देहरादून में करोड़ों की ठगी करने वाले दीपक मित्तल पर बड़ा अपडेट, वानुआतु के पासपोर्ट पर घूम रहा बेरोकटोक
Uttarakhand Crime पुष्पांजलि इंफ्राटेक के मालिक दीपक मित्तल निवेशकों से ठगी कर फरार हो गया है। एसआईटी जांच में पता चला कि उसने वानुआतु की नागरिकता ले ली है और दीपक कुमार के नाम से पासपोर्ट बनवाया है। वह इसी पासपोर्ट पर भारत समेत कई देशों में घूम रहा है। पुलिस और अन्य एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं।

अंकुर अग्रवाल, जागरण देहरादून। दून में आवासीय परियोजना के नाम पर फ्लैट निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी कर दुबई फरार हुए पुष्पांजलि इंफ्राटेक कंपनी के मालिक बिल्डर दीपक मित्तल के मामले में एसआइटी जांच में चौंकाने वाली बात सामने आई है।
जांच में पता चला है कि दीपक मित्तल ने प्रशांत महासागर के द्वीपीय देश वानुआतु की नागरिकता प्राप्त कर ली है। उसने वहां से दीपक कुमार के नाम से पासपोर्ट बनवाया है और इसी पासपोर्ट पर वह भारत एवं अन्य देशों की यात्रा भी कर रहा है।
आइजी (गढ़वाल) राजीव स्वरूप ने बताया कि जांच में दीपक मित्तल का दीपक कुमार के नाम से वानुआतु का पासपोर्ट बनाने की जानकारी सामने आई है और इसकी सत्यता की पड़ताल कराई जा रही है।
पुष्पांजलि इंफ्राटेक की देहरादून स्थित आर्किड पार्क परियोजना में 90 फ्लैट खरीदारों के 45 करोड़ रुपये हड़पकर फरार 50 हजार रुपये के इनामी बिल्डर दीपक मित्तल के पिछले दिनों देहरादून आकर वापस जाने की सूचना पर आइजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने मई में मित्तल के विरुद्ध एसआइटी जांच बैठा दी थी।
हालांकि, दून पुलिस इस बात से मुकरती रही है कि मित्तल देहरादून आया था, लेकिन आइजी गढ़वाल को ऐसा पता चला है कि मित्तल नेपाल के रास्ते उत्तराखंड में प्रवेश कर दून पहुंचा था। करोड़ों के इस घोटाले में केवल पुलिस नहीं, बल्कि ईडी और रेरा भी जांच कर रहे हैं।
आइजी राजीव स्वरूप ने दीपक मित्तल के प्रोजेक्ट से लेकर निवेशकों से ठगी करने, उसके विदेश फरार होने और गैंगस्टर लगने से पहले पूरी संपत्ति बेचे जाने के मामले की हर पहलू से जांच का आदेश एसआइटी को दिया है।
एसआइटी को यह भी पता चला है कि सहस्रधारा रोड पर पुष्पांजलि की आर्किड पार्क (फेज-1 और फेज-2) परियोजना का निर्माण राजपाल वालिया की भूमि पर किया जा रहा था। वालिया पुष्पांजलि कंपनी में दीपक का पार्टनर है। दीपक मित्तल के पत्नी राखी मित्तल के साथ फरार हो जाने के बाद वालिया को पुलिस और ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था, जो वर्तमान में जेल में है।
बता दें कि पुष्पांजलि इंफ्राटेक की परियोजनाओं में फ्लैट बुक कराने वाले लोगों की रकम लेकर फरार बिल्डर दीपक मित्तल पूरे सिस्टम के लिए चुनौती बना हुआ है। पुलिस की ओर से पुष्पांजलि के निदेशक दीपक मित्तल और उसकी पत्नी राखी मित्तल के विरुद्ध अब तक 10 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।
बिल्डर दंपती के खिलाफ अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किए हुए हैं और पुलिस ने उन पर गैंगस्टर भी लगाया हुआ है। इसके साथ ही बिल्डर दंपती पर 50-50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित है और ईडी ने उनके खिलाफ खिलाफ ब्लू कार्नर नोटिस भी जारी किया हुआ है।
28 जुलाई 2022 को जारी हुआ पासपोर्ट
दीपक मित्तल को वानुआतु से जारी पासपोर्ट 28 जुलाई 2022 को बना है। इसकी वैधता 27 जुलाई 2032 तक है। दीपक कुमार के नाम से जारी इस पासपोर्ट में उसकी जन्म-तिथि 26 जून 1977 दर्ज है और पता देहरादून लिखा हुआ है। पासपोर्ट का नंबर (आरवी 01169100) बताया जा रहा है।
जिला पुलिस की भूमिका रही है संदिग्ध
करीब डेढ़ साल पहले दीपक मित्तल ने उच्च न्यायालय नैनीताल में पेश होकर याचिका दायर की थी। उस दौरान आरोपित के अधिवक्ता ने न सिर्फ फरार होने की बात को खारिज किया, बल्कि यह भी कह डाला कि पुलिस के जांच अधिकारी ने याचिकाकर्ता के आवास पर मित्तल से मुलाकात की।
इस दौरान जांच अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठे और जांच भी हुई। दूसरी ओर करोड़ों रुपये की ठगी कर फरार हुए दीपक मित्तल पर गैंगस्टर तब लगाई गई जब वह पूरी संपत्ति बेच चुका था। सवाल यह है कि समय रहते क्यों नहीं उस पर गैंगस्टर लगाई गई, ताकि उसकी करोड़ों की संपत्ति अटैच की जा सकती थी।
निवेशकों के करोड़ों रुपये लेकर फरार हुए दीपक मित्तल के वानुआतु की नागरिकता लेने और दीपक कुमार के नाम से पासपोर्ट बनाने की जानकारी मिली है। जांच कराई जा रही है कि स्थानीय स्तर पर इसमें लापरवाही हुई है या किसी की मिलीभगत है। यदि किसी की मिलीभगत सामने आई तो उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - राजीव स्वरूप, आइजी गढ़वाल

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