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    Uttarakhand में सौर ऊर्जा की पीक आवर्स में बढ़ेगी उपलब्धता, 100 मेगावाट बैटरी सिस्टम स्वीकृत

    Updated: Sun, 06 Jul 2025 10:51 AM (IST)

    उत्तराखंड सरकार ने सौर ऊर्जा के बेहतर उपयोग के लिए 100 मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) की स्थापना को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य रात के समय सौर ऊर्जा की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इसके अतिरिक्त राज्य में ट्रांसफार्मर में 76 हजार से अधिक कैपेसिटर बैंक लगाए जाएंगे और सीमांत गांवों को ग्रिड से जोड़ा जाएगा।

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    ऊर्जा भवन में शनिवार को ऊर्जा निगम के निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता करते मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन। साभार-सूवि

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में हरित ऊर्जा के रूप में सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देने से विद्युत की उपलब्धता बढ़ तो रही है, लेकिन पीक आवर्स यानी रात्रि के समय इस ऊर्जा के उपयोग में निरंतरता में पेच है। इस समस्या का काफी हद तक समाधान बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) के माध्यम से संभव है।

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    प्रदेश ने बीईएसएस की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में शनिवार को ऊर्जा निगम के निदेशक मंडल की बैठक में 100 मेगावाट का बीईएसएस स्थापित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी।

    प्रदेश सरकार ने वर्ष 2027 तक सौर ऊर्जा से 2500 मेगावाट विद्युत उत्पादित करने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में 250 मेगावाट से अधिक क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। इन संयंत्रों से दिन में विद्युत उत्पादित होती है, लेकिन सायंकाल एवं रात्रि में बिजली की मांग अधिक रहती है। बैटरी स्टोरेज सिस्टम से जुड़ने के बाद सौर ऊर्जा का उपयोग व्यवस्थित एवं निरंतर हो सकेगा।

    यह परियोजना राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण को बढ़ावा देने में सहायता करेगी। मुख्य सचिव ने इस परियोजना से संबंधित धनराशि सस्ती ब्याज दरों पर उपलब्ध हो, इसके लिए विभिन्न वित्तीय संस्थानों से प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों का आकलन करते हुए निर्णय लेने के निर्देश दिए।

    सीमांत गांवों को ग्रिड से होगी विद्युत आपूर्ति 

    ऊर्जा भवन में निगम के निदेशक मंडल की 124वीं बैठक में प्रदेश में ऊर्जा आपूर्ति को सुधारने और वोल्टेज की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रदेशभर में ट्रांसफार्मर में 76 हजार से अधिक कैपेसिटर बैंक लगाने को भी अनुमोदित किया गया।

    मुख्य सचिव ने सीमांत जिलों के ऐसे गांव जो अभी सौर ऊर्जा से आच्छादित हैं, उन्हें ग्रिड आधारित विद्युत आपूर्ति से जोड़ने के निर्देश भी दिए। बैठक में बताया गया कि निगम ने विगत तीन वर्षों में राजस्व संग्रह में वृद्धि की है। विद्युत उपभोक्ता रैंकिंग में सुधार हुआ है। एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल लास में विगत तीन वर्षों में कमी आई है।

    निदेशक मंडल में तकनीकी सदस्य होगा नियुक्त 

    बैठक में यह निर्णय भी हुआ कि विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित तकनीकी बिंदुओं के बेहतर अध्ययन के लिए निदेशक मंडल में एक तकनीकी सदस्य की नियुक्ति की जाएगी। सितंबर, 2025 तक एंटरप्राइज रिसोर्स प्लान को पूरी तरीके से स्थिर करने के निर्देश भी दिए गए।

    बैठक में ऊर्जा प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, वित्त सचिव दिलीप जावलकर, निदेशक मंडल सदस्य बीपी पांडेय व पराग गुप्ता, निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार, पिटकुल के प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी एवं जलविद्युत निगम के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल उपस्थित रहे।