि वह कर्ज चुकाने के लिए बाइक बेच रहा था।

जागरण संवाददाता, विकासनगर। कोतवाली सहसपुर पुलिस ने डी फार्मा डिग्री धारक युवक को चोरी की मोटरसाइकिल के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपित छात्र ऑनलाइन गेम के चक्कर में कंगाल हो गया, उस पर काफी कर्जा हो गया।
गेम से शार्ट कट में करोड़पति बनने की इच्छा ने उसे चोर बना दिया। गेम की लत के चक्कर में अब्दुस समद निवासी आर्केडिया ग्रांट गोरखपुर पटेलनगर देहरादून ने बाइक चोरी की और पकड़ा गया।
कोतवाली सहसपुर में 26 जून को आशीष पांडे पुत्र संतोष पांडे निवासी शंकरपुर सहसपुर द्वारा दी तहरीर में कहा था कि अज्ञात चोर शंकरपुर रोड स्थित एक मल्टी स्टोर के बाहर से उसकी मोटरसाइकिल चोरी कर ले गए। सूचना के आधार पर कोतवाली सहसपुर में अज्ञात के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज किया गया।
खंगाली सीसीटीवी कैमरों की फुटेज
कोतवाल शंकर सिंह बिष्ट द्वारा गठित पुलिस टीम में शामिल अपर उपनिरीक्षक अरविंद कुमार, सिपाही कुलदीप चौधरी, राजवीर भंडारी, एसओजी सिपाही जितेंद्र कुमार आदि ने घटनास्थल व आसपास के रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। जिससे पुलिस को सुराग हाथ लगे।
पुलिस टीम ने रविवार को चेकिंग व गश्त के दौरान यूपी बार्डर पर स्थित सहसपुर कोतवाली की दर्रारीट चेकपोस्ट से चोरी की बुलेट क्लासिक मोटरसाइकिल के साथ अब्दुस समद निवासी आर्केडिया ग्रांट गोरखपुर पटेलनगर देहरादून को गिरफ्तार कर लिया।
एसएसआई विकास रावत के अनुसार पुलिस पूछताछ में आरोपित अब्दुस समद ने बताया कि उसने वर्ष 2023 में झाझरा स्थित एक कॉलेज से डी फार्मा किया हुआ है। उसे ऑनलाइन गेम खेलने की लत पड़ गयी। शार्टकट में पैसे कमाने के लालच में गेम खेलने के शौक में उसने काफी रुपए खर्च कर दिए थे।
उस पर काफी कर्जा हो गया था। जिसे उतारने के लिए उसने मोटरसाइकिल चोरी की योजना बनाई और शंकरपुर रोड से बाइक चोरी की। मोटरसाइकिल को बेचने के लिए वह सहारनपुर यूपी जा रहा था, लेकिन चेकपोस्ट पर चेकिंग के दौरान पकड़ा गया। आरोपित का अपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है।
शार्टकट में पैसा कमाने का लालच बिगाड़ रहा हालात
राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान सेलाकुई के वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डा. रविंद्र नवानी ने ऑनलाइन गेम के चक्कर में सब कुछ गंवाने वाले लोगों की मनोवृत्ति पर मनोवैज्ञानिक पहलू बताया कि शार्टकट में पैसा कमाने के लालच में सब डूब जाता है। कहा कि जीवन कठिन है। जिसमें सफलता काफी परीक्षा और लगातार किए जाने वाले प्रयासों से मिलती है। लेकिन आजकल के अनेक युवा सीधे रास्ते को ना अपना कर शॉर्ट कट से पैसा और सफलता प्राप्त करना चाहते हैं।
कई ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। जैसे ही पैसा जीतने के लिए गेम खेलते हैं तो साफ्टवेयर उस व्यक्ति की कमजोरी समझ जाता है और ऑनलाइन गेम के नाम पर ठगने वाले ऐसे युवाओं को अपने जाल में फंसा लेते हैं। ड्रॉ से संबंधित ऑनलाइन गेम में व्यक्ति धीरे धीरे एक खिलाड़ी की मानसिक स्थिति में आ जाता है।
नुकसान होने पर भी बस एक बार और की सोच के साथ खेलता जाता है, उसे लगता है कि वह अपना खोया सारा पैसा वापस ले आएगा। जब तक उसके पास कुछ नहीं रह जाता, वह हार नहीं मानता। यदि गेम में लगाए पैसे को किसी काम में लगाता तो आजीविका के साधन विकसित होते। सकारात्मक सोच विकसित होती।
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