निकाय मतदाताओं को पंचायत सूची से हटाने की कांग्रेस की मांग, माहरा बोले- सरकार के प्रति जनता का विश्वास डगमगाया
कांग्रेस ने निकाय चुनावों के मतदाताओं को पंचायत सूची से बाहर करने की मांग की है। करन माहरा ने पंचायत चुनावों में कम नामांकन पर चिंता जताई यह सरकार की कार्यप्रणाली के प्रति उदासीनता को दर्शाता है। उन्होंने निकाय सूची में शामिल लोगों के नाम पंचायत सूची में होने पर सवाल उठाए और ऐसे लोगों का नामांकन रद्द करने की मांग की। उन्होंने सरकार पर साजिश का आरोप भी लगाया।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कांग्रेस ने पंचायत चुनावों में ग्राम पंचायत सदस्य पदों के लिए पदों के सापेक्ष काफी कम नामांकन पर चिंता जताई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार की कार्यप्रणाली और पंचायत चुनावों को लेकर आमजन में काफी उदासीनता है।
सरकार के प्रति ग्राम सभाओं में जनता का विश्वास डगमगाया है। उन्होंने नगर निकाय चुनावों की मतदाता सूची में शामिल व्यक्तियों के नाम पंचायतों की मतदाता सूची में भी होने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ऐसे लोगों का नामांकन रद करने और और उन्हें मतदान से रोके जाने की भी मांग की है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा ने एक बयान में कहा कि ग्राम पंचायत सदस्य पदों पर कम नामांकन के कारण अनेक पद रिक्त रह सकते हैं। इससे संवैधानिक संकट की स्थित उत्पन्न हो सकती है और ग्राम सभाओं के गठन में बाधा आ सकती है। यह गंभीर विषय है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने साजिश के तहत छह माह तक पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किए। उद्देश्य यह था कि निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में इतना अंतर उत्पन्न हो सके, जिससे भाजपा निकाय मतदाताओं के माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था को प्रभावित कर सके।
उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के 2019 के आदेश के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति निकाय की मतदाता सूची में नाम होने के बावजूद अपना नाम ग्राम सभा में दर्ज कराता है अथवा बिना नाम कटाए चुनाव लड़ता है तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। उन्होंने राज्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर इस आदेश को तत्काल लागू करने की भी मांग की है।
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