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    बिना वजह मरीजों को रेफर किया तो नौकरी खतरे में, डॉक्टर से लेकर सीएमएस तक... सभी निशाने पर

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 04:13 PM (IST)

    देहरादून के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अनावश्यक रेफर करने पर मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती दिखाई है। सचिव स्वास्थ्य ने हर रेफरल पर सीएमएस की जिम्मेदारी तय की है और ठोस कारणों का उल्लेख अनिवार्य किया है। मरीजों को एंबुलेंस न मिलने पर वैकल्पिक व्यवस्था और मृतकों के परिजनों को शव ले जाने की सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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    देहरादून अनावश्यक रेफरल पर अब सीएमएस की होगी जिम्मेदारी।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों द्वारा मरीजों को अनावश्यक रैफरल करने के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नाराजगी के बाद अब स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार ने हर रैफरल पर अब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) की जिम्मेदारी तय कर दी है।

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    उन्होंने कहा कि हर रैफरल को सीएमएस के काउंटर साइन के साथ वैध और ठोस कारणों का भी उल्लेख करना होगा। उन्होंने कहा कि मरीज को 108 एंबुलेंस अथवा विभागीय एंबुलेंस न मिलने की स्थिति में अस्पतालों को मरीजों को उच्च चिकित्सा सुविधा तक लेने जाने के लिए अन्य संसाधनों का प्रयोग करते हुए सेवा देना सुनिश्चित करना होगा।

    सोमवार को सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार ने सचिवालय सभागार में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि अब अस्पतालों से मरीजों को अनावश्यक रैफर नहीं किया जाएगा।

    यह देखा गया है कि अस्पतालों की लापरवाही या संसाधन प्रबंधन की कमी के कारण मरीजों को बिना स्पष्ट कारण के ही रैफर कर दिया जाता है। जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ जाती है।

    उन्होंने कहा कि यदि किसी मामले में बिना ठोस कारण के ही मरीजों को रैफर किया गया तो संबंधित के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक मानक प्रचालन कार्यविधि बनाई जाए ताकि पूरे प्रदेश में एकरूपता के साथ रैफरल प्रक्रिया अपनाई जा सके।

    उन्होंने कहा कि मरीजों को यदि समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाती है तो संबंधित अस्पतालों को तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने इसके लिए पहले से ही एक स्थानीय एंबुलेंस का नेटवर्क और संसाधन सूची भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

    बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डा सुनीता टम्टा, निदेशक डा. शिखा जंगपांगी व डा सीपी त्रिपाठी समेत विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

    मृतकों के स्वजन को अब शव ले जाने के लिए नहीं होगी परेशानी

    स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कई बार मरीज की मृत्यु के बाद उसके स्वजन को उसका पार्थिव शरीर घर तक ले जाने में काफी परेशानी होती है। विशेष रूप से तब जब मोर्चरी या शव वाहन उपलब्ध नहीं होता।

    उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में संबंधित अस्पताल प्रशासन या सीएमओ स्वयं संसाधन जुटाकर यह सुनिश्चित करें कि शव को सम्मानपूर्वक स्वजन तक पहुंचाया जाए। यह एक नैतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी है।

    कार्यभार न ग्रहण करने वाले डाक्टरों को भेजा जाएगा नोटिस

    सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि पोस्ट पीजी ट्रेनिंग के बाद स्थानांतरण आदेश जारी होने के बावजूद कार्यभार ग्रहण न करने वाले डाक्टरों को तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए।

    उन्होंने कहा कि सेवा शर्तों की अवहेलना को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे डाक्टरों के खिलाफ नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।