Dehradun Car Accident: लगातार हो रहे हादसों की रोकथाम को हरकत में आया जिला प्रशासन, तीन सदस्यीय समिति करेगी जांच
Dehradun Car Accident देहरादून में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्द ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून। लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं की जांच व उनकी रोकथाम के लिए जिला प्रशासन हरकत में आ गया है।
इसके लिए जिला सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष/जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) देहरादून राजेंद्र विराटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की है।
समिति में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) ऋषिकेश व विकासनगर भी शामिल हैं। समिति 15 दिन में अपनी रिपोर्ट जिला सड़क सुरक्षा समिति को सौंपेगी।
छह युवाओं की जान चली गई
सोमवार आधी रात हुई सड़क दुर्घटना के बाद न केवल देहरादून जिले में दुर्घटना संभावित स्थलों पर सुरक्षा संबंधी इंतजामों की पोल खुल गई है, बल्कि पुलिस व परिवहन विभाग की रात्रि चेकिंग व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। बेलगाम गति से 10 किमी दौड़ती हुई कार को न तो पुलिस ने कहीं पर रोका और परिवहन विभाग की टीम रात में कहीं नजर आई। नतीजा, यह हुआ कि छह युवाओं की जान चली गई।
दून जिले में न केवल शहर बल्कि मसूरी, विकासनगर, सहसपुर, डोईवाला, ऋषिकेश और शिमला बाईपास पर भी दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा। जिलाधिकारी ने इसकी जांच के निर्देश संभागीय परिवहन अधिकारी को दिए हैं।
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इसी क्रम में संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर 15 दिन में जनवरी से अब तक हुई दुर्घटनाओं का विश्लेषण करने और दुर्घटनास्थल पर सुधार के उपाए से जुड़ी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
बेलगाम गति पर दून शहर में 2,625 चालान
संभागीय परिवहन अधिकारी शैलेश तिवारी ने दावा कि परिवहन विभाग बेलगाम गति को लेकर लगातार कार्रवाई कर रहा है। इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक बेलगाम गति पर दून शहर में 2,625 वाहनों का चालान किया गया। बेलगाम गति मामलों में दो हजार रुपये का जुर्माना व चालक का ड्राइविंग लाइसेंस तीन माह तक निलंबित रखने का प्रविधान भी है।
शहर में अधिकतम गति-सीमा 40
परिवहन विभाग के अनुसार शहर में वाहनों की अधिकतम गति-सीमा 40 किमी प्रतिघंटा है। हालांकि, कुछ मार्गों पर यह सीमा 20 या 30 किमी प्रतिघंटा भी है। सोमवार देर रात हुई दुर्घटना की प्रारंभिक जांच में वाहन की गति 140 से 150 किमी प्रतिघंटा होने का अनुमान लगाया जा रहा।
10 माह में गई 158 जान
संभागीय परिवहन अधिकारी शैलेश तिवारी ने बताया कि इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर तक दून जनपद में कुल 435 वाहन दुर्घटना हुई, जिनमें 158 व्यक्तियों की मृत्यु जबकि 376 घायल हुए। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष इस अवधि में 373 दुर्घटना में 151 लोगों की मृत्यु हुई थी।
समिति को सौंपी गई जिम्मेदारी
- जनवरी से अब तक हुई दुर्घटनाओं का आंकड़ा पुलिस से प्राप्त कर उसका विश्लेषण किया जाएगा।
- विश्लेषण के बाद ऐसे मार्ग, स्थान व क्षेत्रों को चिह्नित किया जाएगा, जहां बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हैं।
- दुर्घटना संभावित सभी स्थलों का भौतिक निरीक्षण कर कारणों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
- दुर्घटना किस समय और किस अवधि में अधिक हो रही है, जांच की जाएगी, ताकि वहां चेकिंग की व्यवस्था सुदृढ़ की जा सके।
- विश्लेषण के बाद समिति की ओर से दुर्घटना रोकने के लिए सुझाव पत्र भी तैयार किया जाएगा।

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